Sunday, November 17th 2024

कांग्रेस सरकार ने 60 साल में मुसलमानों को पीछे धकेला – मुफ्ती शमून कासमी

कांग्रेस सरकार ने 60 साल में मुसलमानों को पीछे धकेला – मुफ्ती शमून कासमी
देहरादून : 60 सालों में कांग्रेस ने देश के मुसलमानों को पीछे धकेला है। शिक्षा से लेकर हर मोर्चे पर मुसलमानों को मुख्य धारा से दूर रखा गया। कांग्रेस के समय में देश के मुसलमानों की तरक्की नहीं हो रही थी। 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समाज के हर वर्ग को राष्ट्रवाद और मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया है। बुधवार को उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने मदरसा संचालकों व शिक्षकों के साथ बैठक में ये बात कहीं।
भगत सिंह कालोनी स्थित मदरसा शिक्षा परिषद देहरादून उत्तराखंड कार्यालय के सभागार में मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून क़ासमी ने कहा कि गौरक्षा, गंगा और हिमालय हमारी धरोहर हैं। मदरसा शिक्षकों और संचालकों को अपनी धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए और राष्ट्रीय कार्यक्रम टीकाकरण अभियान में हिस्सा लेना चाहिए। जिसके लिए मुस्लिम परिवारों को प्रेरित भी करना चाहिए।
उन्होंने कहा आयुष्मान योजना, प्रधान आवास योजना, मुफ्त अन्न योजना सहित कई योजनाओं से देश की जनता आज लाभान्वित हो रही है। उत्तराखंड में मदरसों में असमाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए तस्वीर बदलनी होगी। जिससे मदरसों को लेकर सभी की सोच सकारात्मक होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन को समझें, मदरसों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए स भी को सामने आना होगा। मुख्यमंत्री बिना भेदभाव के सबका साथ सबका विश्वास के साथ समाज के सभी वर्ग की तरक्की करना चाहते हैं।उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बिना भेदभाव के प्राथमिकता के साथ उन्हें निकलवाया। वो मात्र 41 लोग नहीं थे, बल्कि 41 परिवार थे। बिना डर के सामने आएं और हमारी कौम के बच्चों का भविष्य बनाने के लिए सकारात्मक कदम उठाएं। योग और नमाज में कोई अंतर नहीं है, नमाज के साथ योग भी करें। सभी धर्मों की शिक्षा लेने में भी परहेज ना करें। हमारे मदरसों के छात्रों वेदों को भी पढ़ना चाहिए।

मदरसों शिक्षा में पारदर्शिता और गुणवत्ता लाना हमारा लक्ष्य

मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि मदरसा शिक्षा में पारदर्शिता, गुणवत्ता और मदरसों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के  प्रयास कर रहे है। इन्हीं सब अहम मुद्दों को लेकर बैठक में चर्चा हुई। देवभूमि के मदरसों का विकास का बुनियादी ढांचा विकसित किया जाना बेहद आवश्यक है। देव भूमि के मदरसे देश में प्यार अमन भाईचारे की मिसाल बन सके  मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना  मुस्लिम बच्चों को औपचारिक शिक्षा-विषयों में राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के मानक प्राप्त करने में सक्षम बनाने में समर्थ बन सकें। इस दौरान मौलाना अब्दुल कलाम, मुफ्ती मोहम्मद अहसान, जमील अहमद, यूसुफ खान, मौलाना शाहनजर सहित अन्य मौजूद रहे।