ट्रंप का नया टैरिफ बम : दवाओं पर 100% टैरिफ, फर्नीचर-ट्रकों पर भी भारी आयात शुल्क

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को व्यापार युद्ध को नई ऊंचाई देने वाला ऐलान किया है। उन्होंने 1 अक्टूबर से आयातित फार्मास्यूटिकल दवाओं पर 100 प्रतिशत, रसोई कैबिनेट व बाथरूम वैनिटी पर 50 प्रतिशत, असबाबवाले फर्नीचर पर 30 प्रतिशत तथा भारी ट्रकों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। यह कदम अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे महंगाई तेज हो सकती है और आर्थिक विकास पर ब्रेक लग सकता है।
ट्रंप ने यह जानकारी अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर पोस्ट की। उन्होंने लिखा, “1 अक्टूबर 2025 से किसी भी ब्रांडेड या पेटेंटेड फार्मास्यूटिकल उत्पाद पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा, जब तक कि कंपनी अमेरिका में अपना विनिर्माण संयंत्र न बना रही हो।” इसी तरह, भारी ट्रकों, रसोई कैबिनेट और फर्नीचर पर भी सख्त शुल्क का एलान किया गया। राष्ट्रपति ने इसे “बाहरी देशों द्वारा अमेरिकी बाजार में सस्ते सामान की बाढ़” रोकने का जरिया बताया।
अमेरिकी कंपनियों को छूट
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि दवा कंपनियों पर यह टैरिफ तभी लागू होगा, जब वे अमेरिका में निर्माण संयंत्र न स्थापित कर रही हों। “ग्राउंड ब्रेकिंग” या निर्माणाधीन प्रोजेक्ट वाली कंपनियों को राहत मिलेगी। जॉनसन एंड जॉनसन, एलआई लिली, एstraजेनेका जैसी बड़ी फार्मा कंपनियां पहले ही अमेरिका में निवेश बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं, ताकि टैरिफ से बचा जा सके। हालांकि, जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ का जिक्र नहीं किया गया, जो दवा की कमी को और गहरा सकता है।
यह कदम अप्रैल में शुरू हुए व्यापक पारस्परिक टैरिफों का विस्तार है, जो चीन, यूरोपीय संघ समेत तमाम व्यापार साझेदारों पर लगाए गए थे। यूएस-ईयू ट्रेड डील में ब्रांडेड दवाओं पर अधिकतम 15% टैरिफ तय हुआ था, लेकिन नया 100% शुल्क इससे अलग होगा।
मेडिकेयर पर बोझ
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में अमेरिका ने करीब 233 अरब डॉलर की दवाएं और औषधीय उत्पाद आयात किए। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इन टैरिफ से कुछ दवाओं की कीमतें दोगुनी हो सकती हैं, जिससे स्वास्थ्य खर्च बढ़ेगा। मेडिकेयर और मेडिकेड जैसी सरकारी योजनाओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जो बुजुर्गों और गरीबों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा। फार्मा इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी मरीजों को दवाओं की उपलब्धता में दिक्कत हो सकती है।
एशियाई फार्मा शेयरों में गुरुवार को गिरावट आई—ऑस्ट्रेलिया की सीएसएल छह साल के निचले स्तर पर पहुंची, जबकि जापान की सुमितोमो फार्मा में 5% से ज्यादा की कमी दर्ज हुई।
महंगाई की आग भड़केगी, विकास पर संकट
ट्रंप दावा करते रहे हैं कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति अब चुनौती नहीं है, लेकिन आंकड़े उल्टा बयान दे रहे हैं। पिछले 12 महीनों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में 2.9% की बढ़ोतरी हुई, जो अप्रैल के 2.3% से ऊपर है—जब पहली बार व्यापक टैरिफ लगाए गए थे। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ये नए शुल्क पहले से ही नियोक्ताओं पर अनिश्चितता का बोझ बढ़ाएंगे, जिससे आर्थिक विकास धीमा पड़ सकता है।
नए टैरिफ घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित करेंगे, लेकिन उपभोक्ताओं को महंगे सामान का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि इससे सरकारी घाटा कम होगा और नौकरियां बढ़ेंगी, लेकिन आलोचक इसे “व्यापार युद्ध का पुनरुद्धार” बता रहे हैं। कांग्रेस में डेमोक्रेट्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, जबकि रिपब्लिकन इसे “अमेरिका फर्स्ट” नीति की जीत बता रहे हैं। आने वाले दिनों में व्यापार साझेदारों से जवाबी कार्रवाई की आशंका है।