देहरादून : अक्सर हमें सुनने को मिलता है कि बड़े और नामी स्कूलों में गरीब या मध्यम वर्ग के लोगों को न्याय मिलना मुश्किल होता है। प्रबंधन अपनी मनमानी करता है और आम लोग बेबस महसूस करते हैं। लेकिन, देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने अपनी त्वरित और जनहितैषी कार्यशैली से इस धारणा को बदल डाला है। हाल ही में एक शिक्षिका, जो अपनी नन्ही बेटियों के साथ न्याय की गुहार लगाने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची थी, उन्हें रातोंरात उनका हक मिल गया।
क्या था मामला?
मोथोरोवाला स्थित प्रतिष्ठित इडिफाई वर्ल्ड स्कूल में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत कनिका मदान एक मुश्किल दौर से गुजर रही थीं। स्कूल प्रबंधन ने उनके दो माह (मार्च और जुलाई) का वेतन और सुरक्षा राशि रोक ली थी। इतना ही नहीं, उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र भी सही ढंग से जारी नहीं किया जा रहा था। कनिका ने बताया कि वह इंटरमीडिएट तक के बच्चों को पढ़ाती थीं और स्कूल में कोऑर्डिनेटर के पद पर भी कार्यरत थीं, लेकिन स्कूल द्वारा जारी किए गए प्रारंभिक प्रमाण पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया गया था। इस अन्याय के चलते कनिका मानसिक और आर्थिक दोनों तरह से परेशान थीं।
जनता दर्शन में जिलाधिकारी का संज्ञान
अपनी पीड़ा लेकर कनिका विगत जनता दर्शन में जिलाधिकारी सविन बंसल के समक्ष उपस्थित हुईं। अपनी नन्ही बेटियों को साथ देख और शिक्षिका की गंभीर समस्या सुन, डीएम बंसल ने तत्काल मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने बिना किसी देरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) को त्वरित कार्यवाही करते हुए वस्तुस्थिति से अवगत कराने और शिक्षिका को न्याय दिलाने के निर्देश दिए।
DM के कड़े रुख का असर : नामी स्कूल आया घुटनों पर
जिलाधिकारी के कड़े रुख का असर यह हुआ कि मात्र दो दिनों के भीतर, नामी इडिफाई वर्ल्ड स्कूल प्रबंधन रातोंरात घुटनों के बल आ गया। उन्होंने न केवल कनिका मदान का लंबे समय से लंबित वेतन और सुरक्षा धनराशि (कुल ₹78,966) का चेक जारी कर दिया, बल्कि उनके पद और कार्य अनुभव का सही उल्लेख करते हुए नया और संशोधित अनुभव प्रमाण पत्र भी प्रदान किया। यह जिलाधिकारी के हस्तक्षेप का ही परिणाम था कि एक असहाय शिक्षिका को उसके हक का पूरा भुगतान और सम्मान मिल सका।
जनहितैषी DM सविन बंसल : न्याय की नई आस
जिलाधिकारी सविन बंसल अपनी जनहितैषी और त्वरित कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। वे असहाय, व्यथितों और शोषितों के प्रकरणों में कड़े एक्शन लेने में जरा भी देर नहीं करते। कनिका मदान का मामला एक बार फिर इसका ताजा उदाहरण है कि कैसे जिला प्रशासन आम जनता के हितों के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।
उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा और रोजगार तक के क्षेत्रों में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं, जिससे जनमानस में सरकार और प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। यह कार्यशैली न केवल शोषण करने वालों में भय का माहौल पैदा कर रही है, बल्कि असहाय और व्यथित लोगों को न्याय की नई आस भी दे रही है। जिलाधिकारी के जनदर्शन के अतिरिक्त, उनके कार्यालय कक्ष में प्रतिदिन 40-50 फरियादी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पहुंचते हैं, और उन्हें समयबद्ध तरीके से न्याय मिल रहा है।

