Saturday, September 7th 2024

औपचारिकताओं से बाहर निकलकर शिक्षा को व्यावहारिक, प्रासंगिक और आउटकम आधारित बनाने के लिए करें कार्य – डीएम डॉ. आशीष चौहान

औपचारिकताओं से बाहर निकलकर शिक्षा को व्यावहारिक, प्रासंगिक और आउटकम आधारित बनाने के लिए करें कार्य – डीएम डॉ. आशीष चौहान

जनपद के समस्त छात्रावास में रहने वाले और विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत मानसिक रिटायर्ड दिव्यांग  बच्चों का अच्छे मनोचिकित्सक के द्वारा अच्छे तरीके से चिकित्सा परीक्षण करायें तथा किसी भी अभाव की स्थिति में बेहतर चिकित्सा प्रदान करना सुनिश्चित करें

बच्चों को संगीत, गायन और आर्ट ऑफ लिविंग की विभिन्न, गतिविधियों को इस तरह से सिखायें ताकि उन विधाओं से वह अपना कैरियर बना सके, रोजी-रोटी भी कमा सकें

बच्चों को नशाखोरी से दूर रखने तथा समाज, राष्ट्र और पर्यावरण का एक कर्तव्यनिष्ट नागरिक तैयार करने के लिए कार्य करें

पौड़ी : जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारियों के साथ समग्र शिक्षा अभियान और पोषण अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मात्र औपचारिकता वाली मानसिकता से ऊपर उठें तथा बजट को ऐसे कार्यो में और योजनाओं में इस तरह से खर्च करें ताकि उसका वास्तव में कोई आउटकम निकलें। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसी विधाओं, रचनात्मक और व्यावहारिक गतिविधियों को बढ़ावा दें जिससे बच्चा उस फिल्ड में विशेषक्षता हासिल कर सके तथा आगे चलकर उस विधा से वह अपनी पहचान बना सके तथा रोजी-रोटी का जुगाड़ भी कर सके। उन्होंने बच्चों को आधुनिक तकनिक में दक्ष बनाने, राष्ट्र, समाज व पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और कर्तव्यनिष्ट बनाने के लिए शिक्षण-प्रशिक्षण को उसी अनुरूप ढालने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने जनपद के मानसिक रिटायर्ड दिव्यांगजनों का अच्छे साइकोलॉजिस्ट से ठिक से स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे बच्चों में जिसका भी अभाव दिखता है तो उसका सिस्टमैटिक तरीके से इलाज करायें ताकि ऐसे बच्चे भी समाज की मुख्यधारा से अपने-आपको आसानी से एडजस्ट कर सके तथा अपना बेहतर जीवन जी सके। उन्होंने शिक्षा में गुणवत्ता सुधार और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक सर्वोत्तम तकनीक का उपयोग करने तथा वर्तमान समय में संचालित हो रही स्मार्ट क्लास और वर्चुअल कक्षा के क्या आउटकम प्राप्त हो रहे हैं उसका एक माह में अध्ययन करते हुए उसमें समय सापेक्षा तद्नुसार परिवर्तन करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि ऐसे विद्यालय जो वर्तमान में पोलिंग स्टेशन के रूप में है वहां पर सभी प्रकार की पेंटिंग निर्वाचन आयोग के मानक के अनुरूप हो तथा वहां पर रैम्प तथा विद्युत, पेयजल, शौचालय इत्यादि की ईएमएफ (न्यूनतम मिनिमम फेसिलिटी) सुविधा उपलब्ध हो इस बात को सुनिश्चित किया जाय।
जिलाधिकारी ने शिक्षा को समयानुकुल बनाने के लिए समय-समय पर शिक्षकों को भी व्यावहारिक और प्रासंगिक प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिये तथा शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए पीएम श्री योजना के निर्देशों को आत्मसात करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विद्यालयों में मिड-डे-मिल और पोषण अभियान के अंतर्गत बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जो भी सरकार की योजनाएं संचालित हो रही हैं उनका समुचित और प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन करें तथा समग्र शिक्षा अभियान की गुणवत्ता सुधार करने के लिए नियमित रूप से इन कार्यों की मॉनिटरिंग करें तथा अगर इस कार्य में कोई अधिकारी लापरवाही बरतता है तो उनकी जिम्मेदारी तय की जाय। इस दौरान बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी दिनेश चंद गौड़, अधिशासी अभियंता जल संस्थान एसके रॉय सहित विभिन्न खंड विकास अधिकारी, उप खंड विकास अधिकारी, प्रधानाचार्य व अन्य उपस्थित थे।