Saturday, September 28th 2024

सचिव गृह शैलेश बगौली ने वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से की विभिन्न जनपदों में स्थित शत्रु सम्पत्ति से संबधित प्रकरणों की समीक्षा, दिए निर्देश

सचिव गृह शैलेश बगौली ने वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से की विभिन्न जनपदों में स्थित शत्रु सम्पत्ति से संबधित प्रकरणों की समीक्षा, दिए निर्देश
देहरादून : सचिव गृह शैलेश बगौली ने शुक्रवार को वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से  विभिन्न जनपदों में स्थित शत्रु सम्पत्ति से संबधित प्रकरणों की  समीक्षा की। सचिव गृह शैलेश बगौली ने शत्रु सम्पत्ति के Process Cases के संबंध में जिलाधिकारी देहरादून, हरिद्वार एवं नैनीताल को स्टेटस रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने शत्रु सम्पत्ति, जिनमें निहित आदेश निर्गत किये जा चुके हैं, के संबंध में जनपद अल्मोड़ा, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल तथा ऊधमसिंह नगर को निहित शत्रु सम्पत्ति के उपयोग के संबंध में सुस्पष्ट कार्ययोजना उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। सचिव गृह ने शत्रु सम्पत्ति से संबंधित विभिन्न न्यायालयों के समक्ष योजित वादों में प्रबल पैरवी करने के भी  निर्देश दिए। 
बैठक में बताया गया कि गृह मंत्रालय से प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद देहरादून में 1, हरिद्वार में 68 तथा नैनीताल में 03 अर्थात शत्रु सम्पत्ति के कुल 72 Process Cases है।  शत्रु सम्पत्ति, जिनमें निहित आदेश (Vesting Order) निर्गत किये जा चुके हैं, उससे  संबंधित जनपद अल्मोड़ा में 06, देहरादून में 04, हरिद्वार में 29, नैनीताल में 03 तथा ऊधमसिंहनगर में 27 अर्थात कुल 69 प्रकरण है। शत्रु सम्पत्ति के अन्तर्गत जनपद नैनीताल स्थित मैट्रोपोल होटल का उपयोग पार्किंग हेतु किये जाने के सम्बन्ध में गृह मंत्रालय से पत्राचार किया गया है। 
बैठक में बताया गया कि जनपद देहरादून में स्थित सभी शत्रु सम्पत्तियों के संबंध में जिला मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट सहित शत्रु सम्पत्तियों के उपयोग की कार्य योजना से अवगत कराये जाने के पूर्व में निर्देश दिए गए हैं। निहित आदेश से सम्बन्धित शत्रु सम्पत्ति के अन्तर्गत जनपद अल्मोड़ा के खत्याड़ी में स्थित शत्रु सम्पत्ति, जिनका कुल रकबा 0.502 हैक्टेयर का आधा भाग (0.0251 हैक्टेयर) है। इसके संबंध में निहित आदेश (Vesting Order) निर्गत किये जा चुके हैं, एवं उक्त भूमि को आवास विभाग, उत्तराखण्ड शासन के पक्ष में आवंटित किये जाने हेतु मुख्य पर्यवेक्षक, भारत के शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक, गृह मंत्रालय, लखनऊ शाखा से अनुरोध किया गया है।