Wednesday, December 18th 2024

जानें हाथी के बारें में महत्वपूर्ण जानकारी एवं रोचक तथ्य ………

जानें हाथी के बारें में महत्वपूर्ण जानकारी एवं रोचक तथ्य ………
देहरादून : हाथी एक विशालकाय प्राणी है। हाथी के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि यह भारत की प्रकृति, संस्कृति और लोक कथाओं में एक विशिष्ट स्थान रखता है। लोग इसे भगवान गणेश मानकर पूजते है।  आज विश्व हाथी दिवस है, आइये, अपने प्रिय जीव हाथी के बारे में कुछ रोचक तथ्य जानतें हैं :-
  •  हाथी – आज जीवित सबसे बड़े ज़मीनी जानवर – एलिफ़ैंटिडे परिवार की एकमात्र शेष प्रजाति हैं, जो प्रोबोसिडिया के प्राचीन क्रम से संबंधित है। प्रोबोसिडियन शाकाहारी जीवों का एक विविध और व्यापक समूह था जो लगभग 60 मिलियन वर्ष पहले पहली बार अफ्रीका में दिखाई दिया था।
  • ऐरावत इंद्र का हाथी। समुद्रमंथन से प्राप्त 14 रत्नों में ऐरावत भी था। इसे शुक्लवर्ण और चार दाँतोवाला बताया गया है।
  •  ‘अश्वत्थामा हतो हतो’ आपने सुना होगा महाभारत में। अश्वत्थामा एक हाथी का नाम भी था।
  •  पानीपत का द्वितीय युद्ध 5 नवंबर, 1556 को हुआ। इस युद्ध में अकबर की जीत हुई। इस युद्ध में हेमू के 1500 शक्तिशाली हाथी भी शामिल थे जिनमें से एक शक्तिशाली हाथी हवाई भी था। शाह क़ुली ख़ान जो कि मुगल साम्राज्य का एक अधिकारी था, ने यह हाथी अकबर को सौंप दिया।
  •  मानसिंह के हाथी का नाम मर्दाना था और राणा प्रताप के हाथी का नाम रामप्रसाद था।
  • 1964 में जन्मे, हाथियों के राजा थेचिकोट्टुकावु रामचंद्रन दुनिया भर के सभी मलयाली लोगों के बीच एक सेलिब्रिटी हैं। थेचिकोट्टुकावु रामचंद्रन, केरल का सबसे बड़ा हाथी है।
  •  हाथी थाईलैंड का राष्ट्रीय पशु है।
  •  हाथी भारत का राष्ट्रीय धरोहर पशु है।
  •  सभी जंगली एशियाई हाथियों में से आधे से अधिक भारत में पाए जाते हैं, जिनमें से लगभग 10,000 देश के उत्तर-पूर्व में हैं। कुछ हाथी भारत और नेपाल के बीच सीमा पार चले जाते हैं। वियतनाम में 100 से भी कम जंगली हाथी हो सकते हैं, और कंबोडिया में शायद 250 से भी कम। चीन में 250 से भी कम जंगली एशियाई हाथी हैं।
  •  भारत का इतिहास हाथियों के बिना अधूरा है। हम हाथी के बिना भारत की कल्पना भी नहीं कर सकते।
  •  हाथी खड़े-खड़े भी सो लेते है। कभी कभी वे हमारी तरह लेट कर भी विश्राम करते हैं।
  •  अफ़्रीकी हाथियों का वजन लगभग 6000 किलो और ऊँचाई 3.2 मीटर होती है, वहीं एशियाई हाथियों का वजन लगभग 4000 किलो और ऊँचाई 2.7 मीटर होती है।
  •  हाथियों की दृष्टि-क्षमता बहुत कमज़ोर होती है।
  •  टाइगर भले ही जंगल का राजा है, लेकिन वह गेंडे और हाथ़ी से कभी भी लड़ना नहीं चाहता और उनसे वह एक न्यायिक दूरी बनाए रखते हैं।
  •  हाथी यदि बाघ या शेर को अपने पैर की ठोकर मारें तो उनके दाँत निकल जातें है और मौत भी हो सकती है।
  •  बड़े कान होने के बावजूद हाथी की श्रवण क्षमता कमज़ोर होती है।
  • हाथी अपने कानों को बार-बार हिलाते है। इस तरह वे अपने शरीर की गर्मी को बाहर निकालकर अपने शरीर का तापमान नियंत्रित रखते है।
