पुरानी पेंशन के लिए कर्मचारियों ने कसी कमर, आंदोलन को नए साल पर मजबूत करने का आह्वाहन, 1 जनवरी को मनाया जाएगा काला दिवस
31-12-2020 19:49:47 By: एडमिनकोटद्वार । राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में 1 जनवरी को पुरानी पेंशन बहाली के लिए एक दिवसीय काला दिवस मनाने का निर्णय लिया है प्रदेश में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि नई पेंशन योजना में कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद गुज़ारे लायक भी पेंशन प्राप्त नहीं कर पा रहा है। जिसके कारण नई पेंशन योजना को लेकर कर्मचारियों में रोष है । पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए केंद्र को सरकार ने पत्र लिखा है लेकिन अभी तक केंद्र द्वारा इस पर ध्यान नही दिया गया।
प्रदेश संयोजक मिलिन्द बिष्ट ने कहा कि यह वही काला दिन था जिस दिन से सम्पूर्ण देश में OPS के स्थान पर NPS लागू हुई।यही वह दिन है जिसने सरकारी सेवक के भविष्य को अपने अंधकार के आगोश में ले लिया।हम सभी NPS आच्छादित इस दिवस को पूरे उत्तराखण्ड में काले दिवस के रूप में याद रखेंगे।समस्त कर्मचारियों से निवेदन है कि है 1 जनवरी को काली पट्टी या काला मास्क पहनकर विरोध करें।अपनी सभी सोशल मीडिया की प्रोफाइल अंधकारमय रखेंगे। शाम 3 बजे से 6बजे तक अपने ट्विटर एकाउंट से nps_black_day ट्वीट करें।प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा जब तक पुरानी पेंशन बहाल नही हो जाती तब तक यह संघर्ष अनवरत रूप से जारी रहेगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत के नेतृत्व में पूरे देश मे सँयुक्त मोर्चा ने लगातार कोरोना काल मे भी ईमानदारी से सँघर्ष को जारी रखा है जिसे कर्मचारियों का लगातार साथ मिल रहा है। इसी सँघर्ष का परिणाम है कि सरकार पुरानी पेंशन के लिए नींद से जाग गयी है और केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया। आज देश के 66 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए 1 दिन का काला दिवस मना कर नई पेंशन योजना का विरोध कर सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि पुरानी पेंशन को बहाल कर कर्मचारियों को बुढापे की चिंता से मुक्त करें।सरकार हमारे प्रयासों पर ध्यान दे रही है हाल ही में विधान सभा मे भी संयुक्त मोर्चे के प्रयासों से सत्ता पक्ष के विधायकों ने विधानसभा सत्र में मांग रखी। यह बहुत अच्छी बात है लेकिन राज्य सरकार के मात्र पत्र लिख देना भर हमारी जीत नही है । हमने कोरोना के काल मे उस माध्यम को अपना हथियार बनाया है जिस पर सारा भारत ध्यान दे रहा था। हम और हमारी सँयुक्त मोर्चा की उत्तराखंड की सम्पूर्ण टीम हालात सामान्य होते ही जल्द ही धरातल पर वृहत आन्दोलन की योजना पर काम कर रहे हैं जिसमे प्रत्येक ब्लॉक से भागीदारी सुनिश्चित है।
प्रदेश महिला उपाध्यक्ष योगिता तिवारी ने समस्त कर्मचारियो ने ट्विटर पर शाम 3 बजे से 6 बजे तक हैशटैग nps_black_day को ट्वीट कर सोशल मीडिया पर मुद्दे को चर्चा में बनाये रखने की अपील की है।काला दिवस असल मे उस काले कानून का विरोध है जो 17 साल पहले बिना कर्मचारियों से सलाह किये हुए सरकार ने कर्मचारियों पर थोप दिया था। पुरानी पेंशन के प्रति जागरूकता अब धीरे धीरे कर्मचारियों में अलख जगा रही है जिसके कारण लोग एक जुट हो रहे हैं। उत्तराखंड में 2 लाख के आस पास कर्मचारी है ये कर्मचारी यदि पेंशन के लिए एक जुट हो जाएं तो सरकार अवश्य पुरानीपेंशन को बहाल करेगी। यदि पुरानी पेंशन बहाल नही हुई तो यह बात सुनिश्चित है कि बुढ़ापे में nps की वजह से कर्मचारी और उसके परिवार को दर दर की ठोकरे खानी पड़ेंगी.
प्रत्येक जिले से राज्य के हज़ारों कर्मचारियों के साथ जयदीप रावत, नरेश भट्ट, देवेंद्र बिष्ट , सौरभ नौटियाल ,लक्ष्मण रावत, निर्मल थापा, भवान सिंह नेगी, डॉ कमलेश कुमार मिश्रा प्रवीण भट्ट, , रेनु डांगला,निर्मला थापा, भवान नेगी, कमलेश मिश्रा, जसपाल रावत, गुरुदेव रावत, मिलिन्द बिष्ट, आलोक पांडेय, पूरन सिंह फर्स्वाण, अनिल जोशी, देवेंद्र मेहता, तरुण तिवारी, कमलेश पांडेय, पंकज बधानी, नवीन चंद्र सैनी, गुरुदेव रावत, माधव नौटियाल, जितेंद्र बिष्ट, कुमाऊँ मण्डल से कपिल पांडे, राजीव कुमार, रेनु डांगला, त्रिभुवन बिष्ट, राजेन्द्र शर्मा, दया जोशी, सुबोध कांडपाल, भास्करानंद इत्यादि ने समस्त कर्मचारियों से अपील की है।