आईजी मुख़्तार मोहसिन की ट्रैफिक व्यवस्था सुधार के लिए एक और बड़ी पहल, यातायात निदेशालय ने खरीदे 100 बाडी वार्न कैमरा, सड़क सुरक्षा एवं प्रवर्तन की कार्यवाही में पारदर्शिता लाने में एवं दुर्व्यवहार पर रोकने में मिलेगी मदद
देहरादून : यातायात निदेशालय उत्तराखण्ड द्वारा सड़क सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। इस वर्ष यातायात निदेशालय द्वारा यातायात प्रवर्तन की कार्यवाही में पारदर्शिता दुर्व्यवहार पर रोक एवं सड़क दुर्घटना के बाद साक्ष्य जुटाने में वीडियो रिकार्डिंग के उद्देश्य से 100 अदद बाडी वार्न कैमरा क्रय किये गये है।
क्या होता है Body Worn camera
Body Worn camera का उपयोग अनेक स्थितियों में किया जाता है, जैसे कि पुलिस द्वारा अपनी सुरक्षा और संग्रहीत साक्ष्य के लिए, या सुरक्षा और सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए एवं दुर्व्यवहार पर रोक । यह कैमरा व्यक्ति के शरीर पर पहना जाता है ताकि वह उसी क्षण को रिकॉर्ड कर सके जब वह किसी घटना का हिस्सा बन रहे हों। बाडी वार्न कैमरा के सम्बन्ध में पूर्व में यातायात निदेशालय द्वारा जनपदों को निर्देश दिये गये है कि प्रवर्तन की कार्यवाही में अतिआवश्यक रुप से प्रयोग किया जाये ।इसके साथ ही प्रत्येक जनपद के यातायात निरीक्षक/सीपीयू प्रभारी सप्ताह में एक बार तथा पुलिस अधीक्षक, यातायात 15 दिवस में एक बार वीडियों रिकार्डिंग चैक अवश्य करेंगे।इस वर्ष क्रय किये गये Body Worn camera Sim Based होने के कारण उक्त को 112 से इंट्रीगेट करने के लिए जनपदों को निर्देशित किया गया है।
जनपदों को इस वर्ष वितरित किये गये बाडी वार्न कैमरा का विवरण
- उत्तरकाशी – 03
- टिहरी गढ़वाल – 04
- चमोली – 03
- रुद्रप्रयाग – 03
- पौड़ी गढ़वाल – 05
- देहरादून – 25
- हरिद्वार – 15
- नैनीताल – 15
- ऊधमसिंहनगर – 15
- अल्मोड़ा – 03
- पिथौरागढ़ – 03
- बागेश्वर – 03
- चम्पावत – 03
निदेशक यातायात उत्तराखण्ड मुख्तार मोहसिन द्वारा बताया गया कि सड़क सुरक्षा एवं प्रवर्तन की कार्यवाही में पारदर्शिता लाने में एवं दुर्व्यवहार पर रोक के लिए बाडी वार्न कैमरा का एक अहम योगदान रहेगा। इस उपकरण की मदद से सड़क दुर्घटनाओं के बाद साक्ष्य जुटाने में भी प्रयोग किया जायेगा। सभी जनपदों निर्देश भी दिये गये है कि उक्त बाडी वार्न कैमरा की लगातार मॉनिटरिंग भी करते रहेंगे