Thursday, December 26th 2024

इफ्फी 2023 : विविधता कासमावेश और समावेशिता को प्रोत्साहन, महोत्सव ने दिव्यांगजनों के लिए सुलभता और सभी के लिए फिल्में सुनिश्चित की

इफ्फी 2023 : विविधता कासमावेश और समावेशिता को प्रोत्साहन, महोत्सव ने दिव्यांगजनों के लिए सुलभता और सभी के लिए फिल्में सुनिश्चित की

 

नई दिल्ली : भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) का 54वां आयोजन सभी क्षेत्रों में समावेशिता और विविधता का एक प्रेरक प्रतीक बन गया है। इस वर्ष का इफ्फी सभी प्रकार की क्षमताओं और पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों कागर्मजोशी से स्वागत करते हुए सुलभता के एक मार्गदर्शक प्रकाशपुंज के रूप में कार्य कर रहा है। यह देश एवं दुनिया के कोने-कोने से कला और कलाकारों को एकत्रित कर रहा है और साथ ही कंटेंट को सभी उपभोक्ताओं के लिए सुलभ बना रहा है। क्षेत्रीय सिनेमा से लेकर विदेशी भाषा की फिल्मों तक, इफ्फी सिनेमाई उत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करने वाले सामंजस्यपूर्ण ताने-बाने में सब कुछ का समावेश कर रहा है।

इस महोत्सव के सभी स्थलों पर दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं के सोचे-समझे समन्वय के जरिए समावेशिता की दिशा में एक अनुकरणीय प्रगति देखी गई है। संबद्ध ऑडियो विवरण और सांकेतिक भाषा प्रावधानों से सुसज्जित दिव्यांगजन प्रतिनिधियों के लिए तैयार की गई चार विशेष स्क्रीनिंग, सभी के लिए सिनेमाई अनुभव सुनिश्चित करने के प्रतिइफ्फी के समर्पण को दर्शाती है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसे अब बढ़ाकर ‘सबका मनोरंजन’ तक ले जाया गया है और जो ‘सभी के लिए मनोरंजन’ की वकालत करता है।

इसके अलावा, यह महोत्सव 40 उल्लेखनीय महिला फिल्मकारोंके सिनेमाई कौशल को रेखांकित करके लैंगिक समानता का समर्थन कर रहा है। इन महिला फिल्मकारों का योगदान न केवल सिनेमाई परिदृश्य को समृद्ध करता है, बल्कि फिल्म उद्योग के भीतर समानता और प्रतिनिधित्व की मांग को भी मुखर करता है।

इफ्फी की एक पहचान पूरे भारत में फैली विविध संस्कृतियों व कथाओं को नमन करने वालेक्षेत्रीय सिनेमा का इसका उत्सव है।विभिन्न भाषाई क्षेत्रों की फिल्मों के प्रदर्शन को समर्पित विशिष्ट दिन इस प्रतिबद्धता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।पूर्वी भारत की बंगाली, उड़िया, असमिया, मणिपुरी और उत्तर पूर्वी बोलियों की जीवंत चित्रपट से लेकर तमिल, मलयालम, पंजाबी, डोगरी, भोजपुरी, राजस्थानी, उर्दू, छत्तीसगढ़ी, कोंकणी, मराठी, गुजराती, कन्नड़ और तेलुगु सिनेमा कीचमक तक, 54वां इफ्फी भारत की सांस्कृतिक विविधता की एक मनोरम यात्रा का वादा कर रहा है।

समकालीन रुझानका समावेश करते हुए, सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) पुरस्कार की शुरुआत डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से कहानी कहने के उभरते परिदृश्य कोइफ्फीद्वारा मान्यता को दर्शाती है। 15 ओटीटी प्लेटफार्मों से 10 भाषाओं की प्रविष्टियों के साथ, यह पुरस्कार न केवल उत्कृष्ट कंटेंट को मान्यता प्रदान करता है बल्कि रचनात्मक अभिव्यक्ति की विविधता को भी बढ़ावा देता है। जैसे-जैसे यह महोत्सव आगे बढ़ रहा है, इफ्फी 54 सिनेमाई उत्कृष्टता, समावेशिता और सांस्कृतिक उत्सव के एक उत्कृष्ट प्रमाण के रूप में उभर रहा है। ‘सभी के लिए मनोरंजन’के अपने आदर्श वाक्य और ‘विविधता में एकता’के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ, यह महोत्सव एक अधिक समावेशी और जीवंत सिनेमाई दुनिया का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।