Saturday, November 16th 2024

केदारपुरी सहित पैदल यात्रा मार्ग पर 800 केएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होंगे तैयार, पीडब्ल्यूडी एवं पेयजल निगम तैयार कर रहे दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, जापानी तकनीकी का किया जा रहा इस्तेमाल

केदारपुरी सहित पैदल यात्रा मार्ग पर 800 केएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होंगे तैयार, पीडब्ल्यूडी एवं पेयजल निगम तैयार कर रहे दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, जापानी तकनीकी का किया जा रहा इस्तेमाल
 
रुद्रप्रयाग :  श्री केदारनाथ धाम यात्रा का स्वरूप लगातार बढ़ता जा रहा है इसी के मध्यनजर शासन एवं जिला प्रशासन स्तर से यात्रा को सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में केदारपुरी सहित पैदल यात्रा मार्ग पर 822 किलो लीटर प्रति दिन की क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तैयार होने जा रहे हैं। 600 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला प्लांट केदारनाथ में तैयार हो रहा है, जबकि 222 किलोमीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला प्लांट गौरीकुंड में तैयार हो रहा है।
परियोजना प्रबंधक पेयजल निगम श्रीनगर गढ़वाल रविंद्र सिंह ने बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत गौरीकुंड क्षेत्र में 2022 में स्वीकृत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण गतिमान है। प्लांट में जापानी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत 200 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता का एसटीपी बनाया जा रहा है। वहीं 10 पुरुष एवं पांच महिला शौचालय भी निर्मित होने हैं। जिनके शोधन हेतु 10 किलो लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला एसटीपी प्रस्तावित है।
वहीं पूर्व से गौरीकुंड में स्थित सुलभ इंटरनेशनल के शौचालयों के शोधन के लिए 12 किलो लीटर प्रतिदिन का एसटीपी भी बनाया जाना है। जिसके तहत 500 मीटर सीवर लाइन भी बिछाई जानी है जिसमें से 488 मी सिविल लाइन बिछाई जाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा यात्रा मार्ग के महत्पूर्ण पड़ाव तिलवाड़ा में भी 100 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य प्रतिमान है। बताया कि गौरीकुंड एवं तिलवाड़ा योजना की कुल लागत 23.37 करोड रुपए है। जिसमें दोनों ट्रीटमेंट प्लांट का 15 वर्षों के लिए रखरखाव भी शामिल है। उधर अधिशासी अभियंता सिविल वृत्त डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने बताया कि करीब 600 किलो लीटर प्रतिदिन शोधन की क्षमता वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट आठ करोड़ की लागत से केदारनाथ में तैयार होने जा रहा है जिसका 55 फीसदी से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है।