Gen-Z ने धामी सरकार की नीतियों पर लगाई मुहर, छात्रसंघ चुनाव में ABVP की ऐतिहासिक जीत

देहरादून : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर नकल प्रकरण और भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर विपक्ष और कुछ संगठनों ने लगातार यह धारणा बनाई कि प्रदेश का युवा वर्ग सरकार से नाराज़ है और उसके खिलाफ सड़कों पर उतर चुका है। लेकिन प्रदेश के 100 से अधिक महाविद्यालयों में हुए छात्रसंघ चुनावों के नतीजों ने यह भ्रम पूरी तरह तोड़ दिया है।
छात्रसंघ चुनावों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को मिली बड़ी और ऐतिहासिक जीत ने साबित कर दिया कि युवाओं का झुकाव भाजपा और उसकी नीतियों के पक्ष में है। खासतौर पर Gen-Z ने अपने वोट से यह संदेश दिया है कि वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व पर भरोसा रखते हैं और सरकार के कामकाज को समर्थन देते हैं।
ABVP, जो भाजपा का आनुषंगिक संगठन है, प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत छात्रसंघ सीटों पर जीत की ओर अग्रसर है। यह नतीजे इस धारणा के उलट हैं कि पेपर लीक प्रकरण से युवा वर्ग सरकार से नाराज है। दरअसल, छात्रों के वोट इस बात का संकेत हैं कि धामी सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने, नकल विरोधी कानून लागू करने और परीक्षा प्रणाली में सुधार जैसे कदम युवाओं का विश्वास जीतने में सफल रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ABVP की यह जीत सिर्फ संगठनात्मक शक्ति का परिणाम नहीं, बल्कि युवाओं के भरोसे की जीत है। विपक्ष ने भले ही आंदोलन और आरोपों के जरिए माहौल बनाने की कोशिश की हो, लेकिन छात्रसंघ चुनावों ने साफ़ कर दिया है कि युवाओं की प्राथमिकता सरकार की नीयत और नीतियां हैं, न कि विपक्ष का भ्रम फैलाने वाला प्रचार।
छात्रसंघ चुनाव परिणामों के बाद ABVP समर्थक कॉलेज कैंपसों में जश्न मना रहे हैं, जबकि विपक्ष बैकफुट पर नज़र आ रहा है। यह तस्वीर साफ़ करती है कि युवा धामी सरकार के साथ खड़े हैं और 2027 के राजनीतिक समीकरण पर भी इसका गहरा असर पड़ेगा।