डीजीपी अभिनव कुमार ने राज्य की यातायात व्यवस्था एवं सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में ली बैठक, दिए यह दिशा निर्देश
देहरादून : पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अभिनव कुमार द्वारा राज्य की यातायात व्यवस्था एवं सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय के सभागार में गोष्ठी आयोजित की गई। उक्त गोष्ठी में जनपदों में यातायात व्यवस्था के अन्तर्गत प्रवर्तन की कार्यवाही, सड़क दुर्घटना के आकड़ों, पार्किंग, यातायात जनशक्ति एवं ट्रैफिक जाम के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही के उपायों की समीक्षा की गई। उक्त गोष्ठी में अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन उत्तराखण्ड अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड ए.पी. अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात उत्तराखण्ड मुख्तार मोहसिन, पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रशिक्षण उत्तराखण्ड बरिन्दरजीत सिंह आदि मौजूद रहें।
उक्त गोष्ठी में पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड अभिनव कुमार द्वारा निम्न निर्देश दिये गये
- देहरादून की पार्किंग व्यवस्था के सुधार हेतु निर्देश दिये गये है कि नगर की पार्किंग का एक विस्तृत आंकड़ा तैयार किया जाए और आंकलन किया जाए कि जिन व्यवसायिक भवनों को MDDA द्वारा बेंसमेट/कॉम्पलेक्स पार्किंग की अनुमति प्रदान की गई है,उन पार्किंग को तत्काल खुलवाया जाए। उक्त सम्बन्ध पहले पुलिस अधीक्षक, यातायात देहरादून सभी व्यवसायिक भवनों के स्वामी एवं व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों के साथ पार्किंग के सम्बन्ध में बैठक करेंगे और बेंसमेट/कॉम्पलैक्स पार्किंग को खुलवायेंगे। यदि कोई उक्त गोष्ठी के बाद भी पार्किंग नही खुलवाता है तो उक्त के विरुद्व आवश्यक कार्यवाही करेंगे।
- देहरादून के समस्त स्कूलों/कालेजों में यातायात दबाव को कम करने के लिए नगर के समस्त सरकारी एवं प्राईवेट स्कूलों/कालेजों के प्रबन्धकों के साथ गोष्ठी आयोजित कर खुलने एवं बंद होने के टाईम को स्टैगर कर इसको तत्काल क्रियान्वित किया जाए तथा वाहनों को जितना सम्भव हो सके स्कूलों/कालेजों में पार्क कराया जाए।
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यातायात जनशक्ति की समीक्षा में निर्देश दिये गये है कि यातायात व्यवस्था में कार्य कर रहे समस्त यातायात कर्मियों की ड्यूटी प्वाईंट के आधार पर मूल्यांकन कर जनशक्ति का ऑडिट करा लिया जाए इसके पश्चात भी यदि अतिरिक्त कर्मियों की आवश्यकता प्रतीत होती है तो प्रस्ताव तैयार किया जाए।
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यातायात प्रबन्धन में नवीन इनोवेशन सुधार हेतु आईआईटी रुड़की अथवा किसी अन्य संस्थान से कन्सलटींग रखा जाए।
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टोईंग की कार्यवाही के दौरान जाम की स्थिति उत्पन्न न हों इसके लिए टोईंग की कार्यवाही को पीक ऑवर में करने से बचा जाए।
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यातायात व्यवस्था में सड़कों पर निकलने वाले जूलूसों का डाटा बेस तैयार किया जाए और मुख्य मार्गों को जूलूस/रैलियों को प्रतिबन्धित किया जाए।
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सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा के उपरान्त यह निर्देश दिये गये है कि बड़े जनपदों में टॉप 10 दुर्घटना स्पॉट तथा अन्य छोटे जनपदो में टॉप 05 दुर्घटना स्पॉट को चिन्हित कर उक्त स्थलों पर प्रवर्तन की कार्यवाही हेतु प्रवर्तन अधिकारियों एवं प्रवर्तन उपकरणों को तैनात किया जाए।