टेली-लॉ कार्यक्रम से 50.33 लाख से अधिक लाभार्थियों को मिली कानूनी सलाह, टेली-लॉ कार्यक्रम से जुड़े ढाई लाख सीएससी
नई दिल्ली : देश में अदालती कार्यवाही से पहले अर्थात मुकदमेबाजी पूर्व तंत्र को सक्षम बनाने के लिए 20 अप्रैल, 2017 को ई-इंटरफ़ेस प्लेटफ़ॉर्म ‘टेली-लॉ कार्यक्रम’ लॉन्च किया गया था। भारत सरकार की इस पहल का उद्देश्य शिकायत के शीघ्र निवारण के लिए लाभार्थी को कानूनी सलाह और परामर्श दिलवाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/टेलीफोन के माध्यम से पैनल वकील के साथ जोड़ना है । ग्रामीण अंचलों में पंचायत स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के विशाल नेटवर्क के माध्यम से कमजोर, वंचित समूहों और समुदायों को मूल्यवान कानूनी सलाह प्रदान करने के लिए पैनल वकीलों से सम्पर्क करवाया जाता है । साल 2017 में, तीन प्रमुख कानूनी सहायता और सशक्तिकरण कार्यक्रम, टेली-लॉ, न्याय बंधु कानूनी सेवा और न्याय मित्र शुरू किए गए थे। इनके जरिये अदालतों में 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों का निबटान किया जा रहा है ।
टेली-लॉ 2.0 की शुरुआत 25 अगस्त 2023 को की गई थी, जो टेली-लॉ कार्यक्रम के विकास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। दिशा (भारत में न्याय तक समग्र पहुंच के लिए अभिनव समाधान डिजाइन करना) योजना के तहत संचालित इस अभूतपूर्व कार्यक्रम ने 50 लाख कानूनी परामर्श प्रदान करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है, जो देश के हर कोने तक न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपने अटूट समर्पण को मजबूत करता है। इस संस्करण में अधिक से अधिक नागरिकों को क़ानूनी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए न्याय बंधु के साथ टेली-लॉ सेवाओं का विलय शामिल है ।
नागरिकों का टेली-लॉ मोबाइल ऐप
- नागरिक टेली-लॉ मोबाइल ऐप 13 नवंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था, जो कि लाभार्थियों को अपने मोबाइल फोन के माध्यम से पैनल वकीलों के साथ मुफ्त में जुड़ने की अनुमति देता है। पैनल वकीलों के लिए एक अलग मोबाइल ऐप मौजूद है।
- ऐप अंग्रेजी और सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में उपलब्ध है।
- टेली-लॉ मोबाइल ऐप का उद्देश्य जनता को अधिकाधिक क़ानूनी जानकारी से अवगत करवाना और उनकी समस्याओं की पहचान के लिए सशक्त बनाना है।
सुलभता
भारत में नागरिकों के लिए टेली-लॉ सेवा पंचायत स्तर पर स्थित सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) में उपलब्ध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग / टेलीफोनिक सुविधाओं के माध्यम से सुलभ बनाई गई है। नागरिक टेली-लॉ मोबाइल ऐप लाभार्थियों को सीधे अपने मोबाइल फोन के माध्यम से पैनल वकीलों से सलाह प्राप्त करने की अनुमति देता है।
सामर्थ्य
- देश के प्रत्येक नागरिक को टेली-लॉ सेवा निःशुल्क प्रदान की जाती है।
अग्रिम पंक्ति के पदाधिकारी
- पैरा लीगल वालंटियर्स (पीएलवी) को मध्यस्थों के रूप में कार्य करने, आम लोगों और टेली-लॉ सेवा के बीच की खाई को पाटने और टेलीलॉ के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए तैनात किया गया है।
- सीएससी संचालित करने वाले ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) पैनल वकीलों के साथ लाभार्थियों के ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा प्रदान करते हैं।
- इसके अंतर्गत जन साधारण को कानूनी सलाह और परामर्श प्रदान करने के लिए पैनल वकीलों को तैनात किया गया है।
- राज्य स्तरीय समन्वयक, संघ शासित प्रदेशों / राज्यों में टेली-लॉ कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न हितधारकों का प्रबंधन करते हैं।
रीयल-टाइम डेटा
- इस के तहत पंजीकृत विभिन्न प्रकार के मामलों से संबंधित वास्तविक आंकड़ों के संग्रहण के लिए टेली-लॉ डैशबोर्ड विकसित किया गया है ।
टेली-लॉ कार्यक्रम की मुख्य उपलब्धियों
- 2017 में, टेली-लॉ सेवा भारत के 11 राज्यों के 170 जिलों में 1800 सीएससी में उपलब्ध था। अब इसकी सेवाओं को 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों में 2,50,000 सीएससी तक विस्तारित किया गया है।
- इस कार्यक्रम के तहत 50.33 लाख से अधिक लाभार्थियों को कानूनी सलाह दी गयी है । वर्ष 2026 तक 1 करोड़ लाभार्थियों को कानूनी सहायता प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- टेली-लॉ कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यतः महिला पैरा लीगल स्वयंसेवकों की पहचान कर उन्हें सशक्त बनाया गया है। ग्रामीणों को क़ानूनी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए वे सामान्य सेवा केंद्रों से जुड़ी होती हैं ।