चमोली : माकपा का 02 दिवसीय जिला सम्मेलन संपन्न, मदन मिश्रा बने जिला मंत्री
गोपेश्वर (चमोली)। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) जिला चमोली का दो दिवसीय 14वां जिला सम्मलेन कॉमरेड भवान सिंह रावत नगर, जिला पंचायत सभागार गोपेश्वर मे मंगलवार को संपन्न हुआ। सम्मेलन में मदन मिश्रा को जिला मंत्री बनाया गया।
दो दिनों तक चले इस सम्मेलन में राज्य मंत्री परिषद के वरिष्ठ नेता और सम्मेलन के पर्यवेक्षक गंगाधर नौटियाल ने कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन में किसान, मजदूर महिलाओं सहित अन्य लोगों ने भाग लिया। देश में बहस थी कि देश किस रास्ते पर चलेगा। आजादी के नायकों ने संविधान सभा में चर्चा की और देश के मार्गदर्शन के लिये संविधान दिया। संविधान की प्रस्तावना में धर्म निरपेक्ष जनतंत्र, संघीय ढांचा, आर्थिक सम्प्रभुता और सामाजिक न्याय के रास्ते पर चलने पर जोर दिया गया, क्योंकि इस रास्ते पर चल कर ही देश विकास की ऊंचाईयों को छू सकता है। भाजपा शासन के दौरान इन चारों स्तंभों पर हमला किया जा रहा है। बहुलतावादी संस्कृति को कुचलने और तानाशाही थोपने के लिये एक देश एक चुनाव की बातें की जा रही हैं। राज्यों के अधिकारो पर चोट करके संघीय ढांचे को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण करके स्थाई रोजगार को खत्म किया जा रहा है। खेती को कॉरपोरेट के हवाले करने का कुचक्र चलाया जा रहा है। और सरकार की ओर से सार्वजनिक पूंजी निवेश को लगातार कम किया जा रहा है। लघु और मध्यम उद्योग सिकुड रहे हैं और खुदरा व्यापार को मल्टीनेशनल कम्पनियों के हवाले करके लोगों की रोजी-रोटी पर हमला किया है। लगातार महंगाई बढ रही है। गलाकाट पतनशील संस्कृति देश पर थोपी जा रही है।
उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकडो के अनुसार महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले बढे हैं। उत्तराखंड राज्य में अपराध की घटनाऐं ज्यादा बढी हैं। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय व एशियाई मूल के लोगों को निशाना बनाकर नस्लवादी साम्प्रदायिकता फैला रहे है। जिससे भारत की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी। भारत में अवानी-अड़ानी की लूट बढ़वाने के लिए हिन्दू मुसलमान के बीच गहरी खाई पैदा कर देश के अंदर घृणा फैलाई जा रही है। उसी तरह से अमेरिका के धन्ना सेठों को लाभ देने के लिए अमेरिका में नस्लवादी संप्रदायिकता फैलाई जा रही है। देश में भाजपा की कट्टरवादी राजनीति वैसी ही है जैसी अमेरिका की नस्लवादी राजनीति जिसके ख़तरनाक परिणाम होंगे, मेहनतकश जनता की रोज़ी रोटी प्रभावित होगी।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस ने कभी भी देश की आजादी में हिस्सा नही लिया। डबल इंजन सरकार का मतलब है आरएसएस की ओर से सरकार का संचालन। जिसने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे और संविधान को पहले कभी महत्व नही दिया। एक देश एक चुनाव संवैधानिक जनतंत्र को रौंदने का कदम है। लेकिन जनता इसे सफल नही होने देगी।
सम्मेलन को पार्टी राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि देश में बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और तानाशाही बढाने में भाजपा कुशासन जिम्मेवार है। हमारी पार्टी महंगाई, बेरोजगारी, महिला उत्पीडन और एक देश एक चुनाव के विरोध में 15 अक्तूबर से 15 नवम्बर तक देश भर में अभियान चलाए हुए है। उन्होने कहा देश हित में जनविरोधी केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ बड़ा और मजबूत आंदोलन करने की जरूरत है तभी जन मुद्दों को शासन सत्ता के ऐजंडो मे लाया जा सकता है।
माकपा के इस दो दिवसीय सम्मेलन में पांच प्रस्ताव भी पारित किए गए जिसमें जिले के अंदर बरसों से वन भूमि में काबिज जरूरतमंद और भूमिहीन लोगों को मालिकाना हक दिलाए जाने, आवास विहीन लोगों को आवास के लिए भूमि दिलाए जाने, जनपद वासियों को जल विद्युत परियोजनाओं से निशुल्क बिजली दिए जाने, जंगली जानवरों से फसलों और मानव जीवन को होने वाले नुकसान से सुरक्षा और उसकी भरपाई, मनरेगा के तहत प्रति परिवार दो सौ दिन का रोजगार और न्यूनतम मजदूरी पांच सौ किए जाने तथा सांप्रदायिकता के विरुद्ध प्रस्ताव भी पारित किए गए। सम्मेलन में 17 सदस्यीय जिला कमेटी का चुनाव किया गया और आठ सदस्यीय सचिव मंडल जिसमें कामरेड भूपाल सिंह रावत, मोहन सिंह रावत, बस्ती लाल, गीता बिष्ट, राजेंद्र सिंह नेगी, कमलेश गौड़, ज्ञानेंद्र खंतवाल के निर्वाचन के साथ ही मदन मिश्रा को पार्टी का जिला मंत्री चुना गया।