Friday, February 21st 2025

नगर निगम रुद्रपुर को उत्कृष्ट कार्य के लिए SKOCH Silver Award 2024 से किया गया सम्मानित, कचरे के ढेर को एक सुंदर क्षेत्र में बदलने के साथ-साथ कचरे से की ऊर्जा संयंत्र की स्थापना

नगर निगम रुद्रपुर को उत्कृष्ट कार्य के लिए SKOCH Silver Award 2024 से किया गया सम्मानित, कचरे के ढेर को एक सुंदर क्षेत्र में बदलने के साथ-साथ कचरे से की ऊर्जा संयंत्र की स्थापना

रुद्रपुर /देहरादून : रुद्रपुर नगर निगम को कचरे के ढेर को एक सुंदर क्षेत्र में बदलने के साथ-साथ कचरे से ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के माध्यम से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रयासों के लिए पुरस्कार दी गई थी। यह संयंत्र अपशिष्ट से बिजली, तरल और ठोस खाद पैदा करता है। हल्द्वानी नगर निगम को शहर में स्वच्छता को बढ़ावा देने में महिला स्वयं सहायता समूह, बैंणी सेना के उत्कृष्ट कार्य के लिए SKOCH Silver Award 2024 से  सम्मानित किया गया है। पुरस्कार समारोह 15 फरवरी, 2025 को दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में स्कॉच समूह द्वारा आयोजित किया गया ।

पीसीएस अधिकारी पंकज उपाध्याय ने हल्द्वानी नगर निगम की ओर से बैंणी सेना के लिए एवं रुद्रपुर नगर निगम की अपर नगर आयुक्त शिप्रा जोशी पांडे को पहाड़गुंड डंपसाइट उपचार एवं सीबीजी  संयंत्र 50 टीपीडी द्वारा कचरा प्रबन्धन के अभिनव प्रयास हेतु पुरस्कार प्राप्त किया है। यह पुरूस्कार समीर कोचर, अध्यक्ष एवं डॉ. गुरशरण धंजल, उपाध्यक्ष स्कॉच ग्रुप द्वारा प्रदान किया गया। इन दोनो अभिनव प्रयासों को पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा भी सम्मानित किया गया। उत्तराखण्ड राज्य में स्वच्छता के उच्च मानक स्थापित किये जाने के दृष्टिगत आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा अक्टूबर 2024 को स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्वच्छ भारत मिशन के भर के 75 शहरों में स्वच्छता पहल की सफलता की कहानियों हेतु प्रकाशित पुस्तक में भी इन दोनो अभिनव प्रयासों को जगह मिली है।

शहरी विकास विभाग के मंत्री उत्तराखंड सरकार के शहरी विकास सचिव और शहरी विकास निदेशालय के निदेशक एवं अपर निदेशक ने इन नवीन परियोजनाओं में शामिल नगर निकायों को बधाई दी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अन्य नगर निकाय अपने-अपने क्षेत्रों में स्वच्छता के उच्च मानकों के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित होंगे। रुद्रपुर और हल्द्वानी ने कुशल अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया है जो स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन समाधान की तलाश करने वाले अन्य शहरों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकते हैं। घरेलू स्तर पर गीले और सूखे कचरे को अलग करके, समुदाय स्वच्छता में सुधार और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। 

वेस्ट टू वंडर लैंड

कभी शहर की सुंदरता में बदनुमा दाग रहे कूड़े के पहाड़ को साफ कर किच्छा रोड पर पहाड़गंज में दशकों से कूड़े का पहाड़ बना हुआ था। तमाम प्रयासों के बावजूद इसे हटाया नहीं जा सका था। पिछले साल तत्कालीन डीएम उदयराज सिंह और नगर आयुक्त नरेश दुर्गापाल ने मुहिम के रूप में इसे लिया था। इसके बाद डंपसाइट उपचार परियोजना के तहत कूड़े के पहाड़ को हटाकर जगह को हराभरा और साफ सुथरे मैदान में बदल दिया था। इस मैदान से 2,11,000 मीट्रिक टन कूचरे को हटाया गया था।

वेस्ट टू एनर्जी रुद्रपुर में 50 टन प्रति दिन क्षमता का सीबीजी प्लांट

उत्तराखंड में नगर निगम रुद्रपुर ने कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाते हुए कचरे से बिजली और खाद उत्पादन की शुरुआत की है। बढ़ती जनसंख्या और कचरे के बढ़ते ढेर से निपटने के लिए इन दोनों ने वेस्ट टू एनर्जी विकल्प को अपनाया जिससे न केवल कचरे का निस्तारण हो रहा है बल्कि पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ ऊर्जा और जैविक खाद का भी उत्पादन हो रहा है। रुद्रपुर नगर निगम में प्रतिदिन बड़ी मात्रा में कचरा उत्पन्न होता है जिसका उपयोग अब इन नवाचारों के जरिए किया जा रहा है।

रुद्रपुर में शहरीकरण के चलते शहरों में कचरे का उत्पादन दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है और नगर निकायों को स्वच्छता से लेकर पर्यावरणीय प्रदूषण तक की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रुद्रपुर नगर निगम में प्रतिदिन लगभग 105 से 118 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है जिसका उपयोग वेस्ट टू एनर्जी के तहत बिजली और खाद उत्पादन में किया जा रहा है। 50 टन प्रति दिन क्षमता का सीबीजी प्लांट प्रतिदिन औसतन 10 टन गीला कचरा प्रोसेस करता है। यह प्लांट प्रति माह 6 किलोवाट ऊर्जा और 34,000-38,000 क्यूबिक मीटर बायो गैस का उत्पादन करता है जिसका उपयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।

नगर निगम ने नवंबर 2022 में पीपीपी मॉडल के तहत वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट पर काम शुरू किया और अब यह प्रतिदिन छह किलोवाट बिजली और प्रतिदिन उत्पन्न हो रहे कचरे से जैविक खाद बना रहा है। इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 50 टन कचरे को नष्ट करने की है, लेकिन वर्तमान में यह प्रतिदिन 30 टन कचरे का उपयोग कर रहा है, जिससे बिजली और जैविक खाद कल्याणी का उत्पादन हो रहा है। नगर निकाय द्वारा कचरा निस्तारण के इस तरीके से ईको सिस्टम और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन बन रहा है। इस उपलब्धि ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के 75 शहरों की स्वच्छता कहानियों में जगह बनाई थी।