Sunday, December 22nd 2024

भारतीय संस्कृति के संरक्षक एवं संवर्द्धक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में स्वर्णिम भारत के सुनियोजित आधुनिक विकास एवं सशक्त भारत के निर्माण की आधारशिला

भारतीय संस्कृति के संरक्षक एवं संवर्द्धक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में स्वर्णिम भारत के सुनियोजित आधुनिक विकास एवं सशक्त भारत के निर्माण की आधारशिला

देहरादून/नई दिल्ली : पीएम मोदी के जन्मदिन को बीजेपी 17 सितंबर से दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती तक सेवा पखवाड़े के रूप में मनाएगी। इस दौरान पार्टी सेवा अभियान के तहत देश के सभी जिलों में  ‘अनेकता में एकता’ उत्सवों का आयोजन करेगी। ये अभियान 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के मौके पर शुरू होगा और दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर समाप्त होगा। अंत्योदय से आत्मनिर्भर भारत’ की दिव्य संकल्पना को साकार कर रहे भारतीय संस्कृति के संरक्षक एवं संवर्द्धक यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की हृदयतल से बधाई। प्रभु श्रीराम की कृपा से आपको दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति हो। आजीवन मां भारती की सेवा का परम सौभाग्य आपको प्राप्त होता रहे।

 

हर भारतीय के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि भारत के  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता दुनिया में अव्वल है। पीएम मोदी एक बार फिर 75 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के नेताओं से आगे निकल गए हैं। वैश्विक रेटिंग में शीर्ष पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता सातवें आसमान पर है। दुनियाभर में वह जहाँ भी जा रहे हैं उनके स्वागत के लिए लोग पलकें बिछाए दिखाई दे रहे हैं। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री द्वारा PM मोदी के पैर छूना। फिर अमेरिकी संसद में मोदी-मोदी की गूँज और अब मिस्र में सर्वोच्च सम्मान मिलना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। पीएम मोदी को दुनियाभर के 13 देश अब तक सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित कर चुके हैं।

मॉर्निंग कंसल्ट सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।सर्वे के मुताबिक, पीएम मोदी के बाद मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर (63%) का नंबर आता है। ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीस (58 फीसदी) तीसरे, इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी 54 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ चौथे स्थान पर रहे। 22 विश्व नेताओं की सूची में स्वीडन की प्रधानमंत्री मेगदालेना एंडरसन को 50 फीसदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को 41 फीसदी रेटिंग मिली है। बाइडन के बाद कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो को 39 फीसदी और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा 38 फीसदी रेटिंग मिली है।

पीएम मोदी कहते है ,वह निजी महत्वाकांक्षा के लिए नहीं बल्कि मिशन के लिए काम करते हैं. उन्होंने कहा, यदि कोई व्यक्ति महत्वाकांक्षा के लिए काम करता है तो उसके सामने आने वाला कोई भी उतार-चढ़ाव उसे परेशान कर सकता है, क्योंकि महत्वाकांक्षा पद, शक्ति, सुख-सुविधाओं के प्रति लगाव से आती है।                                                                        

पीएम ने कहा अगर कोई मिशन के तहत काम करता है तो उसकी हार जीत से कोई भी फर्क नहीं पड़ता है। किसी मिशन के लिए पूरी तरह समर्पित होना ही कभी खत्म न होने वाली ऊर्जा और आशा का स्रोत है। पीएम ने आगे कहा, इससे एक फायदा यह भी होता है कि यदि कोई व्यक्ति पूरी तरह से एक मिशन को लेकर प्रतिबद्ध है तो उसका ध्यान किसी अनावश्यक चीजों की तरफ नहीं जाता है। पीएम मोदी कि गारंटी है कि अगले पांच साल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। देश जब आर्थिक रूप से समृद्ध होता है तो सिर्फ तिजोरी नहीं भरती। देश का सामर्थ्य बढ़ता है, देशवासियों का सामर्थ्य बढ़ता है। पीएम मोदी का लक्ष्य अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, लोगों को सशक्त बनाना और भारत को एक विकसित देश बनाना है। जब देश में गरीबी कम होती है तो मध्यम वर्ग की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है. पीएम मोदी  नेतृत्व में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का ये कालखंड भारत के भविष्य को गढ़ रहा है।

