Wednesday, December 18th 2024

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रदेश में मतदेय स्थलों के मानकीकरण एवं पुनर्निधारण के संबंध में राज्य के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से किया विचार विमर्श

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रदेश में मतदेय स्थलों के मानकीकरण एवं पुनर्निधारण के संबंध में राज्य के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से किया विचार विमर्श

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रदेश में मतदेय स्थलों के मानकीकरण एवं पुनर्निधारण के संबंध में राज्य के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से किया विचार विमर्श

  • सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से मतदेय स्थलों के संशोधन के संबंध में उपयुक्त प्रस्ताव देने का किया अनुरोध
  • राज्य में अन्तिम रूप से एकीकरण के उपरान्त मतदेय स्थलों की संख्या 11647 से बढकर हुयी 11724

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी.षणमुगम की अध्यक्षता में शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में राज्य में मतदान प्रतिशत में वृद्धि के लिए मतदान के समय विशेषकर शहरी क्षेत्रों में मतदान के प्रति मतदाताओं की उदासीनता को कम करने के उद्देश्य से मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं को अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत ग्रुप हाउसिंग सोसायटी और ऊंची इमारतों के परिसरों तथा शहरी / अर्द्ध शहरी क्षेत्रों के आस-पास के झुग्गी-झोपड़ी समूहों के पास ही मतदान केन्द्रों को स्थापित किये जाने हेतु मतदेय स्थलों के मानकीकरण एवं पुनर्निर्धारण के संबंध में वर्तमान नियमों के परिपेक्ष्य में राज्य के मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के साथ बैठक आयोजित हुई।

बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि, प्रायः यह देखने में आया है कि, शहरी क्षेत्र के मतदाता मतदान के प्रति उदासीन रहते है, इसको ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा ग्रुप हाउसिंग सोसायटी और ऊंची इमारतों के परिसरों तथा शहरी / अर्द्ध शहरी क्षेत्रों के आस-पास के झुग्गी-झोपड़ी समूहों के पास ही मतदान केन्द्रों को स्थापित किये जाने हेतु मतदेय स्थलों के मानकीकरण एवं पुनर्निर्धारण के कार्य को समय प्रदान किये जाने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वर्तमान पुनरीक्षण कार्यक्रम को संशोधित किया गया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि, वर्तमान में राज्य के सभी मतदेय स्थलों का शत् प्रतिशत भौतिक सत्यापन कराये जाने के पश्चात, मतदेय स्थलों के पुनर्निर्धारण / संशोधन के संबंध में विभिन्न स्तरों से प्राप्त सुझाव / प्रस्तावों के आधार पर जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा नियत प्रारूप पर मतदेय स्थलों का आलेख्य प्रकाशन करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है, जिसकी प्रति जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के जिला स्तरीय पदाधिकारियों को भी यथासमय उपलब्ध करायी गयी है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में स्थापित 11647 मूल मतदेय स्थल एवं आलेख्य मतदेय स्थलों की सूची पर प्राप्त प्रस्तावों पर जनपद स्तर पर मान्तया प्राप्त राजनैतिक दलों के साथ विचार-विमर्श करने के उपरान्त जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्त विवरण के अनुसार मतदेय स्थलों के पुनर्निर्धारण / संशोधन / परिवर्तन प्रस्ताव Manual on Polling Stations तथा आयोग से समय-समय पर प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयार कर आयोग के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किये गये है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उक्त पुनर्निधारण में मतदाताओं के लिए 02 किमी से अधिक पैदल दूरी के कारण 99 मतदेय स्थल नये प्रस्तावित किये गये है तथा वर्तमान में मतदाताओं की संख्या 1500 से अधिक होने के कारण 5 मतदेय स्थलों की संख्या को बढाया गया है। इस प्रकार के कुल 104 मतदेय स्थलों की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त एक ही भवन में एक से अधिक मतदेय स्थलों की समीक्षा में 27 मतदेय स्थलों को समायोजित/विलय कर कम किया गया। 121 मतदेय स्थलों के कुछ ग्राम, वार्ड, मुहल्ले (अनुभाग) आदि को मतदाताओं की सुविधा के दृष्टिगत उसी मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत अन्य मतदेय स्थल में सम्मिलित किया गया है। 524 मतदेय स्थल भवनों से संबंधित शिक्षण संस्थानों के उच्चीकरण, मतदेय स्थल भवनों के नाम में परिवर्तन / संशोधन के फलस्वरूप मतदेय स्थल / भवन के नाम में परिवर्तन तथा 187 मतदेय स्थल भवन के क्षतिग्रस्त होने, अथवा जीर्ण-शीर्ण होने के कारण उसी मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत अन्य उपयुक्त शासकीय भवन में, भवन परिवर्तन का प्रस्ताव है।

