Thursday, July 10th 2025

ट्रेड यूनियनों ने मांगों को लेकर दिया धरना

ट्रेड यूनियनों ने मांगों को लेकर दिया धरना

गोपेश्वर (चमोली)। केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की ओर से बुधवार को अपने पूर्व आहुत कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारी चमोली के कार्यालय परिसर में धरना देते हुए अपनी मांगों का एक ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा।

सीटू के अध्यक्ष मदन मिश्रा तथा अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष बस्ती लाल ने कहा कि 26 नवम्बर 2020 को देश में किसान मजदूर आन्दोलनों से जुड़े संगठनों ने आपस में समन्वय कर सरकार की मजदूर किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी विनाशकारी नीतियों के विरुद्ध आन्दोलन की शुरुवात की थीं इसके पांच वर्ष पूरे होने जा रहे है किन्तु मजदूर किसानों के आन्दोलन की मांगें अभी तक जस की तस है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की मजदूर, किसान और राष्ट्र विरोधी के चलते केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से बुधवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया था। इसी के चलते जिला मुख्यालय पर धरना दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि उनकी ओर से राष्ट्रपति को भेज गए ज्ञापन में मांग की गई है कि मजदूर विरोधी चारों श्रम कोड्स को रद्द किया जाए, असंगठित क्षेत्र और अन्य श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 26 हजार रूपये किया जाए, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल की गांरटी दी जाए, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू की जाए, किसानों के कर्जे माफ किए जाए, विद्युत बिल वापस लेते हुए प्रीपेड स्मार्ट मीटर की योजना को समाप्त किया जाए, पहाड़ों में दो सौ यूनिट तक की बिजली फ्री की जाए, सर्वाजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगे, मनरेगा को शहरी क्षेत्रों में भी लागू करते हुए दो सौ दिनों का रोजगार और छह सौ रूपये मजदूरी तय की जाए, भोजन माता, आशा और आंगनवाडी कार्यकत्री को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, जंगली जानवरों से फसलों के नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए, एनपीसी को रद्द किया जाए, मंहगाई पर रोक लगाई जाए, प्रदेशों में रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती शुरू की जाए। इस मौके पर भूपाल सिंह रावत, ज्ञानेंद्र खंतवाल, मनमोहन रौतेला, नंदन सिंह, सज्जन लाल, मनोहर लाल, लीला देवी आदि शामिल रहे।