ये प्रधानमंत्री ऐसे हैं जो आजादी के बाद देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं। आजादी के बाद सबसे ज्यादा एक भी छुट्टी लिए बगैर 24 घंटे में से 17 घंटे काम करने वाला कोई प्रधानमंत्री अगर है तो वह नरेंद्र मोदी हैं।आजादी के बाद कोई एक सरकार पर जनता को विश्वास है तो वह मोदी सरकार है। दो तिहाई बहुमत से दो-दो बार एनडीए को चुना गया। पूर्ण बहुमत से दो-दो बार भाजपा को चुना गया। 30 साल बाद पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार देने का काम नरेंद्र मोदी ने किया।आजादी के बाद सबसे ज्यादा किलोमीटर और सबसे ज्यादा दिन प्रवास करने वाला कोई प्रधानमंत्री है तो वह नरेंद्र मोदी हैं। बरसों सरकार चलती है तो दो-चार निर्णय ही ऐसे होते हैं जो युगों तक याद किए जाते हैं। मोदी सरकार के साढ़े नौ साल में कम से कम 50 फैसले ऐसे हैं जो युगांतकारी हैं। साढ़े नौ साल में मोदी जी ने नए प्रकार के राजनीतिक युग की शुरुआत की। भारतीय राजनीति भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टीकरण के नासूर से ग्रसित रही। मोदी जी ने पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस को तरजीह दी। मगर फिर भी कहीं दूर तक भ्रष्टाचार भी बैठा है, परिवारवाद दिखाई ही देता है और तुष्टीकरण की राजनीति दिखाई देती है। इसलिए मोदी जी ने तीनों को भारत छोड़ने का नारा दिया है।

देश ने पिछले साढ़े नौ वर्षों में ‘नेशन फर्स्ट’ के मंत्र के साथ हर क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व’ विकास देखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने बीते साढ़े 9 वर्षों में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ देशवासियों की आशा, अभिलाषा एवं आकांक्षाओं को पूर्ण किया है।सरकार के द्वारा लिया गया हर फैसला लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए था। मोदी सरकार के साढ़े 9 वर्ष सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित है। सरकार के 9 साल के 9 प्रमुख आधार सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण, नवाचार, दृढ़ इच्छाशक्ति, भ्रष्टाचार और आतंकवाद पर जीरो टोलरेंस, नीतिगत पहल साहसिक निर्णय तथा सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास रहा है। 2014 में सत्ता के केंद्र में स्थापित हुई मोदी सरकार ने इस दौरान कई बड़े फैसले लिए । आम जनता को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश समेत कई निर्णयों ने मोदी सरकार की स्वीकार्यता को बढ़ाया है।

पिछले साढ़े नौ वर्षों में ऐसे कई मौके आए । इन साढ़े नौ वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास से लेकर गरीब और महिला कल्याण के क्षेत्र में मिसाल देने जैसे काम किए । परंतु इन नौ वर्षों में उन्होंने ऐसे बड़े निर्णय लिए जो शायद सिर्फ मोदी ही कर सकते थे और जिसके लिए उन्हें इतिहास में सदैव याद रखा जाएगा । आज जब साढ़े नौ वर्षों के कार्यकाल की चर्चा होती है, तब बहुत सारे ऐसे काम हैं, जिन पर विस्तार से चर्चा हो सकती है पर कई ऐसे फैसले हैं, जो देश के युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों व कमजोर तबके को पीएम मोदी का मजबूत प्रशंसक बनाते हैं और वे मानते हैं कि ऐसे निर्णय सिर्फ मोदी के ही वश की बात है। तमाम मर्तबा तो विपरीत विचारधारा से जुड़े लोग भी बंद कमरों में यह मानते हैं कि मोदी ने राजनीति और वोट बैंक की बजाए देश की संप्रभुता, सुरक्षा और सांस्क़ृतिक गौरव को तरजीह दी।

 भारत ने पिछले 75 वर्षों में चंद्रमा पर पहुंचने सहित कई चीजें हासिल की हैं, लेकिन ये पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि देश को प्रधानमंत्री मोदी की कल्पना के अनुरूप महान राष्ट्र बनाना है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के दौरान दो लाख से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिसने देशभक्ति की भावना को फिर से जगाया है । ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से प्रत्येक भारतीय के मन में पैदा हुआ आत्मविश्वास हमारे साहसी सैनिकों के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए प्रेरणा का काम करता है, हमारे वैज्ञानिकों को कोविड-19 टीका विकसित करने के लिए सशक्त बनाता है, और इसरो वैज्ञानिकों को चंद्रमा और सूर्य की कक्षा तक पहुंचने का साहस प्रदान करता है । 25 साल बाद जब वर्तमान पीढ़ी एक महान भारत का नेतृत्व करेगी, तो उनके मन में यह संतुष्टि होगी कि पिछली पीढ़ी ने देश को महान बनाने में मदद की थी । हम चंद्रमा तक भी पहुंच गये हैं और अब सूर्य की परिक्रमा करेंगे, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है । गुलामी के लंबे कालखंड और लाखों लोगों के बलिदान के बाद प्राप्त हुई स्वतंत्रता, उसके बाद 75 वर्षों के पुरुषार्थ और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 सालों में भारत के हर व्यक्ति को महान भारत की रचना के साथ जोड़ने का प्रयास एक महान भारत की रचना के साथ सफल होगा ।