  • हाथ़ी के दाँत उसके जीवन काल के दौरान बढ़ते रहते है। अफ्रिकी हाथ़ी के 4 दाँत होते है।
  •  हाथी अपने बड़े कानों का उपयोग दूसरों को संकेत देने और सुरक्षा के लिए भी करते है।
  •  हाथी कई तरह की आवाजें निकालते है। उनकी सबसे अच्छी तरह से पहचाने जानी वाली आवाज़ चिंघाड़ है, जो वे उत्तेजना, संकट, या आक्रामकता के समय निकालते है।
  •  हाथी अपनी सूंड में 2.5 गैलन तक पानी भर सकते है।
  •  हाथ़ी अपने पैरों का उपयोग सुनने के लिए भी करते है। जब हाथ़ी चलते है तो जमीन में एक विशेष प्रकार का कंपन पैदा होता है। इस कंपन से हाथी अन्यबहाथियों के बारे में जान लेते है।
  •  हाथी बहुत कम Frequency पर अल्ट्रा सोनिक ध्वनि तरंगों के माध्यम से आपस में बात करते है। वे लगभग 10 Hz पर बात करते है जिसे हम इंसान सुन नहीं सकते है।
  •  हाथी की आँखों में पलकें होती है, जो लगभग 5 इंच लंबाई की हो सकती है। अध्ययनों से पता चला है कि पलकों की आदर्श लंबाई आँख की कुल लंबाई का लगभग एक-तिहाई होती है, जो आँखों को सूखने से रोकने में मदद करती है।
  •  हाथी की आंत 19 मीटर तक लंबी होती है।
  •  हाथी अपने पंजो पर चलता है। उसकी एड़ी के नीचे मोटी स्पंज होती है जो शॉक अब्सॉर्बेर का काम करती है।
  •  हाथी एक एकलौता जानवर है जो कि कूद नही सकता है।
  •  सबसे महंगे कॉफ़ी ब्रांड में शुमार Black Ivory Coffee थाईलैंड की कंपनी Black Ivory Coffee Company Ltd. का प्रॉडक्ट है। यह कॉफ़ी हाथियों द्वारा खाए गए Arabica coffee beans को उनके मल से इकट्ठा कर बनाई जाती है।
  •  मादा हाथी हर 4 साल में एक बच्चे को जरूर जन्म देती है। इसका गर्भकाल औसतन 18 से 22 महीने तक का होता है। 1% मामलों में जुडवा बच्चे भी जन्म लेते है।
  • नवजात हाथी शिशु की ऊँचाई लगभग 83 सेंटीमीटर और वजन 112 किलो तक का होता है।
  •  हाथी अपनी सूंड से 770 pounds तक वजन उठा सकते है।
  •  अफ्रीकी हाथी के कान भारतीय हाथियों से बड़े होते है।
  • अफ्रीकी हाथियों की तुलना में एशियाई हाथियों के tusks बहुत छोटे होते है।
  • हाथी की सूंड बहुउपयोगी होती है। उसकी नाक और ऊपरी होंठ दोनों है। इसके द्वारा वे सांस लेते है, सूंघते है, पकड़ते है और आवाज़ भी निकालते है।
  •  हाथी की सूंड के अंत में उंगली (finger) जैसे उपांग होता है, जो अफ़्रीकी हाथियों में दो और एशियाई हाथियों में एक होता है। इसके द्वारा ही हाथी विभिन्न वस्तुएं उठा पाते है।
  •  हाथी की सूंड बहुत बड़ी और लगभग 400 पाउंड वजन की होती है, इसके बावजूद ये काफ़ी फुर्तीली होती है और हाथी इससे चावल के दाने जैसी छोटी वस्तु भी उठा सकते है।
  •  हाथी का अपनी शक्ति पर पर्याप्त नियंत्रण होता है। वह अपनी सूंड से कच्चे अंडे को बिना तोड़े उठा सकता है।
  •  हाथी का जीवन काल हम मनुष्यों की तरह ही होता है।
  •  हाथी आमतौर पर 6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से चलते है।
