मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने तथा राष्ट्रीय खेल ध्वज मिलने पर प्रदेशवासियों को दी बधाई
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल ध्वज हस्तांतरण एवं 37वें राष्ट्रीय खेल गोवा-2023 में उत्तराखण्ड के पदक विजेता खिलाडियों के सम्मान समारोह में शामिल हुये। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन तथा राष्ट्रीय खेल ध्वज मिलने पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। देवभूमि को यह उपलब्धि प्रदान करने के लिए 37वें राष्ट्रीय खेलों के समापन अवसर पर ’’राष्ट्रीय खेल ध्वज’’ माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा राज्य की खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्या के नेतृत्व में गये प्रतिनिधि मण्डल को सौंपा गया था, जिसे आज राष्ट्रीय खेल सचिवालय, उत्तराखण्ड को सौंपा जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड राज्य में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेल अभूतपूर्व एवं गौरवशाली होगें और निश्चित रूप से यह खेल राज्य को खेल भूमि के रूप में पहचान दिलाने में मील का पत्थर साबित होगें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल संस्कृति का निरन्तर प्रसार हो रहा है, जिसका प्रतिफल आज हम सबके समक्ष है। उत्तराखण्ड राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में निरन्तर बेहतर प्रदर्शन करते आ रहे हैं। गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड राज्य के खिलाड़ियों द्वारा 18 पदक प्राप्त किये गये थे जबकि इस वर्ष 37वें राष्ट्रीय खेलों में हमारे खिलाड़ियों ने 24 पदक अर्जित किये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के खिलाड़ी आगामी प्रतियोगिताओं में अपना वर्चस्व भी स्थापित करेंगे इसका उन्हें विश्वास है। उन्होंने कहा कि खेल से सद्भावना व आपसी एकता बढ़ती है। खिलाड़ियों में सिर्फ खेल की भावना होती है। वे जाति, धर्म व सीमा के बंधन से आजाद होते हैं। समाज के लोगों को खिलाड़ियों से सबक लेने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज नये भारत, शक्तिशाली भारत, गौरवशाली भारत का निर्माण हो रहा है साथ ही खेल सहित प्रत्येक क्षेत्र में लगातार उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। अब हमारे देश में खिलाड़ियों के सामर्थ्य का सम्मान हो रहा है। किसी देश में खेल का ‘’इको सिस्टम’’ कितना बेहतर है यह ओलंपिक में उस देश के क्वालिफाई करने वाली खिलाड़ियों की संख्या से पता चलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक के लिए भारत के 83 एथलीट ने क्वालिफाई किया था। लेकिन, मोदी सरकार के रहते हुए दो ओलंपिक रियो डी जेनेरियो 2016 और टोक्यो 2020 ओलंपिक के लिए क्रमशः 117 और 126 खिलाड़ियों ने क्वालिफाई किया। 9 साल पहले के मुकाबले खेल बजट आज तीन गुणा हो चुका है। इस साल के लिए केंद्र सरकार ने युवा और खेल मंत्रालय को करीब तीन हजार तीन सौ नब्बे करोड़ रुपए का बजट दिया है। खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएँ और प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर 2024 के पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक में प्रदर्शन और बेहतर करने में इससे मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आज देश के गली-गली से निकले टैलेंट अब विश्व स्तरीय प्रशिक्षण पाकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश को गौरवान्वित कर रहे है। और इस वर्ष भारत ने एशियाई खेलों का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा प्रारंभ की गई नई पहल ’‘खेलो इंडिया’’ अभियान से निकले करीब सवा सौ खिलाड़ी एशियाई खेलों का हिस्सा बने, जिनमें से 36 खिलाड़ियों ने मेडल भी जीते। राज्य सरकार भी खेलों को बढावा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। हमने कुछ समय पूर्व राज्य के प्रतिभाशाली और उभरते हुए खिलाड़ियों के लिए खेल छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया था, इस योजना को प्रारंभ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल के मैदान में भी उत्तराखंड अग्रणी राज्य बने और इसी के तहत राज्य में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन हेतु ’’नई खेल नीति’’ लाई गई है। खिलाड़ियों को जमीनी स्तर से खेल क्षेत्र में रूचि लाने हेतु 14 से 23 वर्ष तक के खिलाड़ियों को 2000 प्रति माह छात्रवृत्ति एवं 10 हजार रुपए प्रति वर्ष खेल के सामान आदि खरीदने हेतु ’’मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’’ के तहत धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही ’’मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना’’ में 08 से 14 वर्ष के उभरते खिलाड़ियों को 1500 रूपये प्रतिमाह की खेल छात्रवृत्ति दी जा रही है। खिलाड़ियों को नियमानुसार त्वरित वित्तीय लाभ दिये जाने हेतु ’’मुख्यमंत्री खेल विकास निधि’’ की स्थापना की गयी है।
उन्होंने कहा कि राज्य में खिलाड़ियों को प्रतियोगिता एवं प्रशिक्षण शिविरों में एवं यात्रा के दौरान दुर्घटना होने पर आर्थिक सहायता की व्यवस्था भी की है। ग्रामीण परिवेश के खिलाड़ियों के लिए ओपन जिम खोलने के लिए 10 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान किया है। प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु 5 प्रतिशत स्पोर्टस कोटा की व्यवस्था करने के लिये नियमावली बनाने जा रही है। इसके साथ ही निजी खेल क्षेत्रों के माध्यम से खेल अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण हेतु अनुदान दिये जाने की भी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जिसे लागू किये जाने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। राज्याधीन सेवाओं में सेवायोजन के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू किये जाने की कार्यवाही भी अंतिम चरण में है। उन्होंने खिलाडियों से अपेक्षा की कि वे दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ मेहनत करें, राज्य सरकार उनके साथ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सफलता का एक ही मूल मंत्र है ’’विकल्प रहित संकल्प’’ खिलाड़ी अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उस लक्ष्य को पाने के लिए जी जान से जुट जाएं, जिस भी क्षेत्र में जाएं, उस क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपेक्षा के अनुरुप उत्तराखण्ड को प्रत्येक क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इस कार्य में उन्होंने सभी से सहयोग की भी अपेक्षा की।
इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य में खेलों के विकास हेतु मुख्यमंत्री बेहद गंभीर है। उनके द्वारा युवा खिलाडियों को प्रोत्साहित करने हेेतु विभिन्न योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं। खेल मंत्री ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा लोहाघाट में गर्ल्स स्पोर्टस कॉलेज की स्थापना को संस्तुति प्रदान की गई है। खिलाडियों के भोजन भत्ते मेें भी एतिहासिक वृद्धि की गई है। उन्होंने खिलाडियों का आह्वान किया कि उत्तराखण्ड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। इस अवसर पर रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, निदेशक खेल जितेंद्र कुमार सोनकर, उत्तराखण्ड ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डी. के. सिंह आदि उपस्थित थे।