हर परिवार, हर व्यक्ति और हर बच्चा एक महान राष्ट्र के निर्माण में खुद को समर्पित कर सकता है । ‘हर घर तिरंगा’  और ‘मेरी माटी-मेरा देश’ जैसे कार्यक्रम की कल्पना केवल मोदी जैसा देशभक्ति से भरा व्यक्ति ही कर सकता है । विपरीत विचारधारा से ताल्लुक रखने वाले कुछ मित्र इस बात के लिए पीएम मोदी के प्रशंसक हैं कि 2014 में उनके कमान संभालने के बाद से देश में एक भी आतंकी हमला नहीं हुआ । वरना किसे याद नहीं 2014 के पहले की तस्वीर काशी हो या अयोध्या और लखनऊ, या फिर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई । आतंकी हमलों में निर्दोष लोग मारे जाते थे । दुनिया के सामने हमारी कमजोर छवि प्रस्तुत होती  और कई बार आतंकियों को दुर्भाग्यपूर्ण राजनीतिक संरक्षण मिलता था । ऐसे में कुछ लोग यह सवाल भी उठाते हैं कि 2014 में यदि देश का नेतृत्व मोदी के हाथों में नहीं आया होता तो आज क्या हालात होते। आज जब चीन से सटी भारत की सीमाओं पर हमारे जवान चीनी सैनिकों को पीट कर खदेड़ते हुए दिखते हैं तब देश में हर किसी का सीना चौड़ा होता है ।

भारत का सांस्कृतिक गौरव लौटाने का श्रेय भी पीएम मोदी के ही खाते में जाएगा । आज जब दुनिया में अयोध्या के भव्य राम मंदिर, वाराणसी में मां गंगा और विहंगम काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, प्रयागराज के कुंभ, उज्जैन में महाकाल दरबार की चर्चा होती है, तब ये लगता है कि भारत कि सांस्कृतिक ख्याति लौटने लगी है । और अब हमारी सांस्कृतिक धरोहरों और आध्यात्मिक पहचान को समेटे हुए स्थापित हुई नई संसद ने ये एहसास और पुख्ता किया है. नई संसद में पूरे विधि विधान से राजदंड सेंगोल की स्थापना ने ये एहसास भी करा दिया है कि राजधर्म के पालन में मोदी पीछे हटने वाले नहीं, फिर चाहे कितनी भी चुनौतियां सामने क्यूं न आएं ।

वर्ष 2014 से पहले देश की स्थिति ठीक नहीं थी, हर दिन एक घोटाला होता था और लग रहा था की देश पुनः ग़ुलाम हो जाएगा। लेकिन जब से देश की बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाली है तब से देश पुनः विश्व गुरु बनने की राह पर चल चुका है। यह सरकार सबका साथ सबका विश्वास वाली सोंच के साथ कार्य कर रही है। मोदी सरकार ने अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचने का कार्य किया है। मोदी जी गुलामी के चिन्हों को खत्म कर एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। नया संसद भवन बनाकर उन्होंने गुलामी के चिन्ह पर न चलने की एक मिसाल पेश की है।मोदी सरकार के 9 वर्ष सुरक्षा, राष्ट्रीय गौरव, विकास व गरीब कल्याण के अभूतपूर्व संयोजन के 9 वर्ष रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी के नेतृत्व की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार के नौ साल आजाद भारत की विकास यात्रा में नौ रत्नों के समान हैं। नौ वर्ष का यह समय बेशकीमती रहा है जिसमें भारत ने नए आयाम स्थापित किए है। इन वर्षों को तीन डी से परिभाषित किया जा सकता है,डेवलपमेंट(विकास),डिलीवरी (प्रदाय) और डिस्टिंक्शन (विशिष्ट)।

आज एक ओर मोदी जी के नेतृत्व में देश सुरक्षित है और विश्व में गौरव के नए आयाम बना रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने विकास व गरीब कल्याण के नए मापदंड स्थापित किए हैं। मोदी जी ने गरीब से गरीब व्यक्ति को घर, बिजली, गैस व स्वास्थ्य बीमा जैसी कई बुनियादी सुविधाएं देकर उनके जीवनस्तर को उठाया है। यह वर्ग पहली बार अपने आप को देश की विकास यात्रा से जुड़ा हुआ महसूस कर रहा है देश ने पहली बार ग्रामीण व शहरी भारत का समानांतर विकास देखा है। जहां कई विकसित देश अभी तक कोरोना महामारी के प्रभाव से नहीं उभर पाए, वहीं नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व के लिए आदर्श बनी है। आधुनिकता व सांस्कृतिक विरासत को साथ लेकर मोदी जी आत्मनिर्भर भारत की ओर संकल्पित भाव से कार्यरत हैं। पहले दुनिया जीडीपी-केंद्रित थी, अब मानव-केंद्रित हो रही है, और इसमें भारत की बड़ी भूमिका है। पीएम ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास विश्व कल्याण के लिए भी एक मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है। 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बन जाएगा।हमारे राष्ट्रीय जीवन में भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता की कोई जगह नहीं होगी। G20 में हमारे शब्दों और विजन को दुनिया हमारे भविष्य के लिए एक रोडमैप के रूप में देखती है, और यह केवल एक विचार नहीं है।लंबे समय तक भारत को एक अरब भूखे पेट वाले देश के रूप में जाना जाता था, अब एक अरब एसपिरेश्नल माइंडसेट, दो अरब स्किल्ड हैंड्स हैं।भारतीयों के पास आज भविष्य की नींव रखने के लिए अच्छा मौका है। आज के विकास की नींव अगले एक हजार साल का भविष्य तय करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कभी कुर्सी (प्रधानमंत्री पद) की परवाह नहीं की। उन्होंने हमेशा देश की परवाह की और देश के लिए जो भी जरूरी था, वह किया।