  •  प्रतिवर्ष 22 सितंबर को Elephant Appreciation Day भी मनाया जाता है।
  •  हाथियों में एक प्रकार का तपेदिक (Tuberculosis) होता है, जो मानव में स्थानांतरित हो सकता है। इसलिए हाथियों के करीब काम करने वालों को इससे बचाव के लिए वैक्सीन लगाईं जाती है।
  •  एक हाथी पानी की उपस्थिति का आभास लगभग 4.5 किलोमीटर से कर सकता है।
  •  हाथी हर मिनट में केवल 2 से 3 बार सांस लेते व छोड़ते है।
  •  अगर किसी झुंड का एक हाथी मर जाए तो सारा झुंड अजीब-अजीब तरह की आवाज निकालकर शोक मनाते है।
  •  हाथी में इंसानों जैसी भावनाएं होती है। जैसे किसी के जाने का दुःख महसूस करना, शोक मनाना और रोना। वे मौत के कई साल बाद तक अपने प्रियजनों को याद करते और शोक मनाते है। जब “एलीफेंट व्हिस्परर” (Elephant Whisperer) लॉरेंस एंथोनी (Lawrence Anthony) की मृत्यु हुई थी, तो हाथियों का एक झुंड उनके घर शोक मनाने पहुँच गया था।
  •  हाथी अपने मृत साथियों का सम्मान करते है और उनका अंतिम संस्कार भी करते है। वे मृत हाथी की हड्डियों को उसके मरने के स्थान पर दफन भी करते है।
  •  हाथ़ी साफ सुथरा रहना पसंद करते है और हर रोज नहाते है।
  •  हाथियों का पाचन बहुत ख़राब होता है। नतीजतन, वे एक अविश्वसनीय मात्रा में गैस (मीथेन) छोड़ते है और एक दिन में लगभग 250 पाउंड खाद का उत्पादन करते है।
  •  हाथियों को पानी बहुत पसंद है। वे पानी में गोता लगाना, तैरना और लहरों से खेलने में बहुत आनंद लेते है।
  •  हाथी अपनी सूँड से एक फर्स पर गिरा छोटा सा सिक्का भी उठा सकते है। 
  •  कई अन्य प्रजातियों की तरह, हाथी अपनी सूंड से ब्रश को पकड़ कर पेंटिंग भी करते है।
  •  अफ्रीकी हाथियों की तुलना में एशियाई हाथियों के प्रत्येक पैर में एक अतिरिक्त नाखून होता है। एशियाई हाथियों के सामने के पैरों पर चार और पीछे के पैरों पर चार नाखून होते है, जबकि अफ्रीकी हाथियों में चार आगे और तीन पीछे होते है।
  •  प्रारंभिक दौर में रेल के डिब्बों को धकेलने, उठाने और माल ढोने में हाथियों का इस्तेमाल होता था। 1963 में बड़ौदा में ट्रेन खींचने से लेकर माल ढुलाई का कार्य हाथियों द्वारा करवाया जाता था।
  •  द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, मित्र राष्ट्रों द्वारा बर्लिन पर गिराए गए पहले बम ने बर्लिन चिड़ियाघर के एकमात्र हाथी को मार दिया था।
  •  केन्या के माउंट एलगॉन नेशनल पार्क (Mount Elgon National Park) में हाथियों का एक समूह भूमिगत गुफाओं से नमक खोदने के लिए अपने दांतों का उपयोग करता है। वे अपने दांतों से महसूस करते हुए रास्ता बनाते है और दांत से नमक तोड़कर खाते है।
  •  हाथी लगभग एक दिन में 120 किलो तक भोजन खा जाते है।
  •  हर हाथी की गरज़ भी हम मनुष्यों की आवाज की तरह भिन्न होती है। हाथी जिस आवाज को सुनते है, उसकी नक़ल कर सकते है।
  •  हाथियों की पल्स रेट बहुत धीमी होती है, लगभग 27 बीट प्रति मिनट।
  • हाथी के कान के पीछे का हिस्सा उसके शरीर का सबसे कोमल भाग होता है, जिसे knuckle कहा जाता है।
