पादप ऊतक संवर्धन तकनीकी पर कार्यशाला, छात्रों को मिली आधुनिक जानकारी

ऋषिकेश : पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश में 15 से 19 अप्रैल 2025 तक उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान (यूसर्क) के तत्वावधान में पादप उत्तक संवर्धन तकनीकी पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन तकनीकी सत्र में थापर विश्वविद्यालय, पटियाला में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार ने सभी छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन के माध्यम से पादप ऊतक संवर्धन के बारे में समझाया व नई-नई तकनीकों के बारे बताया जैसे वर्मनलाइजेशन, वर्मीनलाइजेशन (Verminalisation) पौधों में एक प्रक्रिया है। जिसमें केंचुओं की मदद से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार किया जाता है और पौधों की वृद्धि में मदद मिलती है, साथ ही उन्होंने बीज उत्पादन के बारे में भी बताया। बीज उत्पादन एक प्रक्रिया है जिसमें पौधों से बीज प्राप्त किए जाते हैं जो आगे की फसल के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। जैसे कुछ बीज उत्पादन के चरण, बीज चयन, पौधों की देखभाल, फूलों और फलों का विकास, बीज परिपक्वता, बीज प्रसंस्करण।
इस कार्यशाला के तीसरे दिन श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने आकर सभी छात्र छात्राओं से संवाद किया व उनसे कार्यशाला में किए जाने वाले कार्य पर प्रश्न पूछे और सभी से उनके बारे में बात कर शुभकामनाएं दी व भविष्य में इसी विषय पर उच्च स्तर के शोध करने पर जोर दिया। साथ ही तकनीकी सत्र में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय, देहरादून की बायोटेक्नोलॉजी विभाग की डॉ. रश्मि वर्मा ने कार्यशाला में आए हुए सभी छात्र छात्राओं को पादप ऊतक संवर्धन के अनुप्रयोग, उपयोग व साथ ही पादप ऊतक संवर्धन की विभिन्न तकनीकें के बारे में भी बताया व समझाया।
मौके पर मौजूद विज्ञान संकायाध्यक्ष व वनस्पति विभागाध्यक्ष प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने छात्र-छात्राओं से प्रश्न किए और उनके द्वारा कार्यशाला में किए गए कार्यों के बारे में जाना व प्रतिक्रिया लेकर शुभकामनाएं दी व साथ ही कुलपति को भविष्य की योजनाओं व कार्यों को अवगत कराया। इस अवसर पर परिसर के निदेशक प्रो. एमएस रावत, डॉ. सुनीति कुड़ियाल, शालिनी कोटियाल, सफिया हसन, डॉ. बिंदु, अर्जुन पालीवाल, देवेंद्र भट्ट व निशांत भाटला मौजूद रहे ।