Monday, November 18th 2024

शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा के साथ ही दी जाए व्यवसायिक शिक्षा – डीएम सोनिका

शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा के साथ ही दी जाए व्यवसायिक शिक्षा – डीएम सोनिका

देहरादून : ‘‘ शिक्षा से वंचित रह गए बच्चों को नशे से दूर रखते हुए मुख्यधारा में लाने हेतु  शिक्षा के साथ-2 व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ा जाए, जिससे वे आत्मनिर्भर बने’’ यह बात जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में  ऋषिपर्णा सभागार आयोजित जनपद स्तरीय स्टीयरिंग समिति की बैठक में कही। बैठक में वर्ष 2023-24 हेतु आयोजित की जाने वाली बालगणना के सम्बन्ध में चर्चा की गई। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्राविधानों के अनुसार 06-14 एवं 06-18 (दिव्यांग) वय वर्ग के सभी बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने हेतु सभी बच्चों को चिन्हांकित करते हुए विद्यालय में शत् प्रतिशत् नामांकन एवं अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को शत् प्रतिशत् नामांकन सुनिश्चित करना है।

जिलाधिकारी ने शिक्षा से वंचित रह गए बच्चों को मुख्यधारा में लाने हेतु योजना बनाते हुए अभियान चलाकर  कार्य करने के निर्देश शिक्षा विभाग एवं रेखीय विभागों के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा के साथ ही व्यवसायिक शिक्षा में व्यस्त रखें ताकि वे नशे की प्रवृत्ति एवं अपराधों से दूर रहें। इसके लिए बच्चों को नैतिक शिक्षा दी जाए। उन्होेंने कहा कि शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए उनके अभिभावकों को भी जागरूक करें, जिसके लिए एनजीओं का सहयोग ले लिया जाए। उन्होंने कहा ऐसे बच्चे जो स्कूल नही जा रहे हैं उनको बस्तियों में ही पढाने की व्यवस्था करें। उन्होंने शिक्षा विभाग एवं बाल विकास विभाग को इस क्षेत्र में कार्य कर रहें सामाजिक संगठनों का सहयोग लेते हुए अभियान चलाने पर बल दिया ।

जिलाधिकारी ने बालगणना में बच्चों के चिन्हांकन कार्य को रणनीति के तहत् पूर्ण करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि जनपद में जिन स्कूलों में ग्राउण्ड आदि की सुविधा है का विवरण उपलब्ध कराएं ताकि इन स्कूलों में बच्चों के खेलने के लिए सुविधांए विकसित की जा सके ताकि बच्चे अपने निकटवर्ती ग्राउण्ड में खेल सके, खेलों  से जुड़कर बच्चे  शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगें तथा बच्चों को मोबाईल एवं अवसादग्रस्त जीवन से दूर रखा जा सकता है।

बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी ने अवगत कराया कि वर्ष वर्ष 2022-23 की बालगणना के आंकड़ों के अधार पर 2023-24 में विद्यालय से बाहर रह गए 454 बच्चों को एनआरएसटी बहुउद्देशीय वाहन (बटर फ्लाईज संस्था), एवं एनआरएसटी केन्द्रों के द्वारा 12 माह का विशिष्टि प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है तथा प्रशिक्षण समाप्ति के उपरान्त केन्द्र के बच्चों को निकटतम प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों  में आयुनुसार प्रवेश कराया जाएगा।  बताया कि बालगणना में चिन्हित 454 बच्चों में से आउटऑफ स्कूल 409 बच्चों को एनआरएसटी केन्द्रों तथा 45 बच्चों को गृह आधारित शिक्षण कार्यक्रम के तहत् सीधे प्रवेश के माध्यम से शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।

ज्ञातब्य है कि  देहरादून के समस्त नगर क्षेत्र, विकासखण्ड रायपुर के संकुल रायपुर, नालापानी, अजबपुर, माजरा, सेवलाकला, सहसपुर के संकुल में कौलागढ, सेलाकुई, सहसपुर, झीवरहेड़ी, बनियावाला, विकासनगर के संकुल में विकासनगर, हरबर्टपुर, जीवनगढ तथा विकासखण्ड डोईवाला के संकुल में डोईवाला, मियावाला, गुजरोंवाली, बापूग्राम में बाह्य व्यवस्था से की जाने वाली बालगणना/घर-घर सर्वेक्षण के लिए चयनित संकुल  बालगणना हेतु घर-घर सर्वेक्षण के लिए चयनित किये गए है।  बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास जितेन्द्र कुमार, खण्ड शिक्षा अधिकारी डोईवाला मंजू भारती, विकासनगर वीपी सिंह, पल्लवी जैन, पूजा नेगी, प्रभारी बीआरसी सहसपुर सुनील कुमार, उप शिक्षा अधिकारी रायपुर प्रेमलता भारती, राकेश शर्मा सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।