देहरादून : उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कड़ा पत्र लिखा है। गोदियाल ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने तत्काल प्रभावी कदम नहीं उठाए और अपनी घोषणाओं को सार्वजनिक डोमेन में नहीं लाया, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी।
पत्र में गोदियाल ने कहा कि पहाड़ी जिलों में गुलदार और भालू का आतंक अब असहनीय हो चुका है। पिछले कुछ वर्षों में वन्यजीवों के हमलों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। लोग दिनदहाड़े घरों के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इन घटनाओं के पीछे असल कारण क्या हैं और सरकार अब तक चुप क्यों है?
मुआवजा बढ़ाना समाधान नहीं, रोकथाम जरूरी
गोदियाल ने मुख्यमंत्री की उस घोषणा पर तंज कसा जिसमें वन्यजीव हमले में मृत्यु पर मुआवजा 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया गया है। उन्होंने कहा, “मुआवजा बढ़ाना कोई समाधान नहीं है। असल सवाल यह है कि हमले क्यों हो रहे हैं और इन्हें रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं?”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की है कि:
- वन विभाग के अधिकारियों को मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के स्पष्ट और सख्त निर्देश जारी किए जाएं।
- ये निर्देश और अब तक उठाए गए एहतियाती कदम तुरंत सार्वजनिक किए जाएं।
- घायलों के निःशुल्क इलाज और बिल प्रतिपूर्ति के आदेश यदि जारी हुए हैं, तो उन्हें भी पब्लिक डोमेन में लाया जाए।
पीड़ितों से मिले गोदियाल
गोदियाल ने खुलासा किया कि वे दो दिन पहले पौड़ी जिले में भालू हमले से घायल हुए लोगों से मिले। पीड़ितों ने बताया कि न तो उन्हें मुआवजा मिला और न ही इलाज का एक रुपया सरकार ने दिया। गोदियाल ने इसे सरकार की “खोखली घोषणाओं” का सबूत बताया।
उन्होंने कहा, “केंद्र में सत्ता के सांसद अनिल बलूनी भी चिंता जता रहे हैं, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। जनता अब और इंतजार नहीं कर सकती।”
कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में ठोस कार्रवाई और पारदर्शिता नहीं दिखाई गई तो पार्टी पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी। गोदियाल ने कहा, “लोगों की जान से बड़ा कोई चुनाव या वोटबैंक नहीं है। सरकार जागे, वरना जनता जगाएगी।

