Wednesday, February 26th 2025

फाइबर युक्त आहार और मानसिक संतुलन मजबूत पाचन तंत्र के लिए जरूरी – रुचिता त्रिपाठी उपाध्याय 

फाइबर युक्त आहार और मानसिक संतुलन मजबूत पाचन तंत्र के लिए जरूरी – रुचिता त्रिपाठी उपाध्याय 
हरिद्वार : वर्तमान समय में पाचन संबंधी समस्याएं आम होती जा रही हैं। खासतौर पर बच्चे और युवा, जो फास्ट फूड और असंतुलित जीवनशैली के कारण अपच, कब्ज़, गैस और भूख न लगने जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। नेचुरोपैथी विशेषज्ञ रुचिता त्रिपाठी उपाध्याय का कहना है, “शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए संतुलित आहार और मानसिक शांति दोनों आवश्यक हैं। केवल दवाओं के सहारे नहीं, बल्कि सही खानपान और जीवनशैली में बदलाव लाकर पाचन तंत्र को मजबूत किया जा सकता है।” आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. अवनीश कुमार उपाध्याय कहते हैं, “आहार में फाइबर की सही मात्रा पाचन तंत्र को सक्रिय बनाए रखती है, जिससे कब्ज़, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर होती हैं।”

फाइबर क्यों आवश्यक है?

फाइबर दो प्रकार का होता है— घुलनशील फाइबर, जो पाचन में सहायक होता है और अघुलनशील फाइबर, जो मल त्याग को आसान बनाता है। हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी, बथुआ), जड़ वाली सब्जियां (गाजर, चुकंदर, मूली), साबुत अनाज (जौ, ओट्स, बाजरा) और फल (सेब, पपीता, अमरूद) फाइबर के अच्छे स्रोत हैं। डॉ. अवनीश कुमार उपाध्याय बताते हैं, “फाइबर युक्त आहार न केवल पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह हृदय, त्वचा और संपूर्ण स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।”

बच्चों और युवाओं को जंक फूड से बचाना जरूरी

आजकल बच्चों और युवाओं में पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजों की लत बढ़ती जा रही है। इसका समाधान यह है कि उन्हें हेल्दी विकल्पों की ओर प्रेरित किया जाए। जैसे, मैदा आधारित पिज्जा की जगह मल्टीग्रेन पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक्स की जगह छाछ या ताजे फलों का जूस और इंस्टेंट नूडल्स की जगह बाजरा या रागी नूडल्स दिए जाएं।
रुचिता त्रिपाठी उपाध्याय का सुझाव है, “बच्चों को हेल्दी आदतें सिखाने के लिए माता-पिता को भी स्वयं पौष्टिक आहार अपनाना चाहिए। बच्चे वही सीखते हैं, जो वे अपने आसपास देखते हैं।”

पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए मानसिक संतुलन जरूरी

तनाव और चिंता का सीधा असर हमारे पाचन पर पड़ता है। योग और ध्यान करने से मानसिक शांति मिलती है और पाचन क्रिया बेहतर होती है।
  • भुजंगासन और पवनमुक्तासन – अपच और कब्ज़ को दूर करने के लिए लाभकारी।
  • कपालभाति और अनुलोम-विलोम – पाचन तंत्र को सक्रिय करते हैं।
  • वज्रासन – भोजन के बाद करने से पाचन में सुधार होता है।
डॉ. अवनीश कुमार उपाध्याय कहते हैं, “योग और ध्यान से मानसिक शांति मिलती है, जिससे पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है।” फाइबर युक्त आहार, संतुलित जीवनशैली और मानसिक मजबूती के जरिए पाचन संबंधी समस्याओं को आसानी से दूर किया जा सकता है। रुचिता त्रिपाठी उपाध्याय कहती हैं, “अगर हम सही खानपान अपनाएं, योग करें और मानसिक रूप से संतुलित रहें, तो पाचन तंत्र को मजबूत बनाया जा सकता है।”