रुड़की पुलिस ने आर्मी एरिया के पास से बांग्लादेशी घुसपैठिए को किया गिरफ्तार, पूछताछ जारी
- हरिद्वार पुलिस की सतर्क निगाहों ने बांग्लादेशी घुसपैठिए को धर दबोचा
- बिना वीजा/पासपोर्ट के भारत में किया था प्रवेश, प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज
रुड़की : कोतवाली रुड़की क्षेत्रान्तर्गत संदिग्ध व्यक्तियों की चैकिंग के दौरान ढंढेरा फाटक BEG आर्मी एरिया के आसपास एक संदिग्ध व्यक्ति, जिसकी भाषा बोली से वह व्यक्ति भारत का होना प्रतीत नहीं हो रहा, के घूमने की सूचना मिली। जिसपर तत्काल कार्यवाही करते हुये पुलिस टीम द्वारा ढंढेरा फाटक के पास मुखबिर की सटीक सूचना पर संदिग्ध व्यक्ति को रोककर पूछताछ में उक्त व्यक्ति की भाषा विदेशी थी जो कि संभवतः बांग्ला भाषा लग रही थी चूंकि मौके पर कोई भी व्यक्ति बांग्ला भाषा का जानकार नहीं था जिसपर पुलिस टीम द्वारा आईआईटी रुड़की से बांग्ला भाषा की जानकारी रखने वाले व्यक्ति को मौके पर बुलाया गया।
आईआईटी रूडकी के सुरक्षा अधिकारी देवाशीश भौमिक द्वारा उक्त व्यक्ति से बांग्ला भाषा में नाम पता आदि पूछने पर उक्त व्यक्ति ने अपना नाम रहीमूल पुत्र वासूमुल निवासी हाकिमपुर पाबना राजशाही बांग्लादेश उम्र लगभग 50 वर्ष बताया तथा बताया कि मैं 03 महीने पहले बांग्लादेश से पैसे कमाने बैनापुर बोर्डर चोरी से पार करके जम्मूतवी ट्रेन से मुर्शिदाबाद सियालदाह होते हुए कोलकाता (भारत) आया फिर 02 – 03 महीने भारत में जगह जगह घूम रहा था। मैने सुना था कि कलियर में उर्स मेला चलने वाला है तो मैं ट्रेन से आज रूडकी आ गया तथा रहने की व्यवस्था के सम्बन्ध में ढंढेरा में घूम रहा था। जब तक कलियर में उर्स का मेला शुरू नहीं होता तब तक मैं रूडकी में ही रहता। रहीमुल उपरोक्त से उसका भारत में प्रवेश सम्बन्धित वीजा/पासपोर्ट/आई0डी0 मांगी गयी तो नहीं दिखा पाया।
रहमुल उपरोक्त बांग्लादेश का निवासी है जिसके द्वारा बिना पासपोर्ट, वीजा के भारत में अवैध तरीके से आने व अवैध रूप से निवास करना पाये जाने पर धारा 14 विदेशी अधिनियम, धारा 03 पासपोर्ट एन्ट्री इनटू इण्डिया अधिनियम व धारा 12 पासपोर्ट अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत करते हुए आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस अभिरक्षा में उक्त बंग्लादेशी नागरिक से विभिन्न जांच एजेन्सियों द्वारा अन्य विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
पुलिस टीम
- उपनिरीक्षक नितिन सिंह बिष्ट
- Hc 273 नूरहसन
- Hc 362 मनमोहन भंडारी
विशेष सहयोग
- आर्मी इन्टेलीजेन्स रूडकी