Home उत्तराखण्ड धामी सरकार की सख्त निगरानी में सुरक्षित भोजन और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की मजबूत व्यवस्था, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन में 2025 बना ऐतिहासिक उपलब्धियों का वर्ष

धामी सरकार की सख्त निगरानी में सुरक्षित भोजन और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की मजबूत व्यवस्था, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन में 2025 बना ऐतिहासिक उपलब्धियों का वर्ष

by Skgnews
  • मिलावट और नशे पर करारा प्रहार, आधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना, डिजिटल सेवाओं का विस्तार और स्वस्थ उत्तराखण्ड की मजबूत नींव

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल मार्गदर्शन तथा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के स्पष्ट दिशा-निर्देशों में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड ने वर्ष 2025 में जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। विभाग के आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार के नेतृत्व में राज्यभर में सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता, गुणवत्तापूर्ण औषधियों का नियंत्रण, नशा एवं मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम, आधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना और डिजिटल सेवाओं के विस्तार जैसे क्षेत्रों में व्यापक और प्रभावी कार्य किए गए हैं। वर्ष 2025 विभाग के लिए केवल आंकड़ों का वर्ष नहीं, बल्कि जनविश्वास, पारदर्शिता और सख्त प्रवर्तन का प्रतीक बनकर उभरा है।

उपभोक्ता संरक्षण की मजबूत कड़ी

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2025 में खाद्य सैंपल विश्लेषणशाला के माध्यम से राज्य के विभिन्न जनपदों में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए गए। इन अभियानों के अंतर्गत विभागीय टीमों ने बाजारों, होटल-ढाबों, रेस्टोरेंट्स, मिठाई की दुकानों, स्ट्रीट फूड वेंडर्स और खाद्य प्रतिष्ठानों का भ्रमण किया। इस दौरान 10,789 उपभोक्ताओं एवं खाद्य कारोबारकर्ताओं को खाद्य सुरक्षा मानकों, स्वच्छता, सुरक्षित भंडारण और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। इसी क्रम में 3825 खाद्य पदार्थों के नमूने परीक्षण के लिए एकत्र किए गए, जिससे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा का वैज्ञानिक मूल्यांकन संभव हो सका। साथ ही 109 उपभोक्ताओं एवं खाद्य प्रतिष्ठानों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें खाद्य सुरक्षा नियमों के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया गया।

कुपोषण से लड़ने का प्रभावी माध्यम

राज्य में कुपोषण, एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए विभाग ने फोर्टीफाइड खाद्य पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया। वर्ष 2025 में 11 जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर आमजन को फोर्टीफाइड आटा, तेल, दूध, नमक आदि के स्वास्थ्य लाभों की जानकारी दी गई। इन कार्यक्रमों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि संतुलित और पोषक भोजन ही स्वस्थ समाज की नींव है। विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए फोर्टीफाइड खाद्य पदार्थों के महत्व को रेखांकित किया गया।

स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण संरक्षण

खाद्य संरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विभाग ने RUCO (Repurpose of Used Cooking Oil) अभियान को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाया। वर्ष 2025 में इस अभियान के तहत 17 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा संचालकों और खाद्य कारोबारियों को प्रयुक्त खाद्य तेल के सुरक्षित निस्तारण के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप 28,144 किलोग्राम प्रयुक्त खाद्य तेल एकत्र कर एग्रीगेटर्स के माध्यम से बायोडीजल निर्माण के लिए CSIR-IIP एवं अन्य संस्थानों को उपलब्ध कराया गया। इससे एक ओर जहां पुनः उपयोग किए गए तेल से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों पर रोक लगी, वहीं दूसरी ओर वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा मिला।

World Food Safety Day और Eat Right Movement

07 जून 2025 को World Food Safety Day के अवसर पर विभाग द्वारा राज्यभर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान 1000 स्ट्रीट वेंडर्स को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वच्छता, सुरक्षित भोजन तैयार करने और परोसने के मानकों की जानकारी दी गई। इसके साथ ही Eat Right Movement के अंतर्गत राज्य के 07 जिला कारागार एवं 07 उपकारागार को Eat Right Campus के रूप में विकसित किया गया। उत्तराखण्ड सचिवालय, CFTRI देहरादून, UPES Campus, गोविन्द भवन सचिवालय सहित कई प्रमुख संस्थानों को भी Eat Right Campus के रूप में चिन्हित किया गया। यात्रियों की सुविधा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए देहरादून, हरिद्वार, रूड़की और ऋषिकेश के 04 रेलवे स्टेशनों को Eat Right Station के रूप में विकसित किया गया, जिससे सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

