Home उत्तराखण्ड DM सविन बंसल का एक्शन : कोरोनेशन अस्पताल की अचानक समीक्षा, SNCU विस्तार में देरी पर लगाई फटकार, मौके पर ₹91 लाख जारी!

DM सविन बंसल का एक्शन : कोरोनेशन अस्पताल की अचानक समीक्षा, SNCU विस्तार में देरी पर लगाई फटकार, मौके पर ₹91 लाख जारी!

by Skgnews
  • डीएम सविन बंसल ने अचानक बुलाई जिला चिकित्सालय की प्रगति की समीक्षा बैठक; आनन-फानन में दौड़े अधिकारी
  • जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए एसएनसीयू के अपग्रेड कार्यों में विलम्ब; धन का दिया हवाला; डीएम का चढा पारा; लगाई फटकार; 2 माह से संज्ञान में न लाने पर जताई कड़ी नाराजगी
  • चिकित्सालय सुविधा विस्तार के लिए जिला  योजना से 91 लाख धनराशि की स्वीकृति मौके पर ही
  • ब्लड बैंक का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण शेष कार्य युद्धस्तर पर पूर्ण करने के निर्देश
देहरादून : स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी समाज की रीढ़ होती हैं, और सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी क्रम में, जिलाधिकारी (DM) सविन बंसल ने हाल ही में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में जिला चिकित्सालय कोरोनेशन के निर्माण कार्यों और विभिन्न व्यवस्थाओं की अचानक समीक्षा बैठक बुलाकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया। बैठक का उद्देश्य अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं, उपकरणों की स्थिति, दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सकीय सेवाओं की गुणवत्ता और मरीजों की संख्या की गहराई से समीक्षा करना था।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में जिला चिकित्सालय कोरोनेशन के निर्माण कार्यों एवं एवं विभिन्न व्यवस्थाओं, सुविधाओं की अचानक समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक में जिला चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाओं, उपकरणों की स्थिति, दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सकीय सेवाओं की गुणवत्ता तथा अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या की समीक्षा की गई।

500 बच्चों को मिली नई जान, पर फंड की देरी पर डीएम हुए सख्त

समीक्षा बैठक के दौरान, जिला प्रशासन के एक महत्वपूर्ण प्रयास की सफलता सामने आई। विगत वर्ष जिला चिकित्सालय में शुरू किए गए SNCU (Sick Newborn Care Unit) से अब तक 500 नवजात बच्चे स्वास्थ्य लाभ लेकर घर जा चुके हैं। यह आंकड़ा अस्पताल की सफलता को दर्शाता है। हालांकि, जब SNCU के विस्तारीकरण की समीक्षा की गई (जिसे पिछली बैठक में 06 बैड से बढ़ाकर 12 बैड करने का निर्देश दिया गया था), तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। अधिकारियों ने बताया कि यह विस्तारीकरण रुका हुआ है, क्योंकि पिछले दो माह से फंड जारी नहीं हुआ था।

डीएम ने तुरंत लिया संज्ञान – फंड न होने की जानकारी दो माह से जिला प्रशासन के संज्ञान में न लाने पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (CMS) जिला चिकित्सालय को कड़ी फटकार लगाई।

तत्काल समाधान: ₹91 लाख स्वीकृत, समय सीमा तय

विलंब स्वीकार्य न होने की नीति अपनाते हुए, डीएम बंसल ने तत्काल समाधान किया। उन्होंने SNCU के विस्तारीकरण और अन्य महत्वपूर्ण आवश्यक सेवाओं हेतु 91 लाख रुपये की धनराशि जिला योजना से मौके पर ही जारी कर दी। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि एक माह के भीतर SNCU विस्तारीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जाए।

ब्लड बैंक और अन्य सुविधाओं पर प्रगति

स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम निर्माणाधीन ब्लड बैंक है। समीक्षा में बताया गया कि ब्लड बैंक का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जिलाधिकारी ने इस पर भी समय सीमा निर्धारित करते हुए फरवरी 2026 तक शेष कार्य पूर्ण करने तथा ब्लड बैंक संचालन हेतु मशीन, उपकरण, और आवश्यक स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

₹91 लाख से होने वाले अन्य प्रमुख कार्य:

₹91 लाख की स्वीकृत राशि केवल SNCU तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उपयोग अस्पताल की मूलभूत संरचना को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। इसमें शामिल हैं:

  1. दिव्यांगजन के लिए शौचालयों का निर्माण।
  2. जनरल ओटी हेतु स्टेपलाइजर की व्यवस्था।
  3. चिकित्सालय के पुराने भवन की दीवारों की मरम्मत।
  4. फायर हाईड्रेंट और फायर अलार्म सिस्टम लगाना।
  5. वाटर हाईड्रेंट की व्यवस्था।
  6. जन्म-मृत्यु पंजीकरण हेतु कलर प्रिंटर की खरीद।

