जानें क्यों मनाया जाता है ईस्टर?

देहरादून : बाइबल के अनुसार, यीशु मसीह को रोमन शासकों ने सूली पर चढ़ा दिया था। वहीं, मान्यता है कि यीशु मसीह की मृत्यु के दो दिन बाद यानी रविवार को वह फिर से जीवित हो गए थे। ऐसे में गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार को ईस्टर मनाया जाता है। इस त्योहार को ईसाई धर्म के लोग जीवन में नई आशा के तौर पर सेलिब्रेट करते हैं। इस त्योहार को कई जगहों पर खजूर इतवार के नाम से भी जाना जाता है।
ईस्टर का महत्व
गुड फ्राइडे के दिन यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था। वहीं, दूसरे दिन यानी संडे के दिन वह फिर से जीवित हो गए थे। ऐसे में इसी दिन को ईस्टर के नाम से जाना जाता है। ईस्टर को ईसाई धर्म में पुनरुत्थान के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। यह जीवन पर मृत्यु की जीत, पापों से मुक्ति और नए जीवन पाने की आशा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ईस्टर के दिन लोग चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं। इस दिन लोग नए-नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। ईस्टर पर लोग अंडों को सजाते हैं। दरअसल, अंडा जीवन का प्रतीक होता है। ऐसे में लोग इस दिन अंडों को सजाते भी हैं।
हैप्पी ईस्टर!!
- लेखक : नरेन्द्र सिंह चौधरी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. इनके द्वारा वन एवं वन्यजीव के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये हैं.