टिहरी का अघान : आस्था, प्रकृति और रोमांच का अद्भुत संगम, देव दर्शन के साथ बुग्याल और खेलों का भी लुत्फ

टिहरी : देव दर्शन, बुग्याल और खेलों का लुत्फ उठाना हो तो पौराणिक शिव मन्दिर अघान पहुंचे। जनपद टिहरी गढ़वाल क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड थौलधार के ग्राम सेलूर में अघान नामक एक स्थान है। यहां पर काफी बड़े क्षेत्र में बुग्याल फैला हुआ है, जिसके एक छोर पर प्राचीन शिव मन्दिर तो दूसरी ओर स्थानीय युवाओं के मनोरंजन हेतु कुदरती खेल मैदान है। प्रकृति और आस्था के इस पावन स्थल पर शिव–भक्तों और खेल प्रेमियों के लिए कुदरत द्वारा प्रदत्त एक खूबसूरत नजारा है।
यदि आप देव दर्शन, विशाल बुग्याल और खेलों का एक साथ लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जनपद में स्थित पौराणिक शिव मंदिर अघान आपके लिए एक आदर्श स्थल हो सकता है। जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड थौलधार के ग्राम सेलूर में स्थित अघान एक ऐसा स्थान है, जहां प्रकृति और आस्था का अनुपम मेल दिखाई देता है। यहाँ एक विशाल बुग्याल फैला हुआ है, जिसके एक छोर पर प्राचीन शिव मंदिर है तो दूसरी ओर स्थानीय युवाओं के लिए प्राकृतिक खेल मैदान मौजूद है। प्रकृति और आस्था के इस पावन स्थल पर शिव-भक्तों और खेल प्रेमियों के लिए कुदरत द्वारा प्रदत्त एक खूबसूरत नजारा है।
कैसे पहुँचें अघान?
जनपद मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अघान तक पहुँचने के लिए चम्बा-उत्तरकाशी मोटर मार्ग पर काण्डीखाल से 07 किमी की ब्रांच सड़क मार्ग से ग्राम सेलूर होते हुए पहुंचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त, इस रमणीय स्थल तक पहुँचने के दो अन्य मार्ग भी हैं: चम्बा-मसूरी मोटर मार्ग पर ठांगधार से वाल्काखाल होते हुए, तथा चम्बा-उत्तरकाशी मोटर मार्ग पर सुल्याधार से भी यहाँ पहुँचा जा सकता है। जनपद मुख्यालय से तकरीबन 50 किमी की दूरी पर चम्बा-उत्तरकाशी मोटर मार्ग के स्थान काण्डीखाल से 07 किमी की ब्रांच सड़क मार्ग से ग्राम सेलूर होते हुए अघान पहुंचा जा सकता है। वैसे तो इस स्थान पर पहुंचने के दो अन्य मार्ग भी है, जिसमें चम्बा-मसूरी मोटर मार्ग के स्थान ठांगधार से वाल्काखाल होते हुए तथा चम्बा-उत्तरकाशी मोटर मार्ग के स्थान सुल्याधार से भी पहुंचा जा सकता है। ‘‘अघान‘‘ से जहां एक ओर हिमालय तो दूसरी ओर पर्यटन नगरी धनोल्टी, नागटिब्बा सहित सेम मुखेम, खैंट पर्वत, सुरकण्डा सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों सहित चारो ओर खूबसूरत दृश्य स्पष्ट दिखायी देते है, जो कि अपने आप में प्रकृति का खूबसूरत खजाना संजोए हुये है।
मनमोहक दृश्य और प्राकृतिक सौंदर्य
अघान से एक ओर जहाँ majestic हिमालय की चोटियाँ स्पष्ट दिखाई देती हैं, वहीं दूसरी ओर पर्यटन नगरी धनोल्टी, नागटिब्बा, सेम मुखेम, खैंट पर्वत, सुरकण्डा देवी मंदिर सहित विभिन्न धार्मिक स्थल और चारों ओर का खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य मन को मोह लेता है। यह स्थान अपने आप में प्रकृति का एक खूबसूरत खजाना संजोए हुए है, जहाँ हरियाली और शांति का अनुभव होता है।
वार्षिक धार्मिक मेला और स्थानीय आकर्षण
हर वर्ष 09 बैसाख को अघान में एक दिवसीय धार्मिक मेले का आयोजन होता है, जिसमें थौलधार क्षेत्र के साथ-साथ चम्बा और जौनपुर विकासखंडों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आस्था के साथ पहुँचते हैं। पर्यटक ठांगधार से कोडिया ईको पार्क में सफारी का आनंद लेते हुए भी अघान पहुँचते हैं और यहाँ के विशाल बुग्याल का लुत्फ उठाते हैं। वहीं, इस बुग्याल में स्थानीय युवा विभिन्न खेलों का आनंद लेते दिखाई देते हैं, जिससे यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के साथ-साथ रोमांच के शौकीनों के लिए भी खास बन जाता है। अघान में हर वर्ष 09 गते बैसाख को एक दिवसीय धार्मिक मेले का आयोजन होता है। यहां पर थौलधार क्षेत्र के अलावा विकासखण्ड चम्बा व जौनपुर क्षेत्र के लोगों का आवागमन आस्था के दृष्टिगत बना रहता है। पर्यटक ठांगधार से कोड़िया ईको पार्क में सफारी के साथ अघान पहुंचते है तथा बुग्याल का लुत्फ उठाते हैं। वहीं इस बुग्याल में स्थानीय युवा विभिन्न खेलों का आनन्द लेते है।
श्री अघान महादेव मंदिर: एक सिद्ध पीठ
श्री अघान महादेव का यह मंदिर एक सिद्ध पीठ माना जाता है। यहाँ सदियों से स्वयंभू शिवलिंग के रूप में बाबा भोलेनाथ अपने भक्तों को दर्शन देते आ रहे हैं। इस शिवलिंग की स्थापना कब हुई, इसका कोई अनुमान नहीं लगा पाया है, लेकिन सदियों से लोग यहाँ पूजा-अर्चना और अपने अनुष्ठान करवाने आते रहे हैं। स्थानीय लोग इस मंदिर को अपने इष्ट देवता के रूप में पूजते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में शिव ‘अग्नि’ के रूप में विराजमान हैं। मंदिर चारों ओर से हरी-भरी पहाड़ियों, चीड़ और देवदार के घने वृक्षों से घिरा हुआ है, और एक बहुत ही शांत, बेहद खूबसूरत और आलौकिक वातावरण प्रदान करता है, जो यहाँ आने वाले हर व्यक्ति को आत्मिक शांति प्रदान करता है। इस मंदिर में शिव अघान ‘अग्नि’ के रुप में विराजमान है। मंदिर चारों ओर से हरी भरी पहाड़ियों, चीड़ और देवदार के वृक्षों से घिरा हुआ, एक बहुत ही शांत, बेहद खूबसूरत और आलौकिक वातावरण में स्थित है।
गढ़वाली फिल्मों की शूटिंग
अघान एक ऐसा स्थान भी है जहाँ गढ़वाली गाने और फ़िल्में फ़िल्माई गई हैं। लोकप्रिय गढ़वाली गीत “ढाई हाथे धामेली” में अघान मैदान के स्थान शामिल हैं।
तो आप भी इस खूबसूरत और अलौकिक वातावरण का आनंद लेकर आइए अघान में!!!