डीएम का मंत्र: गुणवत्तापूर्ण सेवा और संवेदनशीलता

समीक्षा बैठक के अंत में, जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय में आने वाले प्रत्येक मरीज को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए। उन्होंने स्वच्छता व्यवस्था, दवा वितरण प्रणाली और उपकरणों की कार्यशील स्थिति पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। साथ ही, मरीजों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए हेल्प डेस्क को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया। डीएम ने कहा कि डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और मरीजों के प्रति संवेदनशील व्यवहार अपनाया जाए।

पार्किंग व्यवस्था में सुधार

प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने बैठक में जानकारी दी कि चिकित्सालय परिसर में संचालित ऑटोमेटेड पार्किंग से पार्किंग व्यवस्था में काफी सुधार आया है। उन्होंने जिलाधिकारी से और अधिक ऑटोमेटेड पार्किंग निर्माण का अनुरोध किया, जिस पर डीएम ने तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए।

जिला प्रशासन के प्रयासों से  विगत वर्ष जिला चिकित्सालय में प्रारम्भ किए गए एसएनसीयू से अब तक 500 बच्चे स्वास्थ्य लाभ ले चुके हैं। विगत बैठक में जिलाधिकारी ने एसएनसीयू को 06 बैड से बढाकर 12 बैड करने के निर्देश दिए गए थे, जिसके विस्तारीकरण की समीक्षा करने बताया गया कि अभी विस्तारीकरण नही हो पाया, जिसका कारण जानने पर 2 माह से फंड न होना बताया गया। फंड न होने की जानकारी 2 माह से संज्ञान में न लाने पर  जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय को फटकार लगाई। एसएनसीयू विस्तारीकरण एवं अन्य महत्वपूर्ण आवश्यक सेवाओं हेतु डीएम ने मौके पर ही 91 लाख की धनराशि जारी करते हुए एक माह के भीतर एसएनसीयू विस्तारीकरण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

जिला प्रशासन के प्रयासों जिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन ब्लड बैंक की कार्यप्रगति जानने पर अवगत कराया गया कि ब्लड बैंक का 75 प्रतिशत् कार्य पूर्ण हो गया है जिस पर जिलाधिकारी ने माह फरवरी  2026 तक शेष कार्य पूर्ण करने तथा ब्लड बैंक संचालन हेतु मशीन, उपकरण चिकिक्त्सक स्टॉफ, मैनपावर की व्यवस्था समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने चिकित्सालय में एसएनसीयू अपग्रेड कार्यों, दिव्यांगजन के शौचालय, जनरल ओटी हेतु स्टेपलाईजर, चिकित्सालय के पुराने भवन दीवारों की मरम्मत, फायर हाईड्रेंट, फायर अलार्म, वाटर हाईड्रेंट, जन्ममृत्यु पंजीयन हेतु कलर प्रिन्टर, आदि कार्यों के लिए 91 लाख की धनराशि जिला योजना से मौके पर ही स्वीकृत की।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिला चिकित्सालय में आने वाले प्रत्येक मरीज को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए। उन्होंने चिकित्सालय प्रबंधन को निर्देश दिए कि अस्पताल में स्वच्छता व्यवस्था, दवा वितरण प्रणाली तथा उपकरणों की कार्यशील स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही चिकित्सालय में आने वाले मरीजों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए हेल्प डेस्क को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में आधारभूत सुविधाओं का निरंतर रखरखाव और सुधार प्राथमिकता पर किया जाए। जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए तथा मरीजों के प्रति संवेदनशील व्यवहार अपनाया जाए।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय में सुविधाओं की जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सालय  परिसर में संचालित ऑटोमेटेड पार्किंग से पार्किंग व्यवस्था में सुधार आया है है। उनके द्वारा जिलाधिकारी से आटोमेटेड पार्किंग निर्माण का अनुरोध किया गया, जिस पर जिलाधिकारी ने कार्यवाही के निर्देश दिए।  
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, प्रभारी अधिकारी स्वास्थ्य/उप जिलाधिकारी हरिगिरि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोज शर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय मन्नु जैन, वरिष्ठ पैथोलॉली डॉ जेपी नौटियाल, डॉ शालिनि डिमरी, पीआरओ प्रमोद पंवार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजू सब्बरवाल, मैटर्न इन्दू शर्मा, सुशीला पंवार, प्रबन्धक आरती,  आदि उपस्थित रहे।  




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