Saturday, November 16th 2024

एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज ने अपना पक्ष रखकर स्पष्ट की सही स्थिति, मेडिकल काॅलेज के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ डीजीपी को भेजी शिकायत

एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज ने अपना पक्ष रखकर स्पष्ट की सही स्थिति, मेडिकल काॅलेज के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ डीजीपी को भेजी शिकायत

  • थीसिस फाडने की बात झूठ, तथ्यहीन और भ्रम फैलाने वाली
  • युवा डाॅक्टर की आत्महत्या को निजी हितों के लिए इस्तेमाल कर रहे कुछ लोग

देहरादून। शिशु रोग विभाग के संज्ञान में प्रारम्भ में यह जानकारी आई थी कि छात्र देवेश गर्ग पीजी छोड़ना चाहते हैं। उनका प्रवेश अंतिम काउंसलिंग में हुआ था और वह पीजी की पढ़ाई में सामन्जस्य स्थापित नहीं कर पा रहे थे। उस समय उनकी यूनिट भी बदली गई। उनके पिता काॅलेज में आए थे। उनके पिता को समझाकर विभागीय काउंसलिंग की गई कि देवेश पीजी का कोर्स पूरा करें। काफी हद तक समझाने और काउंसलिंग के बाद उन्होने पढ़ाई शुरू कर दी थी। छात्र के पिता, किसी अभिभावक या स्वयं छात्र ने कभी भी किसी प्रकार की कोई मौखिक या लिखित शिकायत काॅलेज में नहीं दी। कोई संदेह नहीं है कि मेडिकल की पढाई कठिन होती है। मेडिकल एजुकेशन की रेग्यूलेटी बाॅडी नेशनल मेडिकल कमीशन के नियमो का काॅलेज और छात्र को सख्ती से पालन करना पढ़़ता है।

मेडिकल काॅलेज ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राचार्य उत्कर्ष शर्मा ने यह कभी दावा नहीं किया कि छात्र ने पारिवारिक कारणों से छात्र ने यह आत्मघाती कदम उठाया। जिन समाचार पत्रों, सोशल मीडिया पर ऐसी जानकारी प्रकाशित की गई है उसका खण्डन प्रकाशित किया जाना चाहिए। छात्र द्वारा उठाया गया यह कदम पूर्णता जाॅच का विषय है।
छात्र ने आत्महत्या की है लेकिन कारणों के बारे में मेडिकल काॅलेज जानकारी नहीं दे सकता है। यह बड़े अफसोस की बात है कि कुछ छात्र बिना मेहनत किए हुए काॅलेज प्रशासन पर दबाव बनाकर अपनी डिग्री हासिल करना चाहते हैं। ऐसे असमाजिक तत्वों से समाज को सावधान रहने की आवश्यता है। छात्रों एवं फकल्टी एमएनसी के नियमो ंसे बंधे हुए हैं। काॅलेज प्रशासन व सभी फैकल्टी छात्र-छात्राओं के साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं।

कुछ समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया में इस जानकारी का उल्लेख किया गया है कि थीसिस फाडी गई थी यह जानकारी सरासर झूठ है, तथ्यहीन है और आपत्तिजनक है यदि किसी के व्यक्ति के पास इस बात का काई प्रमाण हो तो वह सार्वजनिक जानकारी में प्रमाण को प्रस्तुत करे। थीसिस को तैयार करने और जमा करने का समय तृृतीय वर्ष में होता है जबकि छात्र अभी प्रथम वर्ष में था।

कुछ छात्रों ने एक युवा डाॅक्टर की आत्महत्या के विषय का इस्तेमाल निज स्वार्थों को पूरा करने केे लिए किया है। इस बात की जाॅच की जा रही है। संस्थान ऐसे छात्रों के खिलाफ निष्पक्ष जाॅच की पैरवी करता है। छात्र की मौत को आधार बनाकर कुछ छात्रों ने अपनी निजी मांगों को सामने रख दिया यह बेहद दुर्भाग्यपूर्णं है। यहां पर उल्लेख करना उचित रहेगा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर मृृत्यु के कारण स्पष्ट हो जाएंगे लेकिन मानसिक तनाव के कारणों का पता नहीं चलेगा। मानसिक परेशानी के बारे में घरवालों को या अन्य सहयोगियों को जानकारी हो सकती है। उनके द्वारा ही मेडिकल काॅलेज को इस सम्बन्ध में जानकारी दी जा सकती है।

एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज में छात्र द्वारा आत्महत्या के मामले को राजनीतिक रंग देने वालों के खिलाफ मेडिकल काॅलेज कानूनी कार्रवाई करेगा। सोशल मीडिया, ट्विटर व इंस्टाग्राम पर भ्रामक जानकारियों को पोस्ट करने वालों के खिलाफ मेडिकल काॅलेज प्रबन्धन ने पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड को शिकायती पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के वरिष्ठ विधि विशेषज्ञों ने मामले से जुड़े सभी साक्ष्यों एवं वीडियो फुटेज को देखने के बाद मेडिकल काॅलेज की छवि खराब करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड को पत्र भेजकर पूरे घटनाक्रम सेे अवगत कराया है। मेडिकल काॅलेज प्रबन्धन ने यह मांग की है कि ट्विटर@इंडियन डाॅक्टर, ट्विटर@डाॅ ध्रुव चैहान, ट्विटर@गर्म खोपड़ी,
इंस्ट्राग्राम@मीमेडिको के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

मेडिकल काॅलेज ने सूचना तकनीक कानून एक्ट 2000 के अन्तर्गत उपरोक्त को कड़ा कानूनी नोटिस एवं भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

The post एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज ने अपना पक्ष रखकर स्पष्ट की सही स्थिति, मेडिकल काॅलेज के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ डीजीपी को भेजी शिकायत first appeared on Bharatjan Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar.