ग्रामोत्थान परियोजना से मिली नई दिशा, सूक्ष्म सिंचाई तकनीक से आत्मनिर्भर बनी बिछना देवी ने रची सफलता की कहानी

- सूक्ष्म सिंचाई तकनीक से महिला कृषक बनी आत्मनिर्भर
- कम पानी में अधिक उत्पादन का सफल उदाहरण बनीं बिछना देवी
- ग्रामोत्थान परियोजना से महिलाओं को मिल रहा है आत्मनिर्भरता का नया मार्ग
रुद्रप्रयाग : जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई तकनीक माध्यम से बिछना देवी, शेयरधारक एवं सदस्य, उदान सी.एल.एफ. मनसूना ने सफलता की नई मिसाल कायम की है। सूक्ष्म सिंचाई एक आधुनिक जल प्रबंधन तकनीक है जो सीधे पौधों की जड़ों तक सीमित मात्रा में पानी पहुँचाती है। इसे जल-संरक्षण तकनीक माना जाता है और यह जलवायु-स्मार्ट कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
वर्ष 2023 में, ग्रामोत्थान परियोजना के नियमों एवं मानदंडों के अनुसार, बिछना देवी को व्यक्तिगत उद्यम, सूक्ष्म सिंचाई गतिविधि के लिए चयनित किया गया। इस उद्यम की कुल लागत ₹50,500/- रही, जिसमें ₹25,250/- बैंक ऋण, ₹10,250/- उनका व्यक्तिगत अंशदान तथा ₹15,000/- सहायता के रूप में प्राप्त हुए। बिछना देवी ने इस उद्यम के तहत सब्जियों का उत्पादन प्रारंभ किया और वर्तमान में वह मनसूना एवं उखीमठ के क्षेत्रीय बाजारों में अपनी सब्जियां बेच रही हैं। इस गतिविधि से उन्हें वार्षिक ₹70,000/- से ₹80,000/- तथा मासिक ₹6,000/- से ₹7,000/- तक की आय प्राप्त हो रही है।
उनकी सफलता से प्रेरित होकर क्षेत्र की अन्य महिलाएं भी सूक्ष्म सिंचाई तकनीक अपनाने के लिए आगे आ रही हैं। अब बिछना देवी अपने कृषि उत्पादों का मूल्यवर्धन करने तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन हेतु अचार, पापड़ निर्माण एवं आटा चक्की जैसे छोटे पैमाने के खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की योजना बना रही हैं।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत ने कहा कि “जनपद रुद्रप्रयाग के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। सूक्ष्म सिंचाई जैसी आधुनिक कृषि तकनीकें न केवल जल संरक्षण में सहायक हैं, बल्कि किसानों की आय दोगुनी करने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं।” ग्रामोत्थान परियोजना के माध्यम से जनपद की अनेक महिलाएं अब स्वरोजगार के पथ पर अग्रसर हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती और सामाजिक विकास को नई दिशा मिल रही है।