  •  सर्कस में जो हाथी देखे जाते है, वे अधिकांश मादा होती है। क्योंकि उन्हें नियंत्रित करना आसान होता है।
  •  कई मिथकों के अनुसार हाथी चूहों से डरते है। लेकिन असल में ऐसा नहीं है।
  •  हाँ, वे चींटियों और मधुमक्खियों से ज़रूर डरते है। यही कारण है कि कई अफ्रीकी देशों में किसान हाथियों से अपने खेत को बचाने के लिए खेत के किनारों पर मधुमक्खियों पालते है।
  •  वर्तमान समय में अब दो ही हाथीओं की प्रजाति बची हों पर दुनिया में प्राप्त हुए भिन्न जीवाश्मों से पता चला है कि आज से 5 करोड़ साल पहले हाथियों की करीब 170 प्रजातीयां विकसित थी। यह जीवाश्म ऑस्ट्रेलीया और अंर्टाकटिका को छोड़ सभी महाद्वीपों में पाए गए है।
  •  हाथी की यौवन अवस्था आमतौर पर 13 जा 14 साल की आयु में आ जाती है।
  •  जानवरों में हाथियों का दिमाग सबसे बड़ा होता है।
  •  मादा हाथी बहुत बड़े झुंड़ो में रहते है जिन का नेतृत्व एक सबसे बड़ी मादा हाथी करती है।
  • हाथी पॉलीफाइडोडोन (polyphyodonts) होते है। उनके tusks जीवन भर बढ़ते रहते है। नर हाथी के tusks एक वर्ष में लगभग 7 इंच तक बढ़ जाते है।
  •  हाथी के tusks 200 pounds तक भारी और 10 फ़ीट तक लंबे हो सकते है।
  • जिन नर हाथी के tusk नहीं होतें हैं, उन्हें मखना हाथी कहते हैं।
  •  नर युवा हाथी 12 से 15 साल की आयु के बीच झुंड़ छोड़ देते है।
  •  हाथी लंबी दूरी तक तैरने में भी सक्षम होते है। वे बिना आराम किये लगातार 6 घंटे तक तैर सकते है।
  •  इंसान की तरह हाथी भी left or right-handed होते है। जैसे, यदि हाथी “लेफ्टी” है, तो वह लड़ने, चीजों को उठाने, या पेड़ों को छीलने के लिए बाएं दांत का इस्तेमाल करेगा। निरंतर इस्तेमाल में आने के कारण समय के साथ हाथियों का अधिक उपयोग में आने वाला दांत घिस कर छोटा हो जाता है।
  •  हाथी सूंड मिलाकर एक-दूसरे का अभिवादन करते है।
  •  हाथी एकमात्र स्तनपायी है, जो कूद नहीं सकता। वह इतने भारी होते है कि एक ही समय में जमीन से चार पैरों को नहीं उठा सकते।
  •  हाथियों के मुँह के बाहर जो बड़े दांत दिखाई देते है, उन्हें tusk कहा जाता है। वे बढ़े हुए incisors है। इनके अतिरिक्त हाथियों में 4 मोलर दांत (molar) भी होते है – 2 ऊपर और 2 नीचे। हर मोलर (molar) का वजन लगभग 5 pounds होता है।
  •  पूरे जीवनकाल में हाथियों के molars के केवल 6 सेट ही बढ़ सकते है। यदि हाथियों के molars के पूरे 6 टूट गए, तो उसके बाद वह जीवित नहीं रह पाता, क्योंकि वह आहार गरहन करने में असमर्थ हो जाता है।
  •  कीचड़ हाथियों के लिए suncream का काम करता है। वह उसकी त्वचा को सूर्य के पराबैंगनी विकिरणों से बचाता है। इसलिए हाथी कीचड़ में लोटते है। इसे mud bath कहते हैं।
  •  हाथी अधिकतम 25 मील (40 किमी) प्रति घंटे की गति से चल सकते है। फिर भी जब वे अपनी सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहे होते है, तब भी वे हर समय जमीन पर कम से कम एक पैर रखें होते है।
