ढाका । बांग्लादेश में जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की मौत की खबर फैलते ही राजधानी ढाका समेत कई शहरों में हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख अखबारों प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों पर हमला बोल दिया, तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इस घटना में द डेली स्टार के कम से कम 25 पत्रकार चार घंटे से अधिक समय तक इमारत के अंदर फंस गए, जिन्हें बाद में सेना और फायर सर्विस की मदद से सुरक्षित निकाला गया।
हादी (32 वर्ष) पर 12 दिसंबर को ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने गोली चलाई थी, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। सिंगापुर में इलाज के दौरान गुरुवार देर रात उनकी मौत हो गई। उनकी मौत की खबर फैलते ही शाहबाग चौराहे पर हजारों प्रदर्शनकारी जमा हो गए और नारे लगाते हुए प्रोथोम आलो के दफ्तर पहुंचे। रात करीब 12 बजे तोड़फोड़ शुरू हुई और इमारत में आग लगा दी गई। इसके बाद भीड़ ने पास ही द डेली स्टार के दफ्तर पर हमला किया।

द डेली स्टार की एक रिपोर्टर जायमा इस्लाम ने सोशल मीडिया पर बताया कि इमारत में धुआं इतना ज्यादा था कि सांस लेना मुश्किल हो रहा था। फायर सर्विस की टीम भीड़ के कारण मौके पर नहीं पहुंच सकी। सुबह करीब 4 बजे पत्रकारों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। दोनों अखबारों के दफ्तरों में भारी नुकसान हुआ है, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

हिंसा अन्य जगहों पर भी फैली। आवामी लीग के कई दफ्तरों में तोड़फोड़ हुई और आग लगाई गई। कुछ रिपोर्ट्स में भारतीय दूतावास संबंधित स्थानों पर पथराव की भी खबर है।
यूनुस की शांति अपील
अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित कर शांति की अपील की। उन्होंने हादी की मौत को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया और 20 दिसंबर को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया। यूनुस ने कहा, “धैर्य और संयम बनाए रखें। कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पेशेवर तरीके से जांच करने दें। सरकार कानून का राज कायम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
हादी जुलाई 2024 के विद्रोह में प्रमुख भूमिका निभाने वाले नेता थे और फरवरी 2026 के चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने वाले थे। उनकी मौत से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति फिर से अस्थिर हो गई है। सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

