जनजातीय गौरव दिवस : केवीआईसी ने पीएमईजीपी लाभार्थियों को जारी की 100 करोड़ रुपये की सब्सिडी, ST के 648 लाभार्थियों के खाते में पहुंचे 18.80 करोड़, जनजातीय सशक्तिकरण के लिए पीएमईजीपी ई-बुकलेट का किया अनावरण
देहरादून : खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने शनिवार को देहरादून के कालसी स्थित पशुचिकित्सालय ग्राउंड में ‘जनजातीय गौरव दिवस’-2023 कार्यक्रम के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण और जनताजीय सशक्तिकरण हेतु पीएमईजीपी ई-बुकलेट का अनावरण किया। 100 करोड़ रुपये की सब्सिडी में से करीब 18 करोड़ रुपये देशभर के अलग-अलग हिस्सों के अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों के खाते में संवितरित किए गए। उत्तराखंड के 6 अनुसूचित जनजाति लाभार्थियों को 12.46 लाख की सब्सिडी इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदान की गई। इस अवसर पर आदिवासी समाज से जुड़े युवा उद्यमियों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए पीएमईजीपी के अंतर्गत एक जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जनजातीय समुदाय से जुड़े युवा उद्यमियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। तीसरे जनजातीय गौरव दिवस-2023 के अवसर पर 15 नवंबर से 26 नवंबर के बीच भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालय और विभाग आदिवासी क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि वो स्वयं जनजातीय समाज के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन को लेकर आएं हैं, जिसमें उन्होंने देश के युवाओं से अपील की है कि वो ‘नौकरी मांगने की बजाय स्वयं नौकरी देने में सक्षम बने’। कार्यक्रम में उपस्थित लाभार्थियों से उन्होंने सीधा संवाद किया और उन्हें बताया कि पीएमईजीपी पोर्टल पर ऑनलाइन फार्म भरकर वो 50 लाख रुपये तक के ऋण से अपना स्वयं का कारोबार शुरू कर सकते हैं। इस ऋण पर उन्हें 35 प्रतिशत तक सब्सिडी केवीआईसी के माध्यम से मिल सकती है।
केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने स्वरोजगार के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किया है। उन्होंने बताया कि पीएमईजीपी के लाभार्थियों को आज जो 100 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की गई है उसके माध्यम से 3139 नयी यूनिटें लगी हैं जिसमें 648 यूनिट अनुसूचित जनजाति से जुड़े लाभार्थियों की हैं। उन्होंने आगे बताया कि इसके माध्यम से जनजातीय समुदाय से जुड़े 7128 नये लोगों के लिए रोजगार का सृजन हुआ है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 वर्षों में पीएमईजीपी के माध्यम से अनुसूचित जनजाति के 53052 लाभार्थियों ने अपना स्वयं का कारोबार स्थापित कर भारत की आर्थिक समृद्धि में अपना योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि पीएमईजीपी के माध्यम से पिछले 9 वर्षों में अनुसूचित जनजाति के 4,15,872 नये लोगों को रोजगार मिला है। उत्तराखंड में भी वित्त वर्ष 2018-19 से अभी तक 292 अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों ने अपना स्वयं का कारोबार पीएमईजीपी के माध्यम से शुरू किया है जिसके लिए उन्हें 5.62 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है।
केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खादी वैश्विक ब्रांड बन चुकी है जिसका सबसे अधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले जनजातीय समुदाय को हुआ है। उन्होंने बताया कि खादी वस्त्रों के निर्माण में 4.98 लाख कारीगरों को रोजगार मिल रहा है जिसमें 35 हजार के करीब अनुसूचित जनजाति की भागीदारी है। इसी तरह से केवीआईसी के ‘हनी मिशन’ कार्यक्रम के अंतर्गत अभी तक पूरे देश में 19288 लाभार्थियों को बी-बॉक्स और बी-कॉलोनी का वितरण किया गया है जिसमें से 6301 लाभार्थी अनुसूचित जनजाति से हैं। हनी मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड के 85 लाभार्थियों को 850 बी-बॉक्स और बी-कॉलोनी प्रदान की गई है।
पीएमईजीपी जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन ने 2014 के बाद खादी को आत्मनिर्भर बनाने में ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र ने सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके परिणाम स्वरूप वित्तवर्ष 2022-2023 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का कुल कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जो अपने आप में ऐतिहासिक है। कार्यक्रम में देहरादून की जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, उत्तराखंड सरकार और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारीगण समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।