  •  हाथी अपने पैरों की संवेदी कोशिकाओं के जरिये भूकंपीय संकेतों को महसूस कर सकते है। जमीन के कंपन की आवाज़ जब इनके अग्र पैरों से होते हुए कंधे की हड्डियों और फिर मध्य कान तक पहुँचती है, तो वे इन आवाज़ों को भी “सुन” सकते है।
  •  अफ्रीकी हाथी और एशियाई हाथी के कान के आकार में भिन्नता होती है। अफ्रीकी हाथियों के कान एशियाई हाथियों के कान से तीन गुना बड़े होते है।
  •  हाथी दिन में बहुत कम सोते है। बस ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे। हाथी अक्सर चलना ज्यादा पसंद करते है, वे निरंतर खाने की तलाश जारी रखते है।
  •  इंसानों के कई बच्चों में जैसे अंगूठा चूसने की आदत होती है। वैसे ही हाथियों के बच्चों में अपनी सूंड चूसने की आदत होती है।
  •  हाथी की सूंघने की क्षमता तीव्र होती है। अच्छी तरह सूंघने के लिए हाथी अपनी सूंड को लहराते है।
  •  हाथी की सूंड में कोई हड्डी नहीं होती। 150,000 से अधिक मांसपेशियां और तंत्रिकाएं सूंड को लचीलापन प्रदान करती है।
  •  हाथी अपनी सूंड से पानी नहीं पीते। वे इसमें पानी भरते है और उस पानी को अपने मुँह में खाली कर लेते है।
  •  मोटी होने के बावजूद हाथी की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। वे उस पर बैठने वाली मक्खी को भी महसूस कर सकते है।
  •  दुनिया में अब तक का सबसे बूढ़ा हाथी एशियाई हाथी ‘Lin Wang’ नामक हाथी था, जिसकी फरवरी 2003 में ताईवान के एक चिड़ियाघर में 86 साल की उम्र में मौत हुई।
  •  दुनिया में हाथियों की दो प्रजातियाँ अस्तित्व में है : अफ़ीकी हाथी और एशियाई हाथी। हाथियों की तीसरी प्रजाति मैमथ लुप्त हो चुकी है। अफ्रीकन हाथी जमीन पर रहने वाला सबसे विशालकाय स्तनपायी प्राणी है।
  •  वर्ष 2019 के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में लगभग 415000 अफ्रीकी हाथी और 40000 से 50000 एशियाई हाथी है। प्राकृतिक आवास का विनाश और हाथी दांत के लिए शिकार के कारण इनकी संख्या में गिरावट देखने को मिली है।
  •  University of Sussex, Brighton, UK में हाथियों पर किये गए अध्ययनों में पता चला है कि वे इंसानों की आवाज़ सुनकर उनके लिंग और उम्र में अंतर कर सकते है।
  •  दुनिया के सबसे बड़े हाथी का वजन 26,000 पाउंड (11793.402 किलो) और ऊँचाई 13 फीट (3.9624 मीटर) थी। वह 1955 में अंगोला में मारा गया।
  •  हाथी खाने के शौकीन होते है और प्रतिदिन लगभग 16 घंटे भोजन करने में बिताते है। इस दौरान वे 600 पाउंड तक का आहार ग्रहण कर लेते है।
  •  हाथी के शरीर का सबसे मुलायम हिस्सा उनके कान के पीछे होता है जिसे क्नुले (knule) कहते है।
  •  हाथियों को संभालने वाले महंत अपने पैरों का उपयोग करके क्नुले के जरिए हाथियों को निर्देश देते है।
  •  हाथी की त्वचा 80 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति की त्वचा से अधिक झुर्रीदार दिखती है। लेकिन वास्तव में ये झुर्रियाँ नमी धारण कर उनकी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। जब वे कीचड़ में नहाते है, तो उनकी त्वचा को नरम करने के लिए मिट्टी की नमी झुर्रियों में रहती है।
