Saturday, December 21st 2024

हरिद्वार : पीएम विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्धा में आयोजित कार्यक्रम में जिले के 96 कौशल विकास प्रशिक्षण लाभार्थी तथा 470 से अधिक विश्वकर्मा बन्धु वर्चुअल माध्यम से जुड़े

हरिद्वार : पीएम विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्धा में आयोजित कार्यक्रम में जिले के 96 कौशल विकास प्रशिक्षण लाभार्थी तथा 470 से अधिक विश्वकर्मा बन्धु वर्चुअल माध्यम से जुड़े
हरिद्वार : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्धा महाराष्ट्र में पीएम विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ कार्यक्रम का रूद्रांश होटल में कौशल विकास विभाग द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रसारण किया गया। जनपद के 96 कौशल विकास प्रशिक्षण लाभार्थी तथा 470 से अधिक विश्वकर्मा बन्धु वर्चुअल माध्यम से वर्धा में आयोजित कार्यक्रम में जुड़े तथा कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को देखा इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत के प्रतिनिधि के तौर पर बीजेपी जिलाध्यक्ष सन्दीप गोयल ने योजनान्तर्गत 96 लाभार्थियों को प्रमाणपत्र वितरित किए तथा स्टोल का अवलोकन किया।
इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि ने अपने संबोधन में पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रथम वर्ष गांठ पर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर वर्ग की चिंता करते है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी एक शिल्पी है जो देश के नव निर्माण में निरंतर प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि हमारा देश युवाओं का देश है, यदि देश का युवा सशक्त होगा तो निश्चित ही समाज सशक्त होगा और सशक्त समाज ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा युवाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना 17 सितंबर, 2023 को कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता देने के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत, कारीगरों को जमानत मुक्त ऋण, कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन, और बाज़ार संपर्क सहायता दी जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ बढ़ई, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार / पत्थर गढ़ने वाले, चर्मकार, राजमिस्त्री, बुनकर / चटाई/झाडू बनाने वाले, रस्सी कातने वाले / बेलदार, पारंपरिक खिलौना निर्माता, नाई, हार बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला, नाव बनाने वाले, कवच बनाने वाला, लोहार, ताला बनाने वाले, कुल्हाड़ियों और अन्य उपकरण वाले कारीगरों को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत कारीगरों को प्रशिक्षित भी किया जाता है। यह प्रशिक्षण दो रूप में दिया जाता है। बुनियादी प्रशिक्षण और उन्नत प्रशिक्षण।
उन्होंने सभी का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता, कार्य को पूरी ईमानदारी, निष्ठा व तन्मयता से करना चाहिए। इस अवसर पर निदेशक कौशल विकास संजय कुमार खेतवाल तथा संयुक्त निदेशक अनिल गुंसाई, प्रधानाचार्य आईटीआई अमित कुमार द्वारा भी योजना तथा कौशल विकास प्रशिक्षण आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।
 मंच का संचालन प्रियंक कुमार त्यागी कार्यदेशक द्वारा किया गया व कार्यक्रम में कार्यदेशक यशपाल सिंह, सुशील कुमार, योगेश कुमार तायल मुख्य प्रशा० अधिकारी, अमरीश कुमार कार्यदेशक, गोपाल सिंह अनुदेशक, ईरशाद अली अनुदेशक, ईश्वर दत्त शर्मा अनुदेशक, मुनेश सैनी अनुदेशक, प्रदीप कुमार अनुदेशक, पूरण कुमार अनुदेशक, राजेश कुमार अनुदेशक, संगीता बेलवाल अनुदेशिका, पूजा नेगी अनुदेशिका, रेशमा चौहान अनुदेशिका, एवं अन्य कार्मिको में राजीव उप्रेती, अनूप सिंह सैनी, विपिन कुमार, दीक्षित कुमार, राकेश सैनी आदि ने प्रतिभाग किया।