Friday, November 22nd 2024

छत्तीसगढ़ में स्थित देश का अकेला मंदिर, जहां पत्नी के साथ विराजमान हैं शनि देव

कवर्धा : वैसे तो शनिदेव के कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर देश के अलग अलग हिस्से में मौजूद है। छत्तीसगढ़ में एक ऐसा शनि मंदिर हैं, जहां शनि देव अपनी पत्नी के साथ विराजित है। एक तरफ जहां शनि मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है, वहीं यह एक अनोखा मंदिर है जहां पति-पत्नी साथ पूजा करते हैं। शनि देव का ये मंदिर छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित है। जहां भोरमदेव मार्ग से 15 किलोमीटर दूर एक गांव छपरी स्थित है। जहां से कुछ किलोमीटर दूर मड़वा महल है। जहां से टेढ़े-मेढ़े पथरीले रास्तों को पार करते हुए गावं करियाआमा आता है, जहां ये मंदिर स्थित है। इस मंदिर में शनि देव अपनी पत्नी स्वामिनी के साथ पूजे जाते है। जानकारी के अनुसार यह देश का एकमात्र मंदिर है जहां शनि देव और उनकी पत्नी की प्रतिमा एक साथ विराजमान हैं।

हटी धूल तो सामने आई अनूठी प्रतिमा

यहां के पुरोहित के मुताबिक, वे काफी लंबे समय से भगवान शनिदेव की पूजा करने के लिए करियाआमा जाते रहे हैं। लगातार तेल डालने की वजह से प्रतिमा पर धूल-मिट्टी की काफी मोटी परत जम चुकी थी। एक दिन इस प्रतिमा को साफ किया गया तो वहीं शनिदेव के साथ उनकी पत्नी देवी स्वामिनी की भी प्रतिमा मिली। यह प्रतिमा पांडव कालीन बताई जाती है। कहा जाता है कि अपने वनवास काल के दौरान पांडवों को यह मूर्ति मिली थी।


पति-पत्नी साथ कर सकते हैं पूजा

इस मंदिर को देश का एकमात्र सपत्नीक शनिदेवालय का दर्जा मिला है, बाकी स्थानों पर शनिदेव की अकेली प्रतिमा ही स्थापित हैं। यह शनि मंदिर इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पति-पत्नी दोनों एक साथ शनिदेव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। इस शनि देव के मंदिर के साथ एक और मान्यता जुडी हुई है। मान्यता प्रचलित है कि जो भी पति-पत्नी अगर एक साथ इस मंदिर में आकर दोनों श्रद्धा पूर्वक अपनी माथा टेकते है और सरसो का तेल चढ़ाते है तो ऐसा करने से पति और पत्नी दोनों का जीवन धन्य हो जाता है और उनका जीवन सुखमय हो जाता है। साथ है यहाँ पर अगर कोई भी ब्यक्ति सरसो का तेल चढ़ा कर अपना माता शनि देव के चरणों में टेकता है तो उनके जीवन से साढ़े शाति की महादशा से मुक्ति मिल जाती है।