Category: साहित्य

गणतन्त्र दिवस पर युवा कवि विक्रमादित्य की कविता “प्राणो से भी हमको प्यारा, अमर रहे गणतंत्र हमारा” 

प्राणो से भी हमको प्यारा  अमर रहे गणतंत्र हमारा  सींचा इसको अपने लहू से  कितने ही बलिदानो ने  संघर्षो से मुक्त कराया कितने इसके दीवानो ने  देशभक्तों को सदा रहेगा …

संकल्प शक्ति से वाणी शक्ति पर हो जाता है कंट्रोल

देहरादून (मनोज श्रीवास्तव): संकल्प शक्ति से वाणी शक्ति पर कंट्रोल हो जाता है। इसके लिये तीन बातें बोल के लिए कही गयी है – कम बोलो, धीरे बोलो और मधुर…

सत्यता की निशान है सभ्यता

  देहरादून (मनोज श्रीवास्तव): आजकल एक विशेष भाषा बहुत यूज़ करते हैं कि हमसे असत्य देखा नहीं जाता, असत्य सुना नहीं जाता, इसलिए असत्य को देख झूठ को सुन कर…

सत्य और असत्य का विशेष अन्तर

  देहरादून : सत्य  से किनारा होने के कारण बुद्धि असत्य को सत्य, रांग को राइट मानने लगती है, उल्टी जजमेंट देने लगती है। कितना भी कोई समझायेगा कि यह…

हर कार्य में ईमानदारी और वफादारी अर्थात ऑनेस्टी

  देहरादून : ऑनेस्ट आत्मा को स्वत: ही दूसरे के  प्यार का अनुभव होगा। बड़ों का, चाहे छोटों का, चाहे समान वालों का, विश्वास-पात्र अनुभव होगा। ऐसे प्यार के पात्र…

महिलाओं के बिना नही की जा सकती हैं समाज की कल्पना, समाज और कानूनी अधिकारों की दरकार

  कोटद्वार (डॉ. तनु मित्तल): कहते हैं कि महिलाएं समाज का एक बहुत महत्वपूर्ण व ज़रूरी हिस्सा हैं जिनके बिना समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पर क्या…