उन्होंने बताया कि विधान सभा सामान्य निर्वाचन, 2022 के दौरान कोविड गाइडलान के अनुरूप 1200 से अधिक मतदाताओं वाले 59 मतदेय स्थलों को तद्समय सहायक मतदेय स्थल के रूप में तैयार किये जाने का अनुमोदन प्राप्त हुआ था तथा तद्समय 09 मतदेय स्थलों के मतदाताओं को माईग्रेशन के कारण कम किया गया था, जिन्हें वर्तमान प्रस्तावों में समायोजित कर लिया गया है। इस प्रकार राज्य में अन्तिम रूप से एकीकरण के उपरान्त मतदेय स्थलों की संख्या 11647 से बढकर 11724 हो गयी है।

उन्होंने बताया कि पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत पोलिंग स्टेशन का सुव्यवस्थीकरण एवं पुनः व्यवस्था, कन्ट्रोल टेबल का अद्यतीकरण जैसे कार्य 09 अक्टूबर, 2023 तक सम्पन्न किए जाएंगे। जबकि अर्हता तिथि 01 अक्टूबर 2024 के संदर्भ में पूरक और एकीकृत ड्राफ्ट रोल को 10 अक्टूबर, 2023 से 26 अक्टूबर, 2023 तक तैयार किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। एकीकृत मसौदा निर्वाचक नामावली का प्रकाशन 27 अक्टूबर 2023 को किया जाएगा। 27 अक्टूबर 2023 से 09 दिसम्बर के मध्य दावे तथा आपत्तियां दर्ज की जाएंगी। 4, 5, 25, 26 नवम्बर 2023 को विशेष शिविर दिवस आयोजित किए जाएंगे। 26 दिसम्बर 2023 को दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। 01 जनवरी 2024 को मानकों की जांच तथा अन्तिम प्रकाशन हेतु आयोग की अनुमति ली जाएगी। इसके साथ ही इस दिन सप्लीमेंटस की पिं्रटिंग तथा डाटाबेस का अद्यतीकरण किया जाएगा। निर्वाचक नामावली का अन्तिम प्रकाशन 05 जनवरी 2024 को किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बैठक में सभी उपस्थित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया कि. मतदेय स्थलों के संशोधन के संबंध में यदि कोई उपयुक्त प्रस्ताव हो, तो उसे आयोग की नियत समयसीमा से पूर्व सम्बन्धित जिला निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध कराये जाने हेतु जिला स्तरीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया जाय, ताकि उस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के उपरान्त आयोग का अनुमोदन प्राप्त किया जा सकें।

बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी, डा. विजय कुमार जोगदण्डे व सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री मस्तू दास के अतिरिक्त आम आदमी पार्टी से जोत सिंह बिष्ट, भारतीय जनता पार्टी से पुनीत मित्तल, राजीव शर्मा, संजीव विज, इण्डियन नेशनल कांग्रेस से अमरजीत सिंह, बहुजन समाज पार्टी, प्रमोद कुमार, प्रतिनिधि बहुजन समाज पार्टी जय प्रकाश व कम्यूनिस्ट पॉटी ऑफ इण्डिया (मार्कसिस्ट) से श्री अनन्त आकाश उपस्थित थे।

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