कभी एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया चलता है, तो वह नीचे तक पहुंचते-पहुंचते मात्र 15 पैसे ही रह जाता है।यह बयान भारत की साख पर एक घिनौना धब्बा बनकर दशकों तक चिपका रहा और भ्रष्टाचार का मुहावरा बन गया था। लेकिन 2014 के बाद यह दाग तब मिटा जब नरेंद्र भाई मोदी जी ने भारी जनादेश से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले ‘जनधन योजना’ के तहत हर गरीब का (लगभग 50 करोड़) बैंक खाता खोलने का परिवर्तनकारी नवाचार किया। परिणाम यह हुआ कि अंतिम व्यक्ति के लिए दिल्ली से चलने वाला 100 पैसा डीबीटी के जरिए गरीबों के खाते में सीधे जाने लगा। कल्याणकारी योजनाओं के 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को बाहर कर दिया। अब कोई बिचौलिया गरीब का हिस्सा नहीं खा सकता। मोदी सरकार की यह पहली योजना राष्ट्रीय नवाचार की शुरुआत थी, जिसने पार्टी के अंत्योदय को साकार किया। नौ साल के अंदर देश भर में व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा हुआ है। एक ओर सड़कों का जाल बिछ रहा है,  बड़े-बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं,  वहीं, भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा है। मोदी सरकार निष्कलंक रूप से अपना राष्ट्रीय कर्तव्य निभा रही है। इसलिए मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल की यह एक महान आश्वस्ति है कि अब भ्रष्टाचार के लिए यहां कोई जगह नहीं ।  9 वर्षों के कार्यकाल में देशभर में 3.5 करोड़ से ज्यादा परिवारों को पक्का घर दिलवाया गया। 11.72 करोड़ इज्जत घरों का निर्माण कर देश की मां, बेटियों की इज्जत, सुरक्षा और स्वाभिमान बढ़ाया गया। नल से जल योजना के तहत 12 करोड़ घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाया गया। देश की माता एवं बहनों को धुएं से होने वाली बीमारियों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 9.6 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया।

विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख तक की मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई।केंद्र सरकार की जन आरोग्य योजना के तहत 4.44 करोड़ लोगों का इलाज हुआ। देश के 9300 से अधिक जन औषधि केंद्रों पर सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई गई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के 12 करोड़ किसानों को हर साल किसानों को सालाना रूपये 6000 सम्मान राशि के रूप में उनके खातों तक पहुंचाई गई।छोटे कारोबारियों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए मोदी सरकार ने किसानों की तरह ही प्रधानमंत्री लघु व्यापारिक मानधन योजना शुरू की है. जिसमें उन्हें 60 साल की उम्र पूरा होने के बाद हर माह 3000 रुपये पेंशन मिलेगी। केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, किसानों और व्यापारियों तीनों की पेंशन स्कीम शुरू की है। कोशिश है कि हर वर्ग के लोग अपने बुढ़ापे में किसी के आगे हाथ न फैलाएं। बल्कि वो पेंशन लेकर सम्मानित जीवन व्यतीत करें.वैश्विक महामारी कोविड काल के दौर में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने रिकॉर्ड समय में कोरोना का टीका बनाया। कोरोना काल में केन्द्र सरकार ने 220 करोड़ वैक्सीन लगाकर लोगों को सुरक्षित किया।

