Thursday, December 19th 2024

आईजी मुख्तार मोहसिन ने वीडियों कान्फ्रेंसिग के माध्यम से प्रदेश की यातायात व्यवस्था एवं सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में ली समीक्षा बैठक, दिए यह महत्वपूर्ण दिशा निर्देश

आईजी मुख्तार मोहसिन ने वीडियों कान्फ्रेंसिग के माध्यम से प्रदेश की यातायात व्यवस्था एवं सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में ली समीक्षा बैठक, दिए यह महत्वपूर्ण दिशा निर्देश
देहरादून : पुलिस महानिरीक्षक / निदेशक यातायात उत्तराखण्ड मुख्तार मोहसिन द्वारा राज्य की यातायात व्यवस्था एवं सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक वीडियों कान्फ्रेंसिग के माध्यम से आयोजित की गई। उक्त गोष्ठी में जनपदों में यातायात व्यवस्था के अन्तर्गत प्रवर्तन की कार्यवाही,ई-चालान द्वारा की गई कार्यवाही, टोईंग की कार्यवाही, घटित दुर्घटनाओं के कारण,दुर्घटना के बाद उठाये गये कदम एवं भविष्य में दुर्घटना मुक्त यातायात के उपायों पर चर्चा की गई।जिसमें राज्य में बड़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंत्ता व्यक्त करते हुए जिन जनपदों में सड़क दुर्घटनाएं अधिक घटित हुई उनको कड़ी फटकार लगाई गई।

गोष्ठी में निम्नलिखित दिशा निर्देश दिये गये-

  1. राज्य में विगत 02 वर्षों में जनवरी से अक्टूबर तक घटित सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण किया गया तो वर्ष 2022 में 1366  सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई है और वर्ष 2023 में 1367 सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई है जिस पर यातायात निदेशक द्वारा चिंता व्यक्त करते हुए जनपदों को कड़ी फटकार लगाई गई। सड़क दुर्घटना के मामलों में जनवरी से अक्टूबर 2023 तक  मुख्यत: जनपद चमोली, हरिद्वार, अल्मोड़ा एवं पिथौरागढ़  सर्वाधिक वृद्वि हुई है। मृतकों के मामलों में जनपद चमोली, ऊधमसिंहनगर एवं पिथौरागढ़ में वृद्वि हुई है। घायलों के मामलों में जनपद चमोली, ऊधमसिंहनगर एवं पिथौरागढ़ में वृद्वि हुई है। उक्त में निर्देश दिये गये है कि एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर इनको कम करने हेतु प्रयास किये जाए।
  2. दुर्घटना के कारणों का आंकलन किया गया तो सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं ओवरस्पीडिंग के कारण घटित हुई है जो कि कुल सड़क दुर्घटना का 76 % है। तेज रफ्तार चलाने वाले वाहन चालकों के विरुद्व जनपदों में ऐसे स्थान जहां पर तेज गति के कारण दुर्घटनाएं घटित हो रही है ऐसे स्थानों पर स्पीडरडार गन का प्रयोग कर अधिक से अधिक चालान किये जाए। जनपदों को प्रर्याप्त मात्रा में एल्कोमीटर उपलब्ध कराये गये है जिनका चालानी कार्यवाही में  प्रयोग कर नशे में वाहन चलानें वाले वाहन चालकों  के विरुद्व प्रभावी कार्यवाही की जाए।
  3. प्रवर्तन की कार्रवाई मैं क्वालिटी चालान पर विशेष ध्यान दिया जाए । माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के सुधार के लिए निर्धारित 06 बिन्दुओं (रेड लाईट/तेज रफ्तार/ओवरलोडिंग/मालवाहक में सवारी ले जाना/वाहन चलाते समय मोबाईल का प्रयोग/नशे में वाहन चलाना) पर प्रभावी तरीके  प्रवर्तन की कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है। क्योंकि सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं इन्ही कारणों से होती है। वर्ष 2023 में जनवरी से अक्टूबर तक कुल  38655  चालान किये गये है जिसमें  लोगों के डीएल निरस्तिकरण हेतु भेजे गये है उक्त 06 मामलों में शत-प्रतिशत ड्राईविंग लाईसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति की जानी है।ड्राईविंग लाईसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति में जनपद रुद्रप्रयाग द्वारा 99% तथा हरिद्वार 91% डीएल निरस्तीकरण की संस्तुती कर अच्छी कार्यवाही की गई है। जबकि ऊधमसिंहनगर,पौड़ी गढ़वाल,टिहरी गढ़वाल,बागेश्वर,पिथौरागढ़ एवं चम्पावत संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गई है जिनको अपेक्षाकृत सुधार लाने हेतु निर्देशित किया गया है।
  4. उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य में  सड़क दुर्घटना में घायल  व्यक्तियों की सहायता हेतु MACT(Motor Accident Claim Tribune) के निर्धारित प्रारुपों FAR,IAR,DAR की सूचना निर्धारित प्रारुपानुसार समय से प्रेषित की जाए। उक्त के सम्बन्ध में सभी जनपदो को निर्देशित किया गया है कि MACT,बीमा कम्पनियों तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण(SLSA) को समय पर उक्त रिपोर्ट प्रेषित की जाए। पूर्व में राज्य के 259 विवेचकों को MACT के प्रारुपों के सम्बन्ध में तथा 549 विवेचकों को e-DAR का प्रशिक्षण कराया गया है ।समस्त जनपदों को निर्देशित किया गया है कि  समस्त विवेचकों को MACT के प्रारुपों एवं E-DAR के सम्बन्ध में  प्रशिक्षण कराया जाए।
  5. सड़क दुर्घटना मे मुआवजा धनराशि में वृद्वि के फलस्वरुप Fake/Suspicious Claim case बीमा कम्पनियों को प्राप्त हो रहे है जिसके सम्बन्ध में सभी जनपदों को निर्देशित किया गया है कि अज्ञात वाहन के मामलों में यथासम्भव वाहन का प्रकार यथा दुपहिया/चारपहिया का विवरण अवश्य अंकित किया जाए। इसके साथ ही अगर कोई Fake/Suspicious Claim case की शिकायत बीमा कम्पनियों के नोडल अधिकारियों द्वारा की जाती है तो तत्काल दोषियों के विरुद्व मुकदमा पंजीकृत करवाया जाए।
  6. सभी जनपदों  द्वारा गतिसीमा का निर्धारण किया जा चुका है अतः सभी जनपद अपने समस्त सड़क मार्गों पर गति सीमा बोर्ड एवं चेतावनी बोर्ड अवश्य लगाये। ताकि वाहन चालक अपनी गति सीमा में वाहन को चला सके।
  7. पीपीपी मोड पर क्रेन के संचालन के उपरान्त जनपद देहरादून में टोईंग की कार्यवाही में बड़ोतरी हुई है जिसको ध्यान में रखते हुए राज्य के अन्य 09 जनपदों में पीपीपी मोड पर 22 क्रेनों के संचालन की शासन द्वारा अनुमति प्राप्त हो चुकी है जिस पर तत्काल आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करने के उपरान्त सभी 09 जनपदों पीपीपी मोड पर क्रेनों का संचालन शुरु किया जाए।