Tuesday, August 26th 2025

उत्तराखंड में अब ‘डिजिटल धर्मांतरण’ पर भी शिकंजा

उत्तराखंड में अब ‘डिजिटल धर्मांतरण’ पर भी शिकंजा

गैरसैंण : उत्तराखंड सरकार ने राज्य में जबरन धर्म धर्मांतरण रोकने के लिए अपने कानून को और सख्त कर दिया है। मंगलवार को भराड़ीसैंण विधानसभा में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया गया, जिसमें अब डिजिटल माध्यम से होने वाले धर्म परिवर्तन को भी अपराध की श्रेणी में लाया गया है।

नए संशोधन के तहत, किसी भी तरह का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराना, जिसमें उपहार, आसान धन, भौतिक लाभ, विवाह का वादा या बेहतर जीवन शैली का लालच देना शामिल है, अब कानूनन जुर्म माना जाएगा। इसके अलावा, एक धर्म को दूसरे धर्म से श्रेष्ठ बताना और उसका महिमामंडन करना भी अपराध होगा।

इस कानून को और अधिक कठोर बनाते हुए, दोषियों के लिए अधिकतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर 14 साल और आजीवन कारावास तक कर दिया गया है। जुर्माने की राशि भी 50,000 से बढ़ाकर 10 लाख तक कर दी गई है। इसके साथ ही, धर्म परिवर्तन के जरिए कमाई गई अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार भी जिलाधिकारी को दिया गया है।

इस विधेयक में पीड़ितों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन्हें कानूनी सहायता, रहने की जगह, भरण-पोषण और चिकित्सा जैसी जरूरी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उनकी पहचान और नाम को गुप्त रखा जाएगा ताकि उन्हें किसी भी तरह के खतरे का सामना न करना पड़े। सरकार पीड़ितों को तत्काल सहायता देने के लिए एक विशेष योजना भी बनाएगी।