Monday, April 21st 2025

श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर में यूसर्क के द्वारा “पादप उत्तक संवर्धन तकनीकी” पर पांच दिवसीय हैंड्स ऑन ट्रेंनिंग कार्यशाला का शुभारंभ

श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर में यूसर्क के द्वारा “पादप उत्तक संवर्धन तकनीकी” पर पांच दिवसीय हैंड्स ऑन ट्रेंनिंग कार्यशाला का शुभारंभ

ऋषिकेश : पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश में उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) के तत्वावधान में “पादप उत्तक संवर्धन तकनीकी” पर पांच दिवसीय हैंड्स ऑन ट्रेंनिंग कार्यशाला प्रारंभ हुई। यह कार्यशाला 15 से 19 अप्रैल 2025 तक आयोजित की जाएगी।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ) अनीता रावत ने कहा कि यूसर्क उद्यमिता विकास केंद्र के द्वारा यह 72वीं कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें यूसर्क का उद्देश्य विज्ञान शिक्षा का प्रचार प्रसार करना है, जिसमें लगातार पर्वतीय क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को अत्याधुनिक प्रयोशालाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, इसी प्रकार स्कूल स्तर पर भी छात्र-छात्राओं को विज्ञान शिक्षा के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। इसी प्रकार इस पादप उत्तक संवर्धन तकनीकी कार्यशाला से प्रतिभागी उद्यमिता की ओर अग्रसर होकर से अपनी आय सृजन कर सकते हैं। इस क्षेत्र में रोजगार की अनेको संभावना हैI

इस अवसर पर परिसर निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत ने अपने उद्धबोधन में यूसर्क का इस प्रकार के सहयोगात्मक कार्यों के आयोजन हेतु धन्यवाद देते हुए कहा कि यूसर्क द्वारा इस प्रकार की कार्यशालाओं के आयोजन से बहुलाभ हो रहा है, नई शिक्षा नीति के अंतर्गत भी हैंड्स ऑन ट्रेनिंग से छात्रों को क्रेडिट अंक दिये जाते है, इस प्रकार की ट्रेनिंग से छात्रों का बौधिक विकास होता है I

ऋषिकेश परिसर के विज्ञान संकायाध्यक्ष व कार्यशाला संयोजक प्रो.गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों के स्वागत करते हुए कहा कि यूसर्क द्वारा हमारे परिसर में हरित पीठ के अंतर्गत स्थापित पादप उतक संवर्धन प्रयोगशाला में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमे हमारे विषय विशेषज्ञों द्वारा पादप उतक संवर्धन तकनीकी बताई जायेगीI

इस कार्यशाला में मुख्य सन्दर्भदाता व पादप उत्तक संवर्धन विषय विशेषज्ञ डॉ. मनीष देव शर्मा ने प्रतिभागियों को पादप ऊतक संवर्धन तकनीकियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया व पादप ऊतक संवर्धन द्वारा उद्यमिता पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि पादप ऊतक संवर्धन तकनीक एक ऐसी विधि है जिसमे पौधो के ऊतकों को नियंत्रित परिस्थितियो मे उगाया जाता है और नए पौधों को उत्पन्न किया जाता है। यह तकनीक उद्यमिता के लिए कई अवसर प्रदान करती है। जैसे पौधो की वाणिज्यिक उत्पादन। पादप ऊतक संवर्धन तकनीक का उपयोग करके पौधो की वाणिज्यिक उत्पादन की जा सकती है, जैसे कि फूल, सब्जियां, और फल। नए पौधो की किस्मों का विकास, इस तकनीक का उपयोग करके नए पौधो की किस्मों का विकास किया जा सकता है, जो अधिक उत्पादक, रोग प्रतिरोधी और जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील हो सकते हैं।

इस कार्यशाला में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उत्तरकाशी, स्नातकोत्तर महाविद्यालय धनौरी, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार व पंडित ललित मोहन परिसर, ऋषिकेश के 20 छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर रहे हैं। इस मौके पर प्रो. एसपी सती, प्रो. वीडी पांडे, प्रो एन के शर्मा, डॉ सुनीति कुड़ियाल, डॉ शालिनी रावत, डॉ प्रीति खण्डूरी, डॉ बिंदु ठाकुर, डॉ शालिनी कोटियाल, सफिया हसन, अर्जुन पालीवाल आदि मौजूद रहे।