Thursday, December 19th 2024

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज का दिव्य स्वरूप करोड़ों लोगों के लिए हैं एक प्रेरणा पुंज – राज्यपाल

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज का दिव्य स्वरूप करोड़ों लोगों के लिए हैं एक प्रेरणा पुंज – राज्यपाल
 
हरिद्वार :   राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने मंगलवार को कनखल  स्थित हरिहर आश्रम में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज के आचार्य पीठ पर पदस्थापन के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में प्रतिभाग किया। इस पावन अवसर पर राज्यपाल ने दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज को बधाई एवं उनके दीर्घायु जीवन की कामना की।
राज्यपाल ने कहा कि स्वामी जी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। परम पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज अद्वितीय-उत्कृष्ट वक्ता, भारतीय संस्कृति के पर्यवेक्षक एवं संरक्षक, साधु-समाज के आदर्श तथा अंधकारमय चेतना में आत्म-जागरण की तत्परता उत्पन्न करने वाले साधक व सत्पुरुष हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी जी का दिव्य स्वरूप करोड़ों लोगों के लिए एक प्रेरणा पुंज है।
राज्यपाल ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि इस आर्चाय पीठ, श्री हरिहर आश्रम, जहां से भगवान दत्तात्रेय का अनुग्रह प्राप्त कर देश के लगभग 85 प्रतिशत साधु-संन्यासी ‘‘संन्यास-आश्रम’’ में दीक्षित होकर विभिन्न लोक उपकारी कार्यों में निरन्तर लगे हैं। उन्होंने कहा कि आचार्य पीठ से देशभर में हजारों की संख्या में आश्रम, शैक्षणिक संस्थानों, चिकित्सालयों एवं विविध सेवा प्रकल्पों का संचालन किया जाता है। पूज्य आचार्य जी के द्वारा 2000 बच्चे दत्तक लिए गए हैं। निःसंदेह, उनकी सेवा का यह पुनीत कार्य ‘‘नर सेवा नारायण सेवा’’ के कथन को आत्मसात कर रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि आचार्य पीठ अपनी स्थापना के बाद से मानवता के कल्याण में लगातार योगदान दे रहा है। इसके द्वारा चल चिकित्सालय, फिजियोथैरेपी सेन्टर, शैक्षणिक संस्थाएं, स्कूल, मेडिकल कॉलेजों का संचालन जल संकट से ग्रस्त 1000 गांवों में जलाशय निर्माण, गौशाला निर्माण, पर्यावरण एवं जल संरक्षण एवं संवर्धन आदि लोक कल्याणकारी कार्य संपादित किए जा रहे हैं जो कि बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह सब कार्य केवल महान आत्मा ही कर सकती हैं। इस अवसर पर स्वामी परमानंद सहित देश-विदेश से आये अनेक साधू-संत आध्यात्मिक जगत से जुड़े विशिष्ट जन मौजूद रहे।