सरकार ने देश को सुरक्षित करने के साथ पड़ोसी देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराई।मोदी सरकार की जनधन योजना के तहत देशभर में 48.93 करोड़ लोगों ने अपने बैंक खाते खुलवाए। ये खाता जीरो बैलेंस के साथ शुरू होता है. पीएम मोदी की मुद्रा योजना में लोगों को 10 लाख रुपए तक बिना गारंटी के सस्ता ऋण दिया गया. इस योजना के तहत अब तक 40.82 करोड़ लोगों को 23.2 लाख करोड़ का कर्ज दिया गया.2014 में देश के अंदर मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 थी, जो अब बढ़कर 692 हो चुकी है। 2023 में एम्स की संख्या बढ़कर 24 हो चुकी है, जो 2014 में केवल 6 थी. 2014 तक देश में 723 यूनिवर्सिटी थीं, जो 2023 में बढ़कर 1472 हो चुकी हैं. 2014 तक देश में 16 आईआईटी संस्थान थे, जो 2023 में बढ़कर 23 हो चुके हैं। 2014 तक देश में 13 आईआईएम थे, जो अब 20 हो चुके हैं. 74 नए एयरपोर्ट, 54 हजार कि.मी. नए हाईवे का निर्माण सुशासन व विकास की दिशा में मील का पत्थर हैं।2014 में भारत की बिजली उत्पादन क्षमता 2.34 लाख मेगावाट थी, जो 2023 में बढ़कर 4.17 लाख मेगावाट हो गई. 2014 तक देश में 13 करोड़ गैस कनेक्शन थे, जो 2023 में बढ़कर 31 करोड़ हो गए। 2014 तक देश में नेशनल हाईवे की पहुंच 91,287 किमी तक थी, जो 2023 में 1.44 लाख से ज्यादा हो गई. 2014 तक देश में एयरपोर्ट की संख्या 74 थी, जो 2023 में बढ़कर 148 हो गई. 2014 तक देश में रेल मार्गों का 21,614 किमी हिस्सा ही इलेक्ट्रिक लाइन से जुड़ा था. 2023 में ये बढ़कर 58,812 किमी तक पहुंच गया। मोदी शायद पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए प्रौद्योगिकी का इतना अधिक उपयोग किया है। उनकी सरकार के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस ( UPI ) ने गांवों में भी डिजिटल भुगतान की सुविधा देकर भारत की अर्थव्यवस्था में क्रांति ला दी है. UPI पर व्यापारी भुगतान वित्त वर्ष 26 तक $1 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। वर्तमान में लगभग 6 मिलियन से वित्त वर्ष 26 तक पॉइंट ऑफ़ सेल्स टर्मिनलों के दोगुना होकर 13 मिलियन होने की उम्मीद है। 2016 में इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के लागू होने से व्यथित व्यवसायों के लिए कुशल और समयबद्ध तरीके से दिवालियापन को हल करने के लिए एक-चरण तंत्र की पेशकश की। यह एक आवश्यक सुधार था जब भारत के पीएसयू बैंक खराब ऋणों से परेशान थे।

मोदी की मेक इन इंडिया परियोजना का उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को बदलना है जो पारंपरिक रूप से संचालित है। सेवाओं ने भारत की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण से अधिक योगदान दिया है। मेक इन इंडिया कार्यक्रम को हाल ही में एक दर्जन से अधिक विनिर्माण क्षेत्रों विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर चिप्स में प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की घोषणा के साथ बढ़ावा मिला. सरकार ने महंगाई को काबू में रखने के लिए कई कदम उठाए हैं. भारत की ग्रोथ से दुनिया के हितों को भी मदद मिल रही है। 2022 में दुनिया के मुकाबले भारत की महंगाई कम है। अर्थव्यवस्था, एजूकेशन, सोशल, एम्पॉवरमेंट में रिफॉर्म किया है। रक्षाबंधन पर सिलेंडर के दाम घटाए गए हैं ।

जब मोदी ने 2014 में मेक इन इंडिया कार्यक्रम शुरू किया था, तो कई ना कहने वाले थे जिन्हें संदेह था कि क्या भारत एक विनिर्माण शक्ति के रूप में उभर सकता है।इसके लिए एक प्रशिक्षित श्रम बल और बहुत सारी पूंजी की आवश्यकता थी. नौ साल बाद, मेक इन इंडिया योजना आखिरकार ट्रैक पर दिख रही है क्योंकि ऐप्पल भारत में अपनी विनिर्माण इकाई स्थापित कर रहा है, जो पश्चिमी कंपनियों के लिए एक शक्तिशाली संकेत है जो अपने विनिर्माण को चीन से दूर करना चाहते हैं। कोई कह सकता है कि मेक इन इंडिया की शुरुआत सही समय पर हुई थी। इसके लॉन्च के आठ वर्षों में, वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियां भारत के पक्ष में बदल गई हैं । भारत विश्व बैंक के लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स 2023 में छह स्थान ऊपर चढ़ गया, क्योंकि सॉफ्ट और हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ टेक्नोलॉजी में निवेश ने देश को अपने बंदरगाह के प्रदर्शन में सुधार करने में मदद की।

