Friday, November 15th 2024

गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, 17 दिनों में 04 लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं अब तक दर्शन

गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, 17 दिनों में 04 लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं अब तक दर्शन
उत्तरकाशी : यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा सुचारू और सुव्यवस्थित रूप से संचालित हो रही है। इस बार रिकार्ड संख्या में इन दोनों धामों पर श्रद्धालुओं के आगमन का क्रम निरंतर जारी है। इस यात्राकाल में कपाट खुलने के सत्रह दिनों के अंदर यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में  चार लाख से अधिक तीर्थयात्रियों का आगमन हो चुका है।   यात्रा प्रारम्भ होने के सत्रह दिनों के भीतर धामों में पहुंचने वाले यात्रियों की तादाद पिछले साल की तुलना में इस बार गंगोत्री धाम में 39.55 प्रतिशत तथा यमुनोत्री धाम में 48.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 
गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में इस यात्रा काल में सत्रह दिनों के भीतर कुल 408837 यात्री पहुंचे हैं। यात्रा के शुरुआती सत्रह दिनों की तुलना करें तो  गंगोत्री धाम में वर्ष 2023 में  121007 तथा इस बार  200193 यात्री पहुंचे हैं। इस प्रकार गंगोत्री में इस बार  79186 यात्री ज्यादा आये हैं। यह आंकड़ा पिछले साल से 39.55 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह इस दौरान यमुनोत्री धाम में वर्ष 2023 में  106747 तथा इस बार 208644  यात्री पहुंचे । यमुनोत्री धाम में  में इस बार 101897 यात्री  ज्यादा आये हैं और यह बढ़ोतरी दर 48.84 प्रतिशत है।
दोनों धामों में इस बार वाहनों के आवागमन में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई है। शुरुआती सत्रह दिनों में गंगोत्री में इस बार  18030 तथा बीते साल 10883 वाहन आये थे। जबकि यमुनोत्री में इस बार  17036 तथा बीते साल 9131 वाहन यात्राकाल के प्रारंभिक सत्रह दिनों में आये थे। इस प्रकार तीर्थयात्रा पर आने वाले वाहनों की संख्या पिछले साल की तुलना में इस बार गंगोत्री में 39.64 प्रतिशत तथा यमुनोत्री में 46.40 प्रतिशत अधिक है।
इस बार रिकार्ड संख्या में तीर्थयात्रियों व वाहनों के आवागमन के बावजूद बेहतर यात्रा प्रबंधन के चलते यात्रा सुरक्षित व सुव्यवस्थित  रूप से जारी है। यात्रा मार्गों पर वाहनों की आवाजाही भी सुचारू बनी हुई है।  जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट निरंतर यात्रा व्यवस्थाओं की बारीकी से निगरानी और स्थलीय निरीक्षण में जुटे हुए हैं।  यात्रा संचालन को सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए प्रशासन के द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए हैं और धामों के साथ ही यात्रा मार्गों पर बड़ी संख्या में अधिकारियों को तैनात किया गया है।