Saturday, November 16th 2024

आईआईटी रुड़की में 32वीं आईएएचआर संगोष्ठी का हुआ उद्घाटन

आईआईटी रुड़की में 32वीं आईएएचआर संगोष्ठी का हुआ उद्घाटन
  • आईआईटी रुड़की ने 32वीं आईएएचआर संगोष्ठी का उद्घाटन कियाजिससे भारत के हाइड्रोलिक मशीनरी एवं सिस्टम क्षेत्र को आकार देने में इसकी अग्रणी भूमिका पर बल मिला
  • आईआईटी रुड़की ने वैश्विक सहयोग के माध्यम से भारत की इंजीनियरिंग क्षमता को आगे बढ़ाया
  • संगोष्ठी में हाइड्रोलिक मशीनरी अनुसंधान एवं नवाचार में आईआईटी रुड़की के नेतृत्व पर प्रकाश डाला गया
  • इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के माध्यम से राष्ट्रीय विकास के लिए आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता
  • भविष्य को आकार देना – वैश्विक हाइड्रोलिक मशीनरी और प्रणालियों में आईआईटी रुड़की की भूमिका

रुड़की : आईआईटी रुड़की में हाइड्रोलिक मशीनरी और सिस्टम पर 32वीं आईएएचआर संगोष्ठी का बड़े उत्साह के साथ उद्घाटन किया गयाजो अनुसंधानउद्योग सहयोग और सामाजिक प्रभाव को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की चल रही प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। परंपरा एवं शैक्षणिक उत्कृष्टता से सराबोर उद्घाटन सत्र ने एक ऐसे परिवर्तनकारी आयोजन के लिए मंच तैयार कियाजो हाइड्रोलिक मशीनरी और सिस्टम में राष्ट्रीय एवं वैश्विक दोनों परिदृश्यों को प्रभावित करेगा।

समारोह की शुरुआत प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ हुईजो इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम की शुरुआत का प्रतीक है। उद्घाटन सत्र की शुरुआत औपचारिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुईजिसके बाद अमर कुलगीत जयति जयति विद्या संस्थान…‘ पूरे हॉल में गूंज उठा। यह कालातीत गानजिसे एक पूर्व कुलपति के अनुरोध पर प्रतिष्ठित कवि स्वर्गीय श्री सुमित्रानंदन पंत ने लिखा थाआईआईटी रुड़की की भावना एवं विरासत का प्रतीक है। यह संस्थान की समृद्ध विरासत और शिक्षा में ज्ञान एवं उत्कृष्टता की खोज के लिए स्थायी प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है।

32वें IAHR 2024 आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार ने अपने स्वागत भाषण में कहा, “आईआईटी रुड़की हमेशा से इंजीनियरिंग शिक्षा एवं अनुसंधान में सबसे आगे रहा है। हमारी विरासत नवाचार एवं उत्कृष्टता की नींव पर बनी हैऔर यह संगोष्ठी हाइड्रोलिक मशीनरी और प्रणालियों में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस आयोजन के माध्यम सेहमारा लक्ष्य भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में महत्वपूर्ण योगदान देना और हाइड्रो पावरपंपिंग सिस्टम और पंप स्टोरेज विकास के माध्यम से स्थायी तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देना है ताकि शुद्ध शून्य लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।”

स्वागत भाषण के बादजल एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रमुख प्रो. एम.के. सिंघल एवं मैकेनिकल एवं औद्योगिक अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख प्रो. अंदलीब तारिक ने राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ संरेखित नवाचारों को आगे बढ़ाने में अंतःविषय सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उनकी उपस्थिति और योगदान संगोष्ठी के एजेंडे को आकार देने में महत्वपूर्ण थेजो इंजीनियरिंग शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए आईआईटी रुड़की के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है।

आईएएचआर हाइड्रोलिक मशीनरी एवं सिस्टम समिति के अध्यक्ष और जर्मनी के स्टटगार्ट विश्वविद्यालय में प्रोफेसर प्रो. स्टीफन रीडेलबाउच ने हाइड्रोलिक मशीनरी और सिस्टम समिति के आईएएचआर प्रभाग और संगोष्ठी के वैश्विक महत्व का एक व्यावहारिक अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया,32वीं आईएएचआर संगोष्ठी केवल विशेषज्ञों का जमावड़ा नहीं हैयह विचारों का संगम है जो वैश्विक स्तर पर हाइड्रोलिक मशीनरी और प्रणालियों के भविष्य को आकार देगा। आईआईटी रुड़की की नवाचार की समृद्ध विरासत एवं इंजीनियरिंग शिक्षा में इसकी अग्रणी भूमिका के साथयहाँ होने वाला सहयोग और ज्ञान का आदान-प्रदान नवाचार को आगे बढ़ाने और इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक है।”

अपने अध्यक्षीय भाषण मेंआईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने भारत में इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने में इस तरह की संगोष्ठियों की भूमिका पर एक दूरदर्शी दृष्टिकोण व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “उत्कृष्टता के लिए आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता अटूट हैऔर आईएएचआर संगोष्ठी जैसे आयोजन इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता बनने की हमारी यात्रा में महत्वपूर्ण हैं। इस संगोष्ठी के दौरान प्रस्तुत किए गए शोध और नवाचारों के परिणाम भारत के सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करनेहमारी औद्योगिक क्षमताओं को बढ़ाने और विकसित भारत 2047आत्मनिर्भर भारत और स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन जैसी राष्ट्रीय पहलों में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”

उद्घाटन सत्र का समापन 32वें आईएएचआर 2024 आयोजन समिति के सह-अध्यक्ष प्रोफेसर बी.के. गांधी के भाषणों के साथ हुआजिन्होंने इस आयोजन के समन्वय और इसकी सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान आयोजन टीम के प्रयासों की सराहना कीजहाँ उन्होंने सभी प्रतिभागियों और योगदानकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त कियाऔर इस आयोजन को संभव बनाने वाले सामूहिक प्रयास पर प्रकाश डाला। सत्र का समापन राष्ट्रगानसमूह फोटोग्राफ और प्रदर्शनी के आधिकारिक उद्घाटन के साथ हुआजिसमें हाइड्रोलिक मशीनरी और प्रणालियों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों एवं नवाचारों का प्रदर्शन किया गया।

आईआईटी रुड़की में 32वीं आईएएचआर संगोष्ठी शिक्षाउद्योग एवं समाज पर संस्थान के गहन प्रभाव को रेखांकित करती हैजो इंजीनियरिंग उत्कृष्टता एवं नवाचार को आगे बढ़ाने में इसके नेतृत्व को प्रदर्शित करती है। इस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम सेआईआईटी रुड़की भारत के तकनीकी आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका को मजबूत करता हैजो मेक इन इंडिया‘ और आत्मनिर्भर भारत‘ जैसी सरकारी पहलों के साथ संरेखित है। जैसे-जैसे संगोष्ठी आगे बढ़ेगीयह उन सफलताओं को प्रेरित करने का वादा करती है जो उद्योगों को लाभान्वित करेंगीसतत विकास को बढ़ावा देंगी और आईआईटी रुड़की को शिक्षाअनुसंधान एवं नवाचार में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करेंगी।