भारत अब 139 देशों के सूचकांक में 38वें स्थान पर है, जो 2018 में 44वें स्थान पर था। भारत का लक्ष्य 2030 तक शीर्ष 25 देशों में शामिल होना है. सड़कों, रेलगाड़ियों, रेलवे, बंदरगाहों और पुलों के निर्माण के लिए मोदी के व्यापक अभियान के साथ, एक रसद नीति पूरे भारत में माल की आवाजाही को तेज करके भारत के व्यापार में क्रांति लाने के लिए तैयार है। भारतीयता के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू कर मोदी सरकार ने सच्ची स्वाधीनता की नींव रखी है। नौ साल पीछे मुड़कर देखें तो पता चलता है कि हमारे न जाने कितने प्रतिभाशाली खिलाड़ी अभाव के चलते आगे नहीं बढ़ सके, ‘खेलो इंडिया’ के माध्यम से देश का माथा दुनिया में ऊँचा हो रहा है। अंतिम पायदान पर खड़ा प्रतिभाशाली खिलाड़ी अब शीर्ष पर पहुंचकर अपने सपने पूरे कर रहा है। मोदी जी की रुचि,उनके प्रोत्साहन और संवाद ने देश की खेल भावना को नई ऊंचाई दी है।आंकड़े गवाह हैं कि हर खेल में भारतीय खिलाड़ी इतिहास रच रहे हैं।

नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश से लेकर विदेश तक हर मोर्चे पर सफल रही। 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया था।जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करना आसान काम नहीं था, लेकिन केन्द्र सरकार ने इसे पूरा किया। प्रधानमंत्री मोदी के खाते में यूं तो पिछले 9 वर्षों के दौरान उपलब्धियां ही उपलब्धियां हैं. पर मुस्लिम बहनों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार कुरीति तीन तलाक को जड़ से खत्म करने का उनका फैसला हमेशा याद रखा जायेगा। पूर्व पीएम राजीव गांधी इस बात के सबसे बड़े उदाहरण हैं कि कैसे प्रचंड जनादेश से बनी कोई सरकार महज वोटों के लालच में जानते बूझते हुए बुराइयों के आगे घुटने टेकती है।राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 2020 में मोदी सरकार ने राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर दिया। 2021 में कोरोना से बचाव के लिए मोदी सरकार ने स्वदेशी वैक्सीन के जरिये टीकाकरण अभियान की शुरुआत की. डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए 2022 में मोदी सरकार ने 5G सेवाओं की शुरुआत की।

भारत में हाल ही में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन की “ऐतिहासिक और अभूतपूर्व” सफलता के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है। भारत की G20 की अध्यक्षता को हमेशा “पीपुल्स G20” के रूप में मनाया जाएगा।अपने प्रस्ताव में, भाजपा संसदीय बोर्ड ने शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी द्वारा प्रदर्शित “त्रुटिहीन नेतृत्व और अटूट प्रतिबद्धता पर बहुत गर्व” व्यक्त किया। भाजपा ने कहा कि G20 दिल्ली शिखर सम्मेलन भारत के कूटनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और वैश्विक मंच पर भारत को कैसे देखा जाता है और उसके साथ कैसे जुड़ा है, यह एक परिवर्तनकारी क्षण का प्रतिनिधित्व करता है। प्रस्ताव में कहा गया है कि, “लोगों के प्रतिनिधियों के रूप में, हम अपने विश्वास पर दृढ़ हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत लगातार विकास, सहयोग और वैश्विक नेतृत्व द्वारा चिह्नित एक पाठ्यक्रम तैयार करेगा, एक ऐसी विरासत तैयार करेगा जिसे आने वाली पीढ़ियां आशा और सकारात्मकता के साथ देखेंगी।”

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को दिसंबर 2022 से नवंबर 2023 तक जी—20 की अध्यक्षता करने का गौरव हासिल हुआ। भारत को जी-20 की अध्यक्ष मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम यानी एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य. ये जी-20 की अध्यक्षता के प्रति हमारे नजरिए को उपयुक्त रूप से दर्शाता है । हमारे लिए पृथ्वी एक परिवार की तरह है और किसी परिवार में हर एक सदस्य का भविष्य हर दूसरे सदस्य के साथ गहराई से जुड़ा होता है । इसलिए जब हम एक साथ काम कर रहे होते हैं तो एक साथ आगे बढ़ते हैं किसी को पीछे नहीं छोड़ते । ऐतिहासिक रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बैठकों की मेजबानी के लिए दिल्ली से परे सोचना बहुत मुश्किल भरा काम होता था. कश्मीर जैसे देश भर के कई शहरों में जी20 शिखर सम्मेलन के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं । यह उन पिछली परंपराओं से हटकर है, जब देश के एक या दो प्रमुख शहरों में ही ऐसे आयोजन किए जाते थे । पीएम मोदी ने कहा, ‘यह सुविधा या लोगों में विश्वास की कमी के कारण हो सकता है । हमने यह भी देखा है कि कैसे विदेशी नेताओं कि यात्राएं भी मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजधानी या कुछ अन्य स्थानों तक ही सीमित रही हैं ।’ लोगों की क्षमताओं और भारत की अद्भुत विविधता को देखने के बाद, पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने एक अलग नजरिया विकसित किया है और उनकी सरकार ने पहले दिन से ही दृष्टिकोण को बदलने पर काम किया है । भारत की जी20 अध्यक्षता के अंत तक, सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 60 शहरों में 220 से अधिक बैठकें हो चुकी होंगी । लगभग 125 देशों के 1 लाख से अधिक प्रतिभागियों ने भारत का दौरा कर लिया होगा. भारत में 1.5 करोड़ से अधिक व्यक्ति इन कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं या उनके विभिन्न पहलुओं से अवगत हुए हैं ।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “इस स्तर की बैठकें आयोजित करना और विदेशी प्रतिनिधियों की मेजबानी करना एक ऐसा प्रयास है जो बुनियादी ढांचे, रसद, संचार कौशल, आतिथ्य और सांस्कृतिक गतिविधियों के मामले में खास क्षमता निर्माण की मांग करता है । जी20 प्रेसीडेंसी का हमारा लोकतंत्रीकरण देश भर के विभिन्न शहरों के लोगों, विशेषकर युवाओं की क्षमता निर्माण में हमारा निवेश है ।”

