Wednesday, December 18th 2024

‘गुरूमत संत समागम’ कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया प्रतिभाग, खालसा सजना दिवस को समर्पित गुरूमत संत समागम की दी शुभकामनाएं

‘गुरूमत संत समागम’ कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया प्रतिभाग, खालसा सजना दिवस को समर्पित गुरूमत संत समागम की दी शुभकामनाएं

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को काशीपुर, उधम सिंह नगर स्थित गोराया पेपर मिल में आयोजित ‘गुरूमत संत समागम’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित लंगर में प्रसाद वितरण भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 325वें खालसा सजना दिवस को समर्पित गुरूमत संत समागम की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुरुनानक देव जी, गुरू गोविंद सिंह जी सहित सभी गुरूओं के आशीर्वाद से प्रदेश की सवा करोड़ जनता की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। गुरुओं ने राष्ट्र को सर्वोपरि मानकर भारत को एकसूत्र में पिरोने का कार्य किया। सिक्ख गुरुओं का त्याग, बलिदान, शक्ति और साधना देश और धर्म के लिए अनुकरणीय है। सिक्ख गुरूओं के योगदान को जानकर हम देश के इतिहास को समझ बेतहर तरीके के समझ पाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज ने विदेशी आक्रांताओं से भारत के धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। खालसा पंथ ने मातृभूमि की रक्षा में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। खालसा पंथ देश और धर्म की रक्षा के लिए गुरु कृपा से निकला हुआ प्रकाश पुंज है। जो हमे धर्म, सच्चाई का रास्ता दिखाने का काम करता है। इस पंथ ने विपरीत परिस्थितियों में भी विदेशी ताकतों को झुकने के लिए मजबूर किया। सिक्ख गुरु परंपरा आध्यात्मिकता और बलिदान की परंपरा के साथ ’’एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ की अवधारणा के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को गुरू गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत को याद करने के लिए पहली बार ’’वीर बाल दिवस’’ मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार ’’एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ की परिकल्पना को साकार करने और हर वर्ग के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। समाज सेवा को समर्पित लंगर से जीएसटी टैक्स हटाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।आजादी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करतारपुर साहिब और नानक साहिब में 120 करोड़ रुपए की लागत से कोरिडोर बनाकर वहां भारतीय श्रद्धालुओ के लिए दर्शन की व्यवस्था की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों में कड़े फैसले लेने की इच्छाशक्ति नहीं थी। पूर्व की सरकारों का समय उलझाने, भटकाने, लटकने में चला गया है। जनता की मांग पर उनका कोई ध्यान नहीं था। आज सत्ता को पाने के लिए विपक्ष को धुरविरोधी दलों के साथ गठबंधन करना पड़ रहा है। और यह गठबंधन बनने से पहले बिखर रहे हैं। उन्होंने कहा विपक्षियों ने हमेशा हर वर्ग से वोटबैंक की राजनीति की है। लेकिन आज सरकार विकास की राजनीति होती है। वोट भी विकास पर मांगे जा रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि PM के नेतृत्व में हर वर्ग के लिये बिना किसी भेदभाव के कार्य कर रही है। गोविन्द घाट से हेमकुंड साहिब तक 850 करोड़ की लागत से बनने वाले रोपवे शिलान्यास को विकास के 9 रत्नों में शामिल किया है। इस रोपवे के निर्माण के बाद हेमकुंड साहिब आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी, साथ ही 19 किमी की पैदल चढ़ाई रोपवे से महज 45 मिनट में पूरी हो सकेगी। पिछले ढाई वर्ष में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय लिए हैं, जो विगत 23 वर्षों में नहीं लिए गए थे। उत्तराखंड में सभी को समान अधिकार देने के लिए समान नागरिक संहिता विधेयक लागू किया, वहीं देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, साथ ही धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया गया, पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की गई, वहीं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी पहली बार कार्रवाई करने से सरकार पीछे नहीं हटी, प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के साथ दंगारोधी कानून भी हमारी सरकार लेकर आई। इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।