  •  इतिहास के सबसे छोटे हाथी यूनान के क्रीट द्वीप में पाए जाते थे और गाय के बछड़े या सूअर के आकार के होते थे।
  •  मादा हाथी सामाजिक होती है और अपने संबंधियों के साथ समूह में रहती है। वहीं नर हाथी 13-14 वर्ष का होने पर समूह छोड़ देता है। नर हाथी सामान्यतः अकेले रहते है। लेकिन कभी-कभी वे भी नर हाथियों का एक छोटा समूह बनाते है।
  •  हाथी शाकाहारी जानवर है। वे विभिन्न प्रकार के पौधे, पत्ते, फल आदि आहार के रूप ग्रहण करते है।
    डॉल्फिन, बंदर, एप्स की तरह हाथी भी खुद को दर्पण में पहचान सकते है।
  •  हाथी अपनी सूंड से पेंट भी कर सकते है। फीनिक्स चिड़ियाघर (Phoenix Zoo) में रूबी नामक हाथी द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स की जब बिक्री की गई, तो सबसे महंगी पेंटिंग 25,000 डॉलर में बिकी।
  •  संपूर्ण प्राणी-जगत में सबसे ज्यादा विकसित दिमाग हाथियों का होता है। उनके मस्तिष्क का वजन 4 से 6 किलोग्राम होता है, जो इंसानों के मस्तिष्क की तुलना में 3 या 4 गुना बड़ा है। हालांकि उनके विशाल शरीर के वजन के अनुपात में उनका मस्तिष्क काफ़ी छोटा होता है।
  •  हाथी एक बुद्धिमान जानवर है, जो देखकर और नक़ल कर बहुत सी चीज़ें सीख जाते है। चिड़ियाघर में वे बड़ी आसानी से साधारण ताला खोलना सीख जाते है।
  • नवजात हाथी पूर्णतः अंधा होते है। चलने-फिरने के लिए वे अपनी माता या समूह की अन्य मादा हाथियों पर निर्भर होते है। सूंड द्वारा टटोलकर भी वे चलने-फिरने में मदद लेते है।
  •  हाथी के कान और आँख के मध्य एक टेम्पोरल ग्लैंड (Temporal Gland) होता है। हाथी एकमात्र जीव है, जिसमें टेम्पोरल ग्लैंड पाया जाता है। यौन उत्तेजना के समय इस ग्लैंड से तैलीय तरल पदार्थ स्त्रावित होता है। यह नर और मादा दोनों में पाया जाता है। नर में टेम्पोरल ग्लैंड का वजन 3 किलो और मादा में 1 किलो होता है।
  •  हाथियों की त्वचा कई जगह अखबार जितनी पतली होती है, जैसे कान के भीतर की त्वचा, तो कई जगह लगभग 1 इंच तक मोटी होती है, जैसे पीठ की त्वचा।
  •  एक हाथी की चमडी लगभग एक इंच तक मोटी होती है।
  •  हाथिनी लगभग 50 वर्ष की आयु तक प्रजनन कर सकती है। वे हर 2 से 4 साल में एक बच्चा पैदा करती है।
  •  हाथी के बच्चे का शरीर छोटे बालों से ढका होता है। शारीरिक विकास के साथ इन बालों की वृद्धि भी कम हो जाती है। अधिकांश स्तनधारियों के बालों के विपरीत हाथी के शरीर के बाल अफ्रीका और एशिया के गर्म मौसम में उनके शरीर को ठंडा करने में सहायक होते है।
  •  ‘Elephant’ शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द ‘elephas’ से हुई है, जिसका अर्थ है – गजदंत (Ivory)।
  •  जन्म के समय नवजात हाथी का वजन 90 से 121 किलो (200 से 268 पाउंड्स) तक और लंबाई 3 फ़ीट (1 मीटर) होती है।
  •  अपने भारी वजन के बावजूद नवजात हाथी जन्म के कुछ समय बाद ही खड़ा हो जाता है।
  •  एक बार में हथिनी आमतौर पर एक ही बच्चा जन्मती है। हाथियों के जुड़वा बच्चे भी देखे गए हैं।