कोविड काल में प्रधानमंत्री देश के हर एक व्यक्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में जुटे थे। उस समय सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस शताब्दी का सबसे घटिया बयान देते हुए कोविड की वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन बताया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण आज पूरे विश्व में भारतीय होने पर गर्व महसूस किया जाता है। बची।2014 में सत्ता के केंद्र में स्थापित हुई मोदी सरकार ने इस दौरान कई बड़े फैसले लिए. आम जनता को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश समेत कई निर्णयों ने मोदी सरकार की स्वीकार्यता को बढ़ाया. मोदी सरकार में विदेशी मुद्रा भंडार ढाई गुना तक बढ़ा है। इन 9 सालों में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है ।

सरकार की योजनाएँ तब अद्भुत परिणाम देती हैं, जब उनको लागू करने वाले नेतृत्व की नीयत साफ हो। शीर्ष पद पर रहते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने   किशोरों,  युवाओं,  दिव्यांगों,महिलाओं,  बुजुर्गों,  उद्यमियों,  लोकसेवकों सहित सभी से संवाद का संबंध बनाया है। उन्होंने सभी वर्गों को मोटिवेट व जागृत किया है और पंचप्रण जैसे संकल्पों में सबका साथ लेकर भारत को परम वैभव के मार्ग पर पुनः उन्मुख किया है। प्रधान सेवक के तौर पर उनके इस योगदान को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में नरेंद्र मोदी जी को मिला जनादेश भारत में परिवर्तन और प्रगति के लिए था। नवाचारों के जरिए राष्ट्रीय पुनर्निर्माण कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल भारतीय लोकतंत्र में कालजयी बन गया है।

सपा सरकार ने कांवड़ यात्रा, बसपा ने थाने में जन्माष्टमी और कांग्रेस ने तो रामजन्म भूमि में पूजा करने पर रोक लगा दी। भाजपा की सरकार आते ही भव्य जन्माष्टमी, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, बरसाना में होली, अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू हो गया। कांवड़ यात्रा भव्यता के साथ निकल रही है। अब सभी रामभक्त बनने की होड़ में हैं। यह जनता और लोकतंत्र की ताकत है। भाजपा के लिए राष्ट्रधर्म सर्वेपरि है। हमारे कार्यक्रम में वंदेमातरम् गूंजता है। सपा, बसपा और कांग्रेस की सभा में ऐसा नहीं हो सकता। पहले धारा 370 पर कोई पार्टी इसलिए नहीं बोलती थीं कि उनका वोट बैंक खिसक जाएगा। लेकिन हमने धारा 370 भी हटाई और राममंदिर भी बना रहे हैं। हम जो कहते हैं वह करते हैं।

1913 में माता अन्नपूर्णा की मूर्ति चोरी हो गई थी। जिसे पीएम मोदी ने कनाडा में देखा और मूर्ति को वापस लाए। भाजपा सरदार पटेल की विचारधारा पर काम करती है। जबकि, विपक्षी दल जिन्ना की।यह जनता को तय करना होगा कि उन्हें पटेल को चाहने वाले चाहिए या फिर जिन्ना। राम जन्मभूमि के लिए भाजपा ने लंबा संघर्ष किया है। मोदी सरकार ने जनता के सपनों को पूरा करने का काम किया है। मोदी ने अपने सुधारवादी एजेंडे में एक अभूतपूर्व उत्साह किया पैदा किया. मोदी सरकार ने अपने नौ साल पूरे कर लिए, इस वक़्त उनके विरोधियों और समर्थकों के बीच विचारों की खींचातानी चल रही है. मोदीनॉमिक्स के समर्थकों और विरोधियों के बीच भारत तेजी से विभाजित होने के साथ, यह बहस का विषय हो सकता है कि मोदी के उपाय अर्थव्यवस्था के लिए कितने अच्छे साबित हुए हैं. नौ साल के दौरान भाजपा सरकार द्वारा लायी गई योजनाओं के कारण समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की जिंदगी में जबरदस्त बदलाव आए हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के गांव गरीबों का किया उत्थान हैं। 2024 के चुनाव में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी 400 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी.