सख्त निगरानी और प्रभावी कानूनी कार्रवाई

खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत वर्ष 2025 में विभाग द्वारा 3122 विधिक एवं सर्विलांस नमूने एकत्र कर विश्लेषण हेतु प्रयोगशालाओं में भेजे गए। इनमें से 223 नमूनों को खाद्य विश्लेषणशाला द्वारा असंगत एवं असुरक्षित घोषित किया गया। इन मामलों में विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित वाद माननीय न्यायालय में दायर किए। न्याय निर्णायक अधिकारी एवं माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय द्वारा इन वादों का निस्तारण करते हुए कुल ₹3,31,71,000/- (तीन करोड़ इकतीस लाख इकहत्तर हजार रुपये) का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। यह सख्त कार्रवाई मिलावटखोरों और नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए कड़ा संदेश है।

गुणवत्ता और मानव संसाधन में मजबूती

औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने वर्ष 2025 में व्यापक स्तर पर निरीक्षण और सैंपलिंग की। राज्य संवर्ग आयोग के माध्यम से 18 औषधि निरीक्षकों का चयन कर उनकी नियुक्ति एवं तैनाती की गई, जिससे औषधि नियंत्रण व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाया गया। इसके साथ ही रिक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी पदों को भरने के लिए लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा गया है, जिसकी प्रक्रिया प्रगति पर है।

नशा एवं मादक पदार्थों के दुरुपयोग पर कड़ा प्रहार

राज्य में मादक औषधियों के दुरुपयोग और तस्करी की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा राज्यस्तरीय कार्यक्रम संचालित किया गया। इसके अंतर्गत Quick Response Team (QRT) का गठन किया गया। वर्ष 2025 के जून माह में 1445 निरीक्षण किए गए और 1068 औषधियों के नमूने संग्रहित किए गए। साथ ही 10 अभियुक्तों के विरुद्ध NDPS Act के अंतर्गत मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया। इसके अतिरिक्त, कफ सिरप की गुणवत्ता को लेकर विशेष अभियान चलाकर 494 कफ सिरप के नमूने एकत्र किए गए, जिससे औषधि सुरक्षा को लेकर आमजन में विश्वास और मजबूत हुआ।

आधुनिक प्रयोगशालाएं और अधोसंरचना विकास

वर्तमान में विभाग के अंतर्गत 02 औषधि विश्लेषणशालाएं एवं 01 खाद्य विश्लेषणशाला कार्यरत हैं, जिनमें अत्याधुनिक High-End Equipment स्थापित हैं। जनपद देहरादून में एक नई खाद्य विश्लेषणशाला स्थापित करने की प्रक्रिया भी गतिमान है। इसके अलावा केंद्र पोषित योजना के अंतर्गत जनपद ऊधम सिंह नगर में आवंटित भवन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का कार्यालय स्थापित किए जाने की प्रक्रिया प्रगति पर है, जिससे क्षेत्रीय स्तर पर सेवाएं और अधिक सुलभ होंगी।

पारदर्शिता और सुगमता

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा विभागीय सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया गया है। इससे लाइसेंस, पंजीकरण, शिकायत निवारण और अन्य सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है तथा आमजन और कारोबारियों को समयबद्ध और सरल सेवाएं प्राप्त हो रही हैं।

आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान

आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखण्ड जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए निरंतर और प्रभावी रूप से कार्य कर रहा है। वर्ष 2025 के दौरान विभाग ने खाद्य सुरक्षा, औषधियों की गुणवत्ता नियंत्रण, मिलावट एवं नशे के दुरुपयोग की रोकथाम, आधुनिक प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण तथा जन-जागरूकता अभियानों के माध्यम से उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की प्राथमिकता आमजन को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण भोजन एवं दवाएं उपलब्ध कराना है और भविष्य में भी तकनीक, पारदर्शिता और सख्त प्रवर्तन के माध्यम से ‘स्वस्थ उत्तराखण्ड’ के लक्ष्य को पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।

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