  •  सभी जंगली एशियाई हाथियों में से आधे से अधिक भारत में पाए जाते हैं, जिनमें से लगभग 10,000 देश के उत्तर-पूर्व में हैं। कुछ लोग भारत और नेपाल के बीच सीमा पार चले जाते हैं। वियतनाम में 100 से भी कम जंगली हाथी हो सकते हैं, और कंबोडिया में शायद 250 से भी कम। चीन में 250 से भी कम जंगली एशियाई हाथी हैं।
  •  डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, 100 साल से भी कम समय पहले 10 मिलियन से अधिक अफ्रीकी हाथी थे। जबकि एशिया में, छोटे, एशियाई हाथियों की संख्या 100,000 से अधिक थी। आज संख्याएँ निराशाजनक रूप से कम हैं।
  •  अधिक सटीक यह अनुमान लगाया गया है कि एशिया में जंगली हाथी क़रीब ३८,००० से ५३,००० हैं तथा पालतू हाथी १४,५०० से लेकर १५,३०० हैं और तक़रीबन १,००० हाथी दुनिया भर के चिड़ियाघरों में हैं।
  •  लाओस को हज़ारों हाथियों की भूमि के रूप में जाना जाता है। लाओस ने हजारों हाथियों के घर के रूप में सेवा की है।
  •  पिछले 15 वर्षों में महाद्वीप में की गई 100 से अधिक बरामदगी में से लगभग 465,000 पाउंड हाथी दांत बरामद किए गए। इसका मतलब है कि 30,000 से अधिक हाथियों की मौत हो गई। लेकिन इससे हाथी दांत के अवैध व्यापार में कोई कमी नहीं आई है। हर साल दसियों हज़ार हाथी खो जाते हैं ; हर 15 मिनट में एक की मौत।
  •  अपनी सीमाओं के भीतर 130,000 से अधिक हाथियों के रहने के साथ, बोत्सवाना दुनिया की सबसे बड़ी हाथियों की आबादी का घर है, और अफ्रीकी हाथियों के लिए आखिरी गढ़ों में से एक है क्योंकि अवैध शिकार से आबादी लगातार कम हो रही है।
  •  हाथी जनगणना 2017 के अनुसार, कर्नाटक में हाथियों की संख्या सबसे अधिक (6,049) है, इसके बाद असम (5,719) और केरल (3,054) का स्थान है।
  •  उत्तराखण्ड में हाथियों की आबादी की बात करें तो कार्बेट टाइगर रिजर्व, राजाजी टाइगर रिजर्व समेत उत्तराखंड के जंगलों में हाथियों की संख्या 2000 से अधिक पहुंच चुकी है। सबसे अधिक 1224 हाथी कार्बेट में हैं, तो दूसरे नंबर पर 311 हाथी राजाजी पार्क क्षेत्र में।
  •  प्रोजेक्ट एलीफेंट के तहत वर्ष 2017 की जनगणना के अनुसार, भारत में जंगली एशियाई हाथियों की संख्या सबसे अधिक है, इनकी अनुमानित संख्या लगभग 30000 है। यह वैश्विक आबादी का लगभग 60% है।
  •  2023 में भारत में 33 हाथी रिजर्व है।
  • राजस्थान के जयपुर के पास आमेर के समीप कुंडा गाँव एक हाथी गाँव है, जिसमें अभी 98 हाथी हैं।
  •  वर्ष 2023 में प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफैंट को एकीकृत कर दिया गया है।
  • उत्तराखंड के देहरादून जिले के कालसी में अशोक शिला पर हाथी की आकृति के साथ गजात्मे लिखा हुआ है।
  • आइये, हम हाथी संरक्षण का संकल्प करें और इस अदभुत प्रजाति को अपना स्नेह और संरक्षण प्रदान करें!!_
  • शुभ विश्व हाथी दिवस!! 

लेखक : नरेन्द्र सिंह चौधरी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. इनके द्वारा वन एवं वन्यजीव के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये हैं.