प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी को देश की कमान संभालते हुए नौ साल पूरे हो चुके हैं। आज किसी भी देश की भारत को टेढ़ी नजर से देखने की हिम्‍मत नहीं है। भारत ने हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्‍छे संबंध बनाए रखने की कोशिश की, आज भारत को उसी भाषा में जवाब दे रहा है। आज भारतीय सीमाएं सुरक्षित हैं, ये मोदी सरकार की ही देन है। उन्‍होंने कहा अलगाववाद, आतंकवाद और नक्‍शलवाद को पूरी तरह नियंत्रित करने में मोदी सरकार सफल रही है। मोदी सरकार में देश की जनता का जीवन सुधरा है। देश ने इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास किया है, इसके साथ ही इंटरनेशलल स्‍तर पर भारत के सम्‍मान में बढ़ोत्‍तरी हुई है। मोदी सरकार के कार्यकाल में वैश्विक स्‍तर पर भारत का सम्‍मान बढ़ा है। पापुआ न्‍यू गिनी में प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के पैर छूकर स्‍वागत किया। वहीं आस्‍ट्रेलियां में प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के व्‍यक्तित्‍व की तारीफ की और तो और अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऑटोग्राफ लेने की बात कही।

पाक अधिकृत कश्‍मीर (पीओके) से आवाज अठ रही है कि पाकिस्‍तान से मुक्ति देकर भारत में हमें फिर से शामिल करें। दुनिया को आतंकवाद की भट्टी में झोंकने वाले पाकिस्‍तान में रोटियों के लिए छीन-झपटी मची हुई है। भारत का सबसे उपजाऊ जमीन पाकिस्‍तान में चल गरई लेकिन पाकिस्‍तान संभाल नहीं गया और आज वो दरिद्र हो गया है और भारत की इकनॉमी 10 नंबर पर थी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में बीते नौ सालों के दौरान देश ने हर क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास देखा है और देश सारी दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है। नौ वर्षों में हमारी सरकार द्वारा न केवल वंचित, शोषित लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा बल्कि उनका सशक्तिकरण भी किया है। आज दुनिया के बड़े बड़े अर्थशास्त्री, विश्लेषक, विचारक सभी एक स्वर में कह रहे हैं कि 21वीं सदी भारत की सदी है आज पूरी दुनिया भारत को लेकर एक विश्वास से भरी हुई है।2014 में पदभार संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर नीति में भारत प्रथम के संकल्प को स्थापित किया है। प्रधानमंत्री ने सुनिश्चित किया है कि इस विकास यात्रा में कोई व्यक्ति, कोई वर्ग, कोई भूभाग और देश का कोई कोना नही छूटना नहीं चाहिए।पीएम मोदी ने कहा, मैं चुनाव हारने या जीतने के लिए राजनीति में नहीं आया। मेरी नजर में राजनीति का मतलब देश की तरक्की है।साल 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य चुनावी नारा नहीं है। देश 25 सालों में कैसे विकसित होगा, इसकी तैयारी शुरू करनी होगी। देश के 60 करोड़ गरीबों को उनके जीवन में नई आशा का संचार अगर किसी ने दिया है तो वह मोदी सरकार ने दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब दुनिया में विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शुमार होगा. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ग्लोबल फाइनेंशियल ऑर्डर में 10वें नंबर से ऊपर उठकर अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. ये ऐसे ही नहीं हुआ है. इसके लिए लीकेज को हमने बंद किया, मजबूत अर्थव्यस्था बनाई, हमने गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च करने का प्रयास किया.

पिछले 9 सालों में अपने देश के अंदर भी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के नजरिए का पालन किया है. आज इस मॉडल की सफलता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है. ‘‘हमें तय करना होगा कि युवाओं के हाथ में तमंचे हो या युवाओं के हाथ में टैबलेट और स्मार्टफोन हो। हमें तय करना है कि गलियों में अपराधियों की गोलियों की तड़तड़ाहट होनी चाहिए या फिर भजन, गंगा का प्रवाह सुनाकर लोगों के जीवन में परिवर्तन।’’

भारत को महान देश बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पांच प्रतिज्ञाएं- गुलामी की मानसिकता को दूर करना, देश की परंपराओं और मूल्यों पर गर्व करना, एकता और अखंडता के लिए जीवन समर्पित करना, देश की सुरक्षा और नागरिकों में कर्तव्य की भावना जागृत करना, विकसित भारत का लक्ष्य हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में जाति, मजहब या किसी का चेहरा देखे बिना सभी तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास की एक नई आभा के साथ दुनिया के सामने चमकता हुआ दिखाई दे रहा है।

लेखक : नरेश बंसल, राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष भाजपा एवं राज्यसभा सांसद