Tuesday, November 26th 2024

शीतकाल के लिए श्री बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के इन तिथियों में बंद होंगे कपाट

शीतकाल के लिए श्री बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के इन तिथियों में बंद होंगे कपाट
  • उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2024
  • श्री बदरीनाथ धाम के कपाट  17 नवंबर को रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर  बंद होंगे।
  • परंपरानुसार श्री केदारनाथ धाम एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के दिन बंद होते है।
  •  श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के दिन बंद होते है।
  •  द्वितीय केदार मद्महेश्वर  के कपाट  20 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर  को बंद होंगे । आज तय हुई कपाट बंद होने की तिथि
श्री बदरीनाथ / केदारनाथ धाम/ देहरादून : इस यात्रा  वर्ष विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार 17 नवंबर  रात्रि   9 बजकर 07 मिनट पर  मिथुन लग्न में शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। तथा पंच पूजायें  बुधवार 13  नवंबर से शुरू होंगी इसी के साथ उत्तराखंड चार धाम के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित कर दी गयी है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि आज विजय दशमी/ दशहरे के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम  मंदिर परिसर में पंचाग गणना पश्चात समारोहपूर्वक तय की गयी। कपाट बंद होने की तिथि तय करने हेतु दोपहर साढ़े ग्यारह बजे से कार्यक्रम शुरू हो गया था। समारोह में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री भी मौजूद रहे‌।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम विजय दशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय  ने  अपने संदेश में तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं  दी है। यात्रा से जुड़े सभी  विभागों,संस्थाओं, संगठनों सभी का आभार जताया। कहा कि  इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ -केदारनाथ यात्रा  सरल सुगम रही  अभी यात्रातथा  यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में चारधाम  यात्रा में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे। सरकार एवं मंदिर समिति के प्रयासों से सभी यात्री सुविधाएं मुहैया हुई है।
बदरीनाथ धाम से मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया है कि अभी तक  11 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे है तथा साढे 13 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे। इस तरह  साढ़े 24 लाख तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ -केदारनाथ के दर्शन कर लिए है एवं साढ़े अड़तीस लाख तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर पहुंच गये है।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम विजय दशमी के अवसर पर रावल अमरनाथ नंबूदरी,  बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं सदस्यगण,  मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल,प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी एवं बामणी, पांडुकेश्वर एवं माणा  के हक-हकूकधारियों  एवं तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट पंचांग गणना के अनुसार कपाट बंद होने की तिथि तय की। तथा आज ही देव डोलियों के  योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान का कार्यक्रम भी तय हुआ। साथ ही यात्रा वर्ष 2025 के लिए भंडार व्यवस्था हेतु सम्मान स्वरूप पगड़ी भेंट की गयी। भंडारी तोक से कुंदन सिंह भंडारी,कमदी थोक से अनुपम पंवार,मेहता थोक से यशवंत मेहता एवं सोबित मेहता को पगड़ी भेंट की गयी।
कपाट बंद होने से पहले होने वाली   पंच पूजाओं के अंतर्गत सोमवार 13 नवंबर को पहले दिन श्री गणेश जी की पूजा तथा शायं को गणेश जी के कपाट बंद होंगे। 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे, 15 नवंबर को खड़क पुस्तक वाचन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा, शनिवार 16 नवंबर को माता लक्ष्मी जी को  कढ़ाई भोग लगाया जायेगा। तथा  17 नवंबर  शाम सात बजे  बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।  रावल जी स्त्री रूप धारण कर माता लक्ष्मी को परिसर स्थित मंदिर से श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे। इससे पहले श्री उद्धव‌ जी एवं कुबेर जी मंदिर गर्भगृह से बाहर परिसर में आयेंगे। इसी के साथ रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। इसी दिन साथ ही श्री कुबेर जी रात्रि प्रवास हेतु बामणी गांव प्रवास  हेतु पहुंचेंगे तथा श्री उद्धव जी रावल निवास आ जायेंगे
 बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि देव डोलियों के शीतकालीन पूजा स्थल प्रस्थान के तहत  सोमवार 18 नवंबर को श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी सहित रावल अमरनाथ नंबूदरी तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी रात्रि प्रवास हेतु योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे। श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 19 नवंबर मंगलवार को श्री नृसिंह मंदिर परिसर में विराजमान हो जायेगी। इस तरह इस वर्ष की श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का भी समापन हो जायेगा। आज ही श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में नौ दिन से चल रही मां दुर्गा पूजा एवं माता उर्वशी पूजन का भी आज हवल यज्ञ के साथ समापन हो गया है‌।उसके बाद कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित का कार्यक्रम शुरू हुआ।
आज कपाट  बंद होने की तिथि निर्धारित होने के अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य भास्कर डिमरी,मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल,  प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी,ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी,प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट,  डिमरी पंचायत पूर्व अध्यक्ष विनोद  डिमरी,जेई गिरीश रावत,  राजेंद्र सेमवाल, जगमोहन बर्त्वाल, संतोष तिवारी, लेखाकार भूपेंद्र रावत,  संदेश  मेहता, विश्वनाथ,केदार सिंह रावत, स़जय तिवारी अजय सती अनसूया नौटियाल, अजीत भंडारी,  संजय थपलियाल योगंबर नेगी, वैभव उनियाल, सत्येन्द्र  चौहान,विकास  सनवाल, दिनेश भट्ट,हरीश जोशी  आदि मौजूद रहे।
परंपरागत रूप से श्री केदारनाथ धाम के कपाट  दीपावली के पावन पर्व के पश्चात भैया दूज को  बंद हो जाते है।  इस बार श्री केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर भैयादूज को  सुबह 8.30 बजे बंद हो रहे है। इसी दिन  3 नवंबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर ( निकट फाटा)  को प्रस्थान करेगी। 4 नवंबर को पंचमुखी डोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी  5 नवंबर को गुप्तकाशी से  पंचकेदार गद्दस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में शीतकाल हेतु विराजमान होगी। यह भी उल्लेखनीय  है कि इसी दिन यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद होते है तथा भैया दूज से एक दिन पहले अन्नकूट गोवर्धन पूजा के दिन श्री गंगोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में बंद होते है  इस यात्रा वर्ष भैयादूज रविवार 3 नवंबर को यमुनोत्री  धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर  3 मिनट  पर बंद हो रहे है तथा अन्नकूट गोवर्धन पूजा शनिवार 2 नवंबर को है इस दिन  गंगोत्री  धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर  शुभ मुहूर्त में बंद हो रहे है।
श्री गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि तथा समय की घोषणा श्री गंगोत्री मंदिर समिति तथा यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा पृथक-पृथक रूप से की गयी है  वहीं  प्रसिद्ध गुरुद्वारा हेमकुंट साहिब  तथा लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण मंदिर के कपाट बीते बृहस्पतिवार 10 अक्टूबर को बंद हो गये है। वही द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 20 नवंबर को बंद हो रहे है तथा तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट  4 नवंबर को बंद हो रहे है। जबकि मद्महेश्वर मेला 23 नवंबर को है इसी दिन श्री मद्महेश्वर भगवान की चल विग्रह डोली विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेंगे जबकि श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह उत्सव डोली  विभिन्न पड़ावों से होकर 7 नवंबर को मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी।