राज्यसभा सांसद डॉ. नरेश बंसल ने सदन मे उठाया बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर बैंक ग्राहकों से जुर्माना वसूलने संबंधित जनहित का मुद्दा
नई दिल्ली : सांसद राज्य सभा एवं भाजपा राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष डॉ. नरेश बंसल ने सदन मे बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर बैंक ग्राहकों से जुर्माना वसूलने संबंधित जनहित का मुद्दा उठाया। डॉ. नरेश बंसल ने सदन मे स्पेशल मेनशन के माध्यम से यह विषय उठाते हुए कहा कि बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर बैंक ग्राहकों से जुर्माना वसूलते हैं। इस दंड से बचने के लिए आपके बचत खाते में न्यूमतम राशि की अनिवार्यता होनी जरूरी है। अगर आपके बचत खाते में एवरेज मंथली बैलेंस (AMB) बैंक द्वारा तय की गई राशि से कम होता है तो आपसे ये जुर्माना वसूला जाता है।
डॉ. नरेश बंसल ने कहा कि अधिक समस्या इस बात को लेकर है कि ग्राहकों को इसकी पहले से जानकारी नहीं दी जा रही है। सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम बैलेंस वाले खातों से स्वत: पेनाल्टी के रूप में रुपए काट लिया जा रहे हैं। हर महीने के क्लोजिंग डे के बैलेंस के औसत को मिनिमम अकाउंट बैलेंस कहा जाता है। मिनिमम अकाउंट बैलेंस अलग-अलग बैंकों और उनकी अलग-अलग शाखाओं पर निर्भर करता है। अर्ध-शहरी/ग्रामीण शाखाओं के मुकाबले मेट्रो/शहरी शाखाओं में अमूमन ज्यादा मिनिमम बैलेंस रखना होता है।
डॉ. नरेश बंसल ने कहा कि भारत मे बैक ग्राहको से ऐकाउंट मे मिनिमम बैलेंस नही रखने की वजह से 21000 करोड कमाने मे कामयाब रहे है। ज्यादा एटीएम ट्रांजैक्शन से 8000 करोड़ और मैसेजिंग से 6000 हजार करोड़। इस हिसाब से बैंको ने कुल 35000 करोड़ इन सुविधाओ से कमाए है आम जनता से। बैंक अलग अलग लोकेशन के हिसाब से ऐवरेज मंथली बैलेंस तय करता है जो ग्राहक को रखना होगा। डॉ. नरेश बंसल ने सदन के माध्यम कि अगर मिनिमम बैलेंस नही हुआ तो जुर्माना लगाया जाता है इससे बैंकों के ग्राहकों में इससे आक्रोश है,इसे बंद किया जाना चाहिए।