नरसिंह राव, आडवाणी, कर्पूरी ठाकुर सहित पांच विभूतियों को मिला भारत रत्न
नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू ने आज भारत सरकार द्वारा चयनित पांच विभूतियों को भारत रत्न से सम्मानित किया। इ कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए। राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिंह राव, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक एमए स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया है।
2020 से 2023 तक किसी को भी भारत रत्न नहीं दिया गया था, लेकिन 2014 के लिए केंद्र सरकार ने इन पांच विभूतियों को चुना। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में केवल उप राष्ट्रपति लाल कृष्ण आडवाणी को छोड़कर अन्य चार विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान दिया गया। पूर्व पीएम नरसिंह राव को भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले पर उनके पोते एनवी सुभाष ने केंद्र सरकार की सराहना की।
मीडिया से बात करते हुए उन्होनं कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, नरसिंह राव बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। चाहे आंध्र प्रदेश के लिए हो या केंद्र के लिए उन्होंने कई बार साहसिक कदम उठाया। जब वह प्रधानमंत्री बने उस समय स्थिति बहुत खराब थी। जब कांग्रेस पार्टी 2004 से 2014 तक सत्ता में रही तब न तो पार्टी ने और न ही गांधी परिवार ने उनके योगदानों को कभी याद किया। पीएम मोदी ने उनके योगदानों को याद रखा और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया।”
नरसिंह राव को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। कांग्रेस पार्टी में 50 साल बीताने के बाद वह देश के पीएम बने। राव करीबन 10 अलग-अलग भाषाओं में बात कर सकते थे। वह अनुवाद में भी उस्ताद माने जाते थे। मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में जन्में चरण सिंह भारत के पांचवें पीएम थे। उन्होनें 1923 में विज्ञान से स्नातक की एवं 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। साल 1929 में मेरठ वापस आने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
लाल कृष्ण आडवाणी भारत के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री रह चुके हैं। उनका जन्म 1927 में पाकिस्तानी के कराची में एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। आडवाणी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के उप-प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। इससे पहले वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस में गृहमंत्री भी रह चुके हैं। लाल कृष्ण अडवाणी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी।10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
कर्पूरी ठाकुर को बिहार की सियासत में सामाजिक न्याय की अलख जगाने वाला नेता माना जाता है। कर्पूरी ठाकुर साधारण नाई परिवार में जन्में थे। उन्होनें पूरी जिंदगी कांग्रेस विरोधी राजनीति की और अपना सियासी मुकाम हासिल किया। यहां तक की आपातकाल के दौरान तमाम कोशिशों को बावजूद इंदिरा गांधी उन्हें गिरफ्तार नहीं करवा सकी थीं। उन्हें सम्मान मिलने पर उनकी पोती ने खुशी जताई।
एमएस स्वामीनाथ प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक रहे। इनका जन्म 1925 में मद्रास प्रेसिडेंसी में हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1943 में बंगाल में भीषण अकाल पड़ा था, जिसने उन्हें झकझोर कर रख दिया। इसे देखते हुए उन्होनें 1944 में मद्रास एग्रीकल्चर कॉलेज से कृषि विज्ञान में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। 1949 में साइटोजेनेटिक्स में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अपना शोध आलू पर किया था। स्वामीनाथन को उनके काम के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।