रक्षाबंधन पर इस बार नहीं रहेगा भद्रा साया, लेकिन …….

देहरादून : हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल सावन पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला भाई-बहन के प्रेम का पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस शुभ पर्व पर आमतौर पर भद्राकाल का साया रहता है, जिसे अशुभ माना जाता है। लेकिन, इस बार रक्षाबंधन बिना भद्रा के मनाया जाएगा, जो कि एक शुभ संकेत है। हालांकि, राखी बांधने से पहले राहुकाल का विशेष ध्यान रखना होगा, क्योंकि यह भी शुभ कार्य के लिए अशुभ माना जाता है।
राखी बांधने का शुभ समय और राहुकाल
पंचांग के मुताबिक, 9 अगस्त को राहुकाल सुबह 9 बजे से लेकर 10:30 बजे तक रहेगा। इस डेढ़ घंटे की अवधि को शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए इस दौरान भाई को राखी बांधने से बचना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि राहुकाल में शुरू किए गए कार्य सफल नहीं होते हैं।
क्या होता है राहुकाल?
राहुकाल हर दिन सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच लगभग 90 मिनट की एक विशिष्ट अवधि होती है, जिसे ज्योतिष में अशुभ समय माना गया है। यह समय छाया ग्रह राहु द्वारा शासित होता है, जिसे बाधाओं, भ्रम और नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा माना जाता है। इसी कारण राहुकाल में कोई भी नया शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
राहुकाल में क्या करें और क्या न करें?
- क्या न करें: राहुकाल में कोई भी नया या शुभ काम शुरू करने से बचें। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करना, यात्रा करना या कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना अशुभ माना जाता है। धार्मिक कार्यों जैसे यज्ञ या पूजा-पाठ से भी इस समय बचना चाहिए।
- क्या करें: राहुकाल के दौरान आप ध्यान, जप और साधना कर सकते हैं। भगवान शिव, देवी दुर्गा और भगवान काल भैरव की उपासना करना शुभ माना जाता है, क्योंकि इनकी पूजा से राहु के नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं। अगर यात्रा करना जरूरी हो तो पान, दही या कुछ मीठा खाकर निकलना चाहिए। पढ़ाई-लिखाई करना भी इस समय शुभ माना जाता है।