Friday, November 22nd 2024

अयोध्या में ऐतिहासिक रामकथा सुनाएंगे मोरारी बापू, 24 फरवरी से 03 मार्च तक भक्तगण मानस राम मंदिर कथा का करेंगे रसपान

अयोध्या में ऐतिहासिक रामकथा सुनाएंगे मोरारी बापू, 24 फरवरी से 03 मार्च तक भक्तगण मानस राम मंदिर कथा का करेंगे रसपान
अयोध्या : जानेमाने आध्यात्मिक गुरू और श्री राम के परम साधक मोरारी बापू 24 फरवरी से 3 मार्च तक अयोध्या में भक्तो को पवित्र रामकथा का रसपान कराएंगे। हाल ही में अयोध्या में हुई भव्य राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के ठीक बाद यह रामकथा का आयोजन हो रहा है। इस महोत्सव से निश्चित रूप से इस धार्मिक नगर की आध्यात्मिक धरोहर को मज़बूती मिलेगी और उसकी महत्ता को और बढ़ाया जाएगा।  अपने गहन ज्ञान और रामचरितमानस की आध्यात्मिक उत्थानकारी कथाओं के लिए दुनिया भर में सम्मानित, आदरणीय मोरारी बापू अपनी उपस्थिति से अयोध्या की पवित्र धरा की शोभा बढाएंगे। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए दीर्धकाल से चले आ रहे आंदोलन में सहायक रहे संगठन, राम जन्मभूमि न्यास ने उन्हें मानस राम मंदिर कथा का प्रस्तुतिकरण करने लिए हार्दिक निमंत्रण दिया है जिसे उन्होंने आनंदपूर्वक स्वीकार किया है।
पूज्य मोरारी बापू ने भगवान श्री राम और रामायण के ज्ञान के प्रसार के लिए अपने जीवन के 64 वर्ष समर्पित किए है। वह अब तक दुनिया भर में 931 रामकथाएं आयोजित कर चुके है और अपनी रामकथा के माध्यम से सभ्य एवं सुसंस्कृत समाज के निर्माण के लिए उन्होंने करोडो लोगो में उच्च मानव मूल्य का सिंचन किया है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूज्य मोरारी बापू ने गहरी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि मुझे अयोध्या में मानस राम मंदिर कथा सुनाने का एक अनूठा अवसर मिला है। छह दशकों से अधिक समय से मेरी अंतरआत्मा से यह इच्छा रही है के भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हौ और उसके पश्चात मुझे रामकथा सुनाने का मौका मिले। अपने पूरे जीवनकाल में, मैंने अभी तक किसी मंदिर के उद्घाटन के लिए भारत में मनाएं गए ऐसे भव्य उत्सव को नहीं देखा है। कुछ महिने पहले राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा मुझे रामकथा सुनाने का निमंत्रण मिला था जिसे मैंने पूरे दिल से स्वीकार किया था।”
उन्होंने आगे कहा, “राम केवल एक ऐतिहासिक व्यक्ति नहीं हैं, वह एक साधु हैं, सत्यस्वरूप हैं, पुरुषार्थ के प्रतीक हैं। अपनी असीम उदारता दिखाकर, राम ने समाज के हर वर्ग के जीव, चाहे वह केवट, शबरी, वानर, या यहां तक ​​कि असुर ही क्यों न हों, उनका पूरे भाव से स्वीकार किया है। यह दिखाता है कि राम सबके है और सभी राम के है। एक साधारण छोटे से बच्चे को भी हम भगवान का रूप मानते है, तो जरा सोचिए की अगर परमतत्व परमात्मा जब एक छोटे से बालक का रूप लेते हैं, तो इसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। राजा राम सदैव पूजनीय हैं लेकिन रामलला का स्वरूप शिवतत्त्वरूपी है। राम मंदिर से एक नए युग की शुरुआत हुई है और मुझे लगता है कि अब पूरे विश्व का कल्याण भारत के माध्यम से होनेवाला है।”
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा समारोह में जहां देश भर के साधु-संत शामिल हुए थे, इस शुभ अवसर के साक्षी बनने के लिए पूज्य मोरारी बापू भी वहां उपस्थित थे। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विरासत में एक महत्वपूर्ण क्षण था। पूज्य मोरारी बापू ने मंदिर में रामलला के मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा को पूरे विश्व के लिए ‘त्रेता युग’